अजमेर शरीफ दरगाह (Ajmer Sharif) राजस्थान में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की कब्र है. अजमेर शरीफ दरगाह अजमेर रेलवे स्टेशन से 2 किलोमीटर दूर और सेंट्रल जेल से 500 मीटर दूर है. यहां सैलानियों का तांता हमेशा लगा रहता है.
नवंबर 2024 को उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू सेना की तरफ से विष्णु गुप्ता ने याचिका ने दाखिल की. याचिका में दरगाह को शिव मंदिर बताया जा रहा है. इस याचिका को निचली अदालत ने मंजूर कर लिया है. इसका मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है (Ajmer Sharif Controversy).
मोइनुद्दीन चिश्ती 13वीं सदी के सूफी संत और दार्शनिक थे. वे सुल्तान इल्तुतमिश (मृत्यु 1236) के शासनकाल के दौरान दिल्ली पहुंचे. इसके तुरंत बाद मोइनुद्दीन दिल्ली से अजमेर चले गए. उस दौरान वे प्रसिद्ध सुन्नी हंबली विद्वान और रहस्यवादी अब्दुल्ला अंसारी (मृत्यु 1088) के लेखन से बहुत प्रभावित हुए. अजमेर में अपने समय के दौरान ही मोइनुद्दीन ने एक करिश्माई उपदेशक और शिक्षक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की.
अजमेर शरीफ दरगाह भारत में स्शित पवित्र मुस्लिम तीर्थस्थलों में से एक है. यहां सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग आते हैं.
अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि मोदी जी ने ये सुनिश्चित किया है कि 'सौगात-ए-मोदी' देश के 22 लाख लोगों तक पहुंचे. मेरा मानना है कि वक्फ बिल में संशोधन की जरूरत है. उम्मीद है कि इस बिल से पारदर्शिता आएगी. विरोध और समर्थन करना लोकतंत्र का हिस्सा है. संवैधानिक तरीके से अगर कोई विरोध कर रहा है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि वक्फ में बदलाव की जरूरत है.
राजस्थान के अजमेर में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता पर शनिवार सुबह फायरिंग किए जाने की खबर है. गनीमत रही कि गोली उनको नहीं लगी और वो बच गए. गुप्ता अजमेर से दिल्ली जा रहे थे. इसी दौरान घटना होना सामने आया है. पूरी खबर जानने के लिए देखें वीडियो.
शाहरुख खान Shah Rukh Khan के बॉडीगार्ड bodyguard रह चुके यूसुफ इब्राहिम Yusuf Ibrahim ने हाल ही में एक बातचीत में सुपरस्टार से जुड़ा एक किस्सा सुनाया. यूसुफ ने उस वक्त को याद किया जब शाहरुख Shah Rukh Khan ने आईपीएल के दौरान अजमेर शरीफ दरगाह Ajmer Sharif जाने की ख्वाहिश जाहिर की थी.
संभल मस्जिद विवाद पर अब भी सियासत गरमा रखी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सर्वे जारी है. ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर सवाल उठाए हैं. इस बीच अब पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह चादर भेजी है और भाईचारे का संदेश दिया है. मोदी के बाद खड़गे ने भी चादर भेजी है. ऐसे में सवाल ये कि क्या सहूलियत की सियासत हो रही है? मंदिर-मस्जिद विवादों के बढ़ने से देश का विकास रुक रहा है? देखें हल्ला बोल.
असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी द्वारा दरगाह पर चादर भेजने पर तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि चादर भेजने से अब कोई फायदा नहीं, जब देश भर में मस्जिदों और दरगाहों की खुदाई की मांग हो रही है. ओवैसी ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर मोदी सरकार के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि सरकार का इस पर कोई स्पष्ट स्टैंड नहीं है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में सात से अधिक मस्जिदों और दरगाहों के मुद्दे का जिक्र किया, जहां से पीएम मोदी सांसद हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में आज शनिवार को चादर पेश की जाएगी. मोदी के कार्यकाल में यह 11वीं बार होगा जब दरगाह में चादर पेश की जाएगी. जानकारी के मुताबिक गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री किरेन रिजिजू को चादर सौंपी थी.
अजमेर शरीफ दरगाह में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 800वें उर्स पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई. रिजिजू ने कहा कि यह देश की पुरानी परंपरा है और पीएम मोदी हर साल उर्स के दौरान चादर भेजते हैं. उन्होंने बताया कि यह 11वीं बार है जब पीएम ने चादर भिजवाई है. रिजिजू ने इस कार्य को भाईचारे का संदेश बताया और कहा कि यह प्रधानमंत्री का देश के प्रति प्रेम दर्शाता है.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दी गई चादर लेकर अजमेर शरीफ दरगाह पहुंचे. इससे पहले वे दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन की दरगाह पर भी चादर चढ़ा चुके हैं. रिजिजू के साथ अल्पसंख्यक मामलों से जुड़े कई अधिकारी और अन्य लोग भी मौजूद थे. यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी का संदेश लेकर की गई है. अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दी हुई चादर मंत्री किरेन रिजिजू ने निजामुद्दीन औलिया की दरगाह में चढ़ाई. हर साल की तरह इस बार भी पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ की दरगाह हेतु चादर भेजी. इस बार यह चादर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को सौंपी गई थी.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को ये चादर सौंपी गई है. हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह के बाद ये चादर अजमेर भेजी जाएगी.
अजमेर शरीफ दरगाह में 4 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की जाएगी. अजमेर शरीफ दरगाह भारत की सबसे मशहूर सूफी दरगाहों में से एक है. हर साल लाखों की संख्या में लोग उर्स उत्सव का जश्न मनाने के लिए अजमेर दरगाह पहुंचते हैं. बता दें, अजमेर दरगाह को लेकर राजनीति चरम पर है. दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा किया गया है.
PM मोदी सौहार्द, शांति, एकता के संदेश के साथ 11वीं बार अजमेर शरीफ में चादर भेज रहे हैं. सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलने वाले प्रधानमंत्री हर बार चादर भेजते आ रहे हैं तो क्या उस सियासी विवादों पर भी चादर पड़ेगी, जहां अजमेर से लेकर दूसरी जगहों पर मंदिर का दावा होता है. देखें...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए खास चादर भेजी है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि यह धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक विविधता के प्रति उनकी गहरी श्रद्धा को दर्शाता है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू को पीएम ने चादर सौंप दिया है, वे इसे निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर ले जाने के बाद अजमेर भेजेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर अपनी श्रद्धा को प्रदर्शित करते हुए अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजने का निर्णय लिया है. यह चादर ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्तीके उर्स के मंगल अवसर पर 4 जनवरी को पेश की जाएगी. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और भारतीय जनता पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी इस महत्वपूर्ण आयोजन का हिस्सा होंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्यारहवीं बार अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेजी है. यह चादर 4 जनवरी को ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान पेश की जाएगी. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी पहले निजामुद्दीन औलिया की दरगाह जाएंगे. फिर रिजिजू चादर लेकर अजमेर शरीफ पहुंचेंगे. video
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने के फैसले पर विवाद छिड़ गया है. हिंदू सेना ने इस कदम का विरोध किया है, जबकि कांग्रेस ने बीजेपी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा है. हिंदू सेना का कहना है कि जब तक दरगाह और मंदिर का मामला अदालत में लंबित है, प्रधानमंत्री को चादर नहीं भेजनी चाहिए.VIDEO
PM मोदी की तरफ से आज शाम अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भेजी जानी है, जिसका विरोध हिंदूवादी संगठन करने लगे हैं. संगठन का कहना है कि जब तक दरगाह-मंदिर का मामला अदालत में लंबित है, चादर ना भेजी जाए. तो कांग्रेस पूछने लगी है कि क्या अब हिंदू-मुस्लिम करने वाले नेता सीख लेंगे? देखें खबरदार.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को अजमेर शरीफ दरगाह के उर्स के मौके पर एक खास 'चादर' अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के नेता को सौंपेंगे. ऐसी 11वीं बार होगा, जब पीएम मोदी दरगाह पर चढ़ाने के लिए 'चादर' भेंट करेंगे.
अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर दरगाह क्षेत्र में नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है. गुरुवार को निगम ने अंदरकोट, अढ़ाई दिन का झोपड़ा और दिल्ली गेट जैसे इलाकों में अतिक्रमण हटाने के लिए कदम उठाया. इस कदम से इलाके में हड़कंप मच गया.
अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के 813वें उर्स से पहले दरगाह इलाके में नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. गुरुवार को दरगाह क्षेत्र के अंदरकोट, अढ़ाई दिन का झोपड़ा, दिल्ली गेट सहित अन्य इलाकों में निगम का पीला पंजा चला. इस कार्रवाई से क्षेत्र में हड़कंप मच गया.
अजमेर के दरगाह इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. अवैध अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन का पीला पंजा चला. अंदरकोट, अढ़ाई के झोपड़ा, दिल्ली गेट सहित कई इलाके लिस्ट में शामिल हैं. बुलडोजर एक्शन के लिए पुलिस की सख्त मोर्चाबंदी है. देखें ये वीडियो.