अखिलेश यादव (राजनेता)
अखिलेश यादव (Akhilseh Yadav) समाजवादी पार्टी (सपा) (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और मालती देवी के पुत्र हैं (Akhilesh Yadav Parents). इनका जन्म 1 जुलाई 1973 में उत्तर प्रदेश में हुआ था. वे सपा के लिए एक युवा नेता के रूप में उभरे और उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया (UP Chief Minister). अखिलेश यादव ने 2019 में आजमगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता और 38 साल की उम्र में मुख्यमंत्री पद संभालने वाले भारत के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन गए (Youngest Chief Minister).
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से पूरी की और सिविल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल करने के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए (Akhilesh Yadav Education). यादव ने 1999 में डिंपल यादव के साथ शादी की और उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं (Akhilesh Yadav Wife). अखिलेश यादव ने सपा नेता के तौर पर साल 2000 में अपनी राजनीतिक जीवन शुरुआत की और कन्नौज निर्वाचन क्षेत्र के लिए लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए.
अखिलेश ने 2004 और 2009 में आम चुनाव जीते और साल 2012 में उन्हें समाजवादी पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त किया गया. साथ ही, उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बने. उन्होंने बतौर नेता 2012 के यूपी विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी को जीत के लिए प्रेरित किया. अखिलेश यादव 2012 में 224 सीटें जीतने के बाद, 12 मार्च 2012 को मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण किया.
साल 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्होंने आजमगढ़ से भाजपा के हैवीवेट दिनेश लाल यादव को 2.59 लाख से अधिक मतों से हराया. अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बने हुए हैं और उन्होंने खुद को राजनीति में लाने का श्रेय सपा नेता जनेश्वर मिश्रा (Janeshwar Mishra) को दिया है.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @yadavakhilesh है और फेसबुक पेज का नाम Akhilesh Yadav है. इंस्टाग्राम पर वह socialist_akhileshyadav यूजरनेम से एक्टिव हैं.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया. यहां उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियों का अनावरण करके पुष्पांजलि अर्पित की. इसके अलावा भारत माता की मूर्ति को भी नमन किया. इस दौरान पीएम मोदी के साथ राजनाथ सिंह,योगी आदित्यनाथ और यूपी बीजेपी के कई नेता मौजूद थे. प्रधानमंत्री ने एक ओर बीजेपी के कामों और इन नेताओं की तारीफ की तो वहीं विपक्ष पर भी जमकर हमला किया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को विधानसभा में विपक्ष को चैलेंज किया था कि वो बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को लेकर एक बार गाजा की तरह का विरोध करें. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस तो सामने नहीं आई, पर बीएसपी प्रमुख मायावती ने जरूर हिंदुओं के उत्पीड़न पर चिंता जताई है.
कोडिन कफ सिरप मामले के बीच सदन में मुख्यमंत्री योगी के 'आलोक सिपाही है सपाई ' बयान से सियासी हलचल तेज हो गई. आलोक प्रताप सिंह धनंजय सिंह का करीबी रहा है वह उसे अपना छोटा भाई बताते रहे हैं. उस पर आपराधिक आरोप, ईडी की छापेमारी व करोड़ों की संपत्तियों की जांच चल रही है. अब उसकी अखिलेश यादव के साथ तस्वीर सामने आने के बाद सपा पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
कोडीन कफ सिप के मुद्दे को लेकर समाजवादी पार्टी लगातार बुलडोजर एक्शन न होने पर सवाल उठा रही है. आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि जब बुलडोजर एक्शन होगा तब निंदा नहीं करनी चाहिए. समाजवादी पार्टी की तरफ से माफियाओं पर बुलडोजर चलाने की मांग भी की गई है.
उत्तर प्रदेश में कोडीन सिरप केस को लेकर सियासत जारी है. जहां नशीले सिरप के अपराधियों पर बुलडोजर कब चलेगा का सवाल करके घेरते अखिलेश यादव को आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये कहते हुए जवाब दिया कि बुलडोजर जब चलेगा तो फिर चिल्लाना मत. देखें ख़बरदार.
यूपी विधानसभा आज सियासी अखाड़ा बन गई. कफ सिरप के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के विधायकों ने सरकार को घेरने की कोशिश की. जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ आक्रामक दिखे. सीएम योगी ने दो टूक कहा कि इस मामले में ऐसी कार्रवाई होगी कि वो फातिहा पढ़ने लायक नहीं बचेंगे. यूपी में कफ सिरप कांड में हो रही सियासत, जांच और सियासी नेटवर्क पर देखें हल्ला बोल.
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने सदन में विपक्षी नेताओं को 'दो नमूना' कहकर तंज कसा और अखिलेश यादव की इंग्लैंड यात्रा का जिक्र किया. अखिलेश ने इसे बीजेपी के भीतर मतभेद का संकेत बताते हुए पलटवार किया. कोडीन सिरप रैकेट को लेकर सियासी बहस तेज हुई. योगी ने कहा कि जांच में सपा से जुड़े लोग शामिल हो सकते हैं. अब तक 79 मामले, 78 गिरफ्तार और 134 फर्मों पर छापे किए गए, बुलडोजर कार्रवाई की चेतावनी भी दी.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी जबरदस्त हंगामा देखने को मिला. आज हंगामे की शुरुआत कोडीन कफ सिरप को लेकर हुई. समाजवादी पार्टी ने कफ सिरप के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश की. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक-एक कर विपक्ष के हमलों का जवाब दिया. देखें शंखनाद.
उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. आज विधानसभा सत्र में योगी ने बिना नाम लिये अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि देश में दो नमूने हैं, एक दिल्ली में और दूसरा लखनऊ में. दोनों गलत तरीके से मुद्दों को उठाते हैं और फिर भाग जाते हैं. इसके जवाब में अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि यह आत्म स्वीकृति है.
कोडीन कफ सिरप मामले पर विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि यूपी में कोडीन सिरप से कोई मौत नहीं हुई और यह पूरा मामला अवैध सप्लाई का है. सीएम ने सपा से जुड़े लोगों पर जांच में सामने आने का दावा किया और चेतावनी दी कि इस मामले में जब बुलडोजर एक्शन होगा, तब चिल्लाना मत.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र के पहले से ही कोडीन कफ सिरप का मामला गरमाया हुआ है. इसपर बोले हुए अखिलेश यादव ने कहा कि किसी प्रदेश के मुख्यमंत्री या उनके समर्थक झूठ क्यों बोलते हैं और कैसे प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में एक बड़े और जटिल रैकेट का खुलासा हो रहा है. मामला केवल यूपी तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें सात सौ कंपनियां और कई हजार करोड़ का अंतरराष्ट्रीय मसला जुड़ा हुआ है.
ब्रजेश पाठक का कहना है कि तस्वीरें जो हैं वे हमारी डेप्युटी सीएम और मुख्यमंत्री के साथ हैं. यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि तस्वीरों में कौन उनके साथ है और उनका रिश्ता क्या है. पूरे मामले में, जिन लोगों को वांछित घोषित किया गया है, वे लोगों के साथ गलबैया बनाकर घूम रहे हैं और आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. ऐसे लोगों की सही जांच होनी चाहिए.
यूपी की सियासत में कफ सिरप कांड को लेकर घमासान मचा हुआ है. पिछले काफी वक्त से अखिलेश यादव मामले को लेकर योगी सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन कल योगी आदित्यनाथ ने सीधे अखिलेश यादव पर हमला किया. आरोपियों के साथ अखिलेश की तस्वीर पर सवाल खड़े किए. जिसके बाद आज सपा प्रमुख ने योगी के आरोपों पर पलटवार किया. देखें शंखनाद.
अखिलेश यादव ने कहा कि वर्तमान में यूपी में एक भी मिडिल मिलिट्री स्कूल नहीं है जबकि सैनिक स्कूल अलग हैं. देश के अन्य राज्यों जैसे राजस्थान, कर्नाटक और हिमाचल में मिलिट्री स्कूल मौजूद हैं लेकिन यूपी में नहीं हैं. जब यूपी से प्रधानमंत्री और डिफेंस मंत्री होते हैं तो यह आवश्यक है कि यूपी में भी मिलिट्री स्कूल बनें.
अखिलेश यादव ने कहा कि देश की राजनीतिक पार्टियों में से समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में पहली बार अहीर रेजिमेंट बनाने का उल्लेख किया था. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जब भी उन्हें दिल्ली में सरकार बनाने का मौका मिलेगा, वे इस रेजिमेंट को स्थापित करने का काम करेंगे.
उत्तर प्रदेश में लेखपाल के 7994 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है. जिसको लेकर आवेदन भी शुरू है. लेकिन भर्ती में वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल आरक्षण को लेकर विवाद हो गया है. जिसको लेकर CM योगी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं.
मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया का नाम लेकर योगी आदित्यनाथ लगातार अखिलेश यादव को घेरते रहे. अब अखिलेश यादव कोडीन कफ सिरप की नशे के लिए अवैध तस्करी के आरोप में पकड़े गए अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह और फरार मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल संग बाहुबली नेता धनंजय सिंह की तस्वीर का जिक्र करके योगी सरकार को घेरने में लगातार जुटे हैं. देखें ख़बरदार.
गोंडा में बृज भूषण शरण सिंह ने धनंजय और अभय सिंह के विवाद पर कहा कि अब गैंगवार का दौर खत्म हो चुका है. उन्होंने राजनेताओं को 'बड़ा-छोटा' साबित करने के बजाय कर्तव्य निभाने की सलाह दी. साथ ही, अखिलेश यादव को क्षत्रिय बताने और संतों को सलामी देने का समर्थन किया.
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. शिक्षा भर्ती और उसके इम्तिहान बड़ी चुनौती रहे हैं, और अब भी बने हुए हैं. आयोग की पहली चेयरपर्सन के साल भर में ही इस्तीफा दे देने के बाद वही चुनौतियां प्रशांत कुमार के सामने भी हैं.
यूपी में ₹2,000 करोड़ के कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले ने सियासी भूचाल ला दिया है. मामले में सीएम योगी ने माफिया-सपा सांठगांठ का आरोप लगाया, जिस पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए. फिलहाल, मुख्य आरोपी शुभम दुबई फरार है और ईडी (ED) समेत एसटीएफ (STF) इस बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी है.
यूपी में एसआईआर की प्रक्रिया चल रही है. रिपोर्ट अभी आई नहीं है. लेकिन, उसके बारे में नेताओं के हाथ कुछ ऐसी जानकारियां लग गई हैं, जिससे बवाल मचा हुआ है. उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया में वोटर्स के घटने के प्रभाव के बारे में बीजेपी नेताओं के अलग-अलग दावे हैं.