अल-अक्सा मस्जिद (Al Aqsa Mosque), यरूशलम (Jerusalem) के पुराने शहर में एक मस्जिद है, जिसे किबली मस्जिद या किबली चैपल के रूप में भी जाना जाता है. इसके व्यापक परिसर को हरम अल-शरीफ, अल-अक्सा मस्जिद परिसर और टेंपल माउंट के रूप में भी जाना जाता है.
रशीदुन ख़लीफ़ा उमर (634–644) या उमय्यद ख़लीफ़ा मुआविया (661–680) के शासन के दौरान, इस परिसर में एक छोटा सा प्रार्थना घर मस्जिद की जगह के पास बनाया गया था. परिसर की दक्षिण दीवार पर स्थित वर्तमान समय की मस्जिद, मूल रूप से पांचवें उमय्यद खलीफा अब्द अल-मलिक या उनके उत्तराधिकारी अल-वलीद द्वारा एक स्मारक इस्लामी स्मारक, डोम ऑफ द रॉक के समान अक्ष पर एक सामूहिक मस्जिद के रूप में बनाया गया था (Al Aqsa Mosque History).
अल-अक्सा मस्जिद यहूदी धर्म और ईसाई धर्म में विभिन्न ऐतिहासिक और पवित्र स्थलों के निकट स्थित है, विशेष रूप से यरूशलम में मंदिर. इसलिए पूरे क्षेत्र में उच्च भू-राजनीतिक महत्व रहा है और इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में एक प्राथमिक फ्लैशप्वाइंट रहा है (Al Aqsa Mosque Political Situation).
एक आयताकार क्षेत्र में फैली अल-अक्सा मस्जिद और इसकी सीमा 14.4 हेक्टेयर है, हालांकि मस्जिद का क्षेत्रफल लगभग 12 एकड़ है और इसमें 5,000 नमाजी बैठ सकते हैं. यह 83 मीटर (272 फीट) लंबा, 56 मीटर (184 फीट) चौड़ा है. डोम ऑफ द रॉक शास्त्रीय बीजान्टिन वास्तुकला को दर्शाता है और अल-अक्सा मस्जिद प्रारंभिक इस्लामी वास्तुकला को दर्शाता है (Al Aqsa Mosque Architecture).
इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इतमार बेन गिविर अल-अक्सा मस्जिद को लेकर अक्सर विवादित बयान देते रहे हैं. अब उन्होंने इजरायली सरकार से अलग स्टैंड लेते हुए मांग की है कि अल-अक्सा मस्जिद परिसर में यहूदियों को प्रार्थना करने की इजाजत दी जाए.
मंगलवार को इजरायल के धुर-दक्षिणपंथी नेता इत्तेमार बेन गिविर सैकड़ों इजरायलियों के साथ अल-अक्सा मस्जिद परिसर में घुस गए जिसे लेकर विवाद हो गया है. कहा जा रहा है कि उन्होंने वहां जाकर प्रार्थना भी की जो इजरायलियों के लिए मस्जिद परिसर में प्रतिबंधित है. इसे लेकर सऊदी अरब भड़क गया है.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच अल-अक्सा मस्जिद विवाद का प्रमुख केंद्र रहा है. मुसलमानों के लिए पवित्र इस मस्जिद को लेकर रमजान से पहले विवाद बढ़ता दिख रहा है. इजरायल ने रमजान के दौरान अरब-इजरायलियों के मस्जिद में प्रवेश पर कुछ पाबंदियां लगा दी हैं जिसे लेकर उसकी सुरक्षा एजेंसी ने उसे चेताया है.
इजरायल ने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि रमजान के दौरान अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश को लेकर जरूरतों के अनुसार लिमिट सेट की जाएंगी. अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए दुनिया के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरी सबसे पवित्र जगह है.
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर महज 20 मिनट में 5 हजार रॉकेट दागे. जवाब में इजरायल ने भी हमास पर हमला बोल दिया. इस युद्ध में दोनों तरफ से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. इस जंग में कुल 26 अहम कैरेक्टर हैं. जिनके इर्द-गिर्द युद्ध का पूरा तानाबाना बुना गया है.
इजरायल-हमास की लड़ाई के बीच मुस्लिम देश फिलिस्तीन के साथ आ गए हैं. शुक्रवार के दिन कई मुस्लिम देशों में इजरायल के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं. कई इस्लामिक देशों के प्रदर्शनकारी अल-अक्सा मस्जिद की तरफ मार्च करते हुए बढ़ रहे हैं.
नेतन्याहू सरकार में कट्टर दक्षिणपंथी मंत्री इतामार बेन-गविर ने यरुशलम स्थित अल-अक्सा मस्जिद का दौरा किया था. बेन-गविर के इस दौरे के बाद सऊदी अरब और जॉर्डन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.
रमजान के महीने में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच एक बार फिर अल-अक्सा मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ गया है. अल-अक्सा मस्जिद को जहां मुसलान पवित्र स्थल मानते हैं वहीं, इजरायल के यहूदियों के लिए यह सबसे पवित्र स्थल है. दोनों देशों के बीच अल-अक्सा मस्जिद हमेशा से विवाद का केंद्र रहा है.
इजरायल के यरुशलम में इस समय काफी तनाव बना हुआ है. इजरायल द्वारा अल अक्सा मस्जिद पर कार्रवाई करने के बाद से फिलिस्तीनियों के आतंकवादी संगठन हमास ने इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू कर दिए हैं. इस्लाम धर्म में इसे तीसरा सबसे पवित्र स्थान माना जाता है. इसके चलते इजरायल अब तमाम मुस्लिम मुल्कों के निशाने पर आ गया है. देखें रिपोर्ट.
फिनलैंड ने NATO के 31वें सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है और इस शपथ के कुछ ही देर बाद रूस ने फिनलैंड को पलटवार की धमकी दे दी. फिनलैंड का NATO से जुड़ना पुतिन के लिए बहुत बड़ा झटका है. यूक्रेन को NATO में शामिल होने से रोकने के लिए ही पुतिन ने उस पर हमला किया था. मगर अब वो NATO के नए सदस्य देशों से घिरते जा रहे हैं.
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच येरुशलम की अल अक्सा मस्जिद में आज सुबह उपद्रवियों और इजराइली पुलिस के बीच भिड़ंत हो गई. मस्जिद के अंदर से उपद्रवियों ने जब इजराइली पुलिस पर हमला किया तो इजराइली पुलिस ने मस्जिद के अंदर घुसकर उपद्रवियों की जमकर पिटाई की है. फिलिस्तीनियों ने इसे मस्जिद पर हमला करार दिया है.
रमजान के महीने में मुसलमानों के लिए पवित्र अल-अक्सा मस्जिद में इजरायली पुलिस के हमले की सऊदी अरब ने कड़ी निंदा की है. सऊदी अरब का कहना है कि यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन है. मिस्र और जॉर्डन ने भी नमाजियों पर इजरायली पुलिस के हमले को लेकर प्रतिक्रिया दी है.