ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भारत में एक गैर-सरकारी संस्था है, जिसकी स्थापना 7 अप्रैल 1973 को हुई थी. इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए शरीयत (इस्लामी कानून) के तहत व्यक्तिगत और सामाजिक मामलों में मार्गदर्शन देना और मुस्लिम पर्सनल लॉ की रक्षा करना है. इसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित है, लेकिन इसके सदस्य पूरे भारत में फैले हुए हैं.
1970 के दशक में भारतीय न्याय व्यवस्था में मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप की संभावनाओं को देखते हुए, इस्लामी विद्वानों और नेताओं ने एक ऐसे संगठन की जरूरत महसूस की जो मुस्लिम समुदाय के धार्मिक कानूनों की रक्षा कर सके. इसी उद्देश्य से AIMPLB की स्थापना की गई.
AIMPLB ने तीन तलाक को शरीयत के अंतर्गत वैध माना, लेकिन 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया और 2019 में सरकार ने इसे अपराध घोषित कर दिया. बोर्ड यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का विरोध करता है, क्योंकि उनका मानना है कि यह मुस्लिम समुदाय के पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप है.
सरकार का मानना है कि वक्फ संशोधन बिल से वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने और ऐसी संपत्तियों से संबंधित विवादों को निपटाने का अधिकार मिलेगा. साथ ही सरकार का मत है कि बिल के जरिए वक्फ की संपत्ति का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा और मुस्लिम महिलाओं को भी मदद मिल पाएगी.
वक्फ (संशोधन) विधेयक के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आज बड़ा प्रोटेस्ट आयोजित कर रहा है. इस प्रोटेस्ट में कई सांसदों को भी आमंत्रित किया गया है. विधेयक का किन बिंदुओं पर विरोध हो रहा है? कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद से जानिए.