AN-94 असॉल्ट राइफल
AN-94 एक रूसी असॉल्ट राइफल है. इसके मुख्य डिजाइनर गेनाडी निकोनोव है, जिन्होंने इसे 1994 में डिजाइन किया था. दरअसल AN-94 को AK-74 सीरीज में बदलाव के तहत डिजाइन किया गया था. अपने जटिल डिजाइन और खर्च के कारण, यह AK-74 का स्थान नहीं ले पाया, लेकिन यह एक विशेष प्रयोजन हथियार के रूप में उपयोग में है (AN-94 Assault Rifle Design).
एएन-94 में पहले दो राउंड के लिए फील्ट रीकॉइल में देरी करने की अनूठी विशेषता है. यह दावा किया जाता है, सबसे प्रतिकूल युद्ध स्थितियों के तहत हिट की संभावना बढ़ जाती है. AN-94 प्रति मिनट 1800 राउंड में दो-शॉट बर्स्ट फंक्शन करता है (AN-94 Assault Rifle Unique Feature).
AN-94 की सबसे विशिष्ट पहचान इसकी मैगजीन है, जो केंद्र के दाईं ओर कई डिग्री को बंद कर दिया जाता है. AN-94 को AK-74 के समान 5.45×39mm M74 कारतूस में रखा गया है और यह कार्रवाई को लॉक करने के लिए एक रोटेटिंग बोल्ट का इस्तेमाल करता है (AN-94 Assault Rifle Features).
राष्ट्रीय राइफल्स का गठन 1990 में काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन के लिए किया गया था. यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय सेना की एक शाखा है जो आतंक के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में तैनात है. 'दृढ़ता और वीरता' इस बटालियन का युद्ध वाक्य है. इसके जवान घाटी में आतंकी मनसूबों को नाकाम करने के लिए 24 घंटे तैयार रहते हैं. वंदे मातरम में देखें यह बटालियन कैसे आतंक के खिलाफ ऑपरेशन चलाता है और जवानों को किस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है?
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भारतीय असॉल्ट राइफल कलाशनिकोव AK-203 का अमेठी स्थित कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में उत्पादन शुरू हो चुका है. यहां तक कि इसका पहला बैच बनकर तैयार है. जल्द ही भारतीय सेना को इसकी डिलिवरी दी जाएगी. आइए जानते हैं कि यह राइफल युद्ध में सेना के कितने काम आएगी? इसकी क्या ताकत है?
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