आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) एक सजायाफ्ता कैदी और राजनीतिज्ञ है (Convicted killer and Politician). वह बिहार पीपुल्स पार्टी (BPP) का संस्थापक है, जो अब बंद हो चुका है (Anand Mohan Founder of BPP). उसे 1994 में गोपालगंज (Gopalganj) के जिला मजिस्ट्रेट, जी कृष्णैया (DM G Krishnaiah Murder case) की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. अप्रैल 2023 में, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने अपनी जल्द रिहाई के लिए जेल नियमों में बदलाव किया ताकि वह बिहार की राजनीति में वापसी कर सके (Bihar Gov amended jail rules for Anand Mohan early release).
भारत की स्वतंत्रता के बाद आनंद मोहन पहले भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिसे मौत की सजा दी गई थी. उस सजा के तुरंत बाद, पटना के बेउर जेल से भागलपुर में स्थानांतरित किए जाने पर, आनंद मोहन ने सुविधाओं के विरोध में भूख हड़ताल किया और अखलाक अहमद और अरुण कुमार से अलग हो गए, जिन्हें उसी मामले में मौत की सजा मिली थी (Anand Mohan Singh Lifetime Imprisonment).
28 जनवरी 1954 को जन्में आनंद मोहन सिंह बिहार के सहरसा (Saharsa) जिले के पचगछिया गांव से आते हैं (Anand Mohan Singh Born). वह एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी राम बहादुर सिंह तोमर के पोते हैं. राजनीति में उनका परिचय जयप्रकाश नारायण (Jay Prakash Narayan) के संपूर्ण क्रांति आंदोलन से जुड़ा था, जिसके कारण उन्हें 1974 में कॉलेज छोड़ना पड़ा (Anand Mohan Singh in Politics).
आनंद मोहन 1998 में राष्ट्रीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. पार्टी में उनकी सदस्यता अभी तक बरकरार है (Anand Mohan Singh Member Rashtriya Janata Party).
आनंद मोहन ने 1991 में लवली आनंद (Lovely Anand) से शादी की और उनके तीन बच्चे है (Anand Mohan Singh Wife and Children).
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार के राजनीति में आने के सवाल पर पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने उसके राजनीति में आने का समर्थन करते हुए कहा है कि अगर पत्रकार का बेटा पत्रकार, डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर का बेटा इंजीनियर तो राजनीति में भी नई पीढ़ी का स्वागत है.
बिहार के उपचुनाव नतीजों के बाद एनडीए में अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है. जेडीयू विधायक चेतन आनंद ने चिराग पासवान से एनडीए में उनकी स्थिति साफ करने की मांग की है. चेतन ने पासवान पर चुनाव अभियानों में शामिल नहीं होने और एनडीए में अनिश्चित व्यवहार रखने के आरोप लगाए हैं, जिससे गठबंधन में स्पष्टता की कमी दिख रही है.
पूर्व बाहुबली नेता आनंद मोहन ने कहा, उपचुनाव के नतीजे तय करेंगे कि 2025 का मिजाज कैसा होगा? जिन चार सीटों पर उपचुनाव हुए हैं, उनमें एक मात्र सीट (इमामगंज) एनडीए के पास थी. बाकी तीन सीटें महागठबंधन के हिस्से की थीं. एनडीए बड़ी जीत हासिल करने जा रही है.
अरविंद केजरीवाल बेशक अपनी जमानत के लिए कानूनी तरीके से जूझ रहे हैं, लेकिन ऐसे कैदी जो वक्त से पहले रिहा किये जाने योग्य हैं, उनका अलग ही संघर्ष है - हैरानी की बात ये है कि वे इसलिए जेल से नहीं निकल पा रहे हैं, क्योंकि उनकी फाइल केजरीवाल के हस्ताक्षर के बिना आगे नहीं बढ़ पा रही है.
राजस्थान निवासी राजेन्द्र सिंह ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि आनंद मोहन ने अन्य लोगों के साथ गेस्ट हाउस में उनसे मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी. दिल्ली की चाणक्यपुरी पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 323, 506, 387, 34 के तहत FIR दर्ज की थी.
JDU की नवनिर्वाचित सांसद लवली आनंद, उनके पति और जेडीयू नेता आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद ने आज तक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की. इस इंटरव्यू में आनंद परिवार ने बिहार के लिए विशेष राज्य की जरूरत के बारे में बताया. इसके अलावा NDA में नीतीश कुमार की उपयोगिता के बारे में भी बात की.
JDU नेता आनंद मोहन ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार को विकासशील राज्य के रूप में स्थापित किया है और अब विशेष राज्य के दर्जे की जरूरत है. इस मांग के बारे में केंद्र सरकार को गंभीरता से सोचना चाहिए. वहीं, मंत्रालय को लेकर आनंद मोहन ने कहा कि उनका मानना है कि आनुपातिक ढंग से मंत्रिमंडल दिए जाएंगे.
लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बीच बिहार के शिवहर से जेडीयू उम्मीदवार लवली आनंद, आनंद मोहन और चेतन आनंद ने आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान रसूख के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि उनका शिवहर से मां और बेटे का रिश्ता है. देखें वीडियो.
देश में आम चुनाव की घोषणा हो गई है. बिहार में सभी 40 सीटों पर सातों चरणों में मतदान होगा. यहां 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई, और 1 जून को वोट पड़ेंगे. बिहार के बाहुलियों ने भी अपने प्लान को जमीन पर उतार दिया है. आनंद मोहन, अवधेश मंडल, रमेश सिंह कुशवाहा, अशोक महतो ने अपनी पत्नियों को चुनाव में उतारा है.
चेतन आनंद ने नीतीश सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान ही पाला बदल लिया था. अब लवली आनंद भी जेडीयू में शामिल हो गई हैं. कभी लालू यादव के खासमखास रहे आनंद मोहन की फैमिली के नीतीश खेमे में आने के क्या मायने हैं?
Bihar Floor Test LIVE: बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद अहम रहा. नीतीश सरकार ने विधानसभा में पेश विश्वास मत में जीत हासिल कर ली है. एनडीए के पक्ष में कुल 129 वोट पड़े हैं. इस बीच विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था. इससे पहले पटना में सियासी उठापटक देखने को मिली.
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के बाद सोमवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. इसमें करणी सेना के विभिन्न प्रांतों के प्रदेश अध्यक्ष, सदस्य और पदाधिकारी पहुंचे. साथ ही कई राज्यों के नेता भी शामिल हुए. इस दौरान बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार है. ऐसे में अपराधियों का पूरा हिसाब होगा.
पूर्व सांसद ने कहा कि ये भी सामने आ रहा है कि खुफिया एजेंसियां, चाहे केंद्र या राज्य की हों, उनको ये जानकारी थी. इस मामले में बहुत दूर की बातें हैं. एक पार्टी की सरकार का जाना और दूसरी का आना... हत्या के लिए ये जो टाइम चुना गया वो बताता है कि ये शातिर दिमाग की उपज है.
आनंद मोहन की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर टल गई है. यह याचिका गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी.कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से दायर की गई है. उमा कृष्णैया ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया है कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 में कानून संशोधन के जरिए पूर्वव्यापी प्रभाव से बिहार जेल नियमावली 2012 में बदलाव किया है.
सांसद मनोज झा ने संसद में कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़ी थी. इसके बाद से लगातार बवाल मचा है. उन्हें सियासी गिलायारों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है. बवाल इतना ज्यादा बढ़ गया कि बीते दिनों आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बचाव में उतरना पड़ा. इस घमासान के बीच रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचे सांसद मनोज झा ने सफाई दी.
बिहार में आरजेडी सांसद मनोज झा की राज्यसभा में टिप्पणी को लेकर राजनीतिक बवाल मचा है. इस बीच, RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद ने बयान दिया और झा का खुलकर समर्थन किया. लालू ने अपनी पार्टी के विधायक चेतन आनंद की आलोचना भी की. मनोज झा के बयान का विरोध करने वाले आनंद मोहन पर गरजे लालू यादव, आनंद मोहन को जितना बुद्धि होगा उतने न बोलेगा.
आनंद मोहन सिंह पर क्यों बरस पड़े लालू यादव?
बिहार की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है. यहां ठाकुर बनाम ब्राह्मण की जंग में राजद सुप्रीमो लालू यादव भी कूद पड़े हैं. उन्होंने कहा कि जितनी बुद्धि उतनी बात करें आनंद मोहन. लालू ने राजद सांसद मनोज झा का भी समर्थन किया. देखें ब्रेकिंग न्यूज.
राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में ठाकुरों पर टिप्पणी की थी. उन्होंने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था और अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी. मनोज झा की इस कविता लेकर आनंद मोहन ने उनपर निशाना साधा था.
बिहार में ठाकुर बनाम ब्राह्मण को लेकर छिड़े कास्ट वॉर में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी कूद गए हैं. उन्होंने खुलकर पार्टी के प्रवक्ता और सांसद मनोज झा का समर्थन किया है. लालू ने मनोज झा के बयान का विरोध करने वाले आनंद मोहन पर निशाना साधा और जमकर भड़ास निकाली.
संसद में मनोज झा के भाषण पर RJD के ही विधायक चेतन आनंद 5 दिन तक चुप रहे. फिर अचानक पिता के साथ धावा बोल देना भी उतना ही अजीब है जितना लालू यादव का अपने विधायक के परिवार से न मिलना - वैसे भी बिहार में आनंद मोहन की राजनीति का सीधा फायदा मिलता तो लालू यादव को ही है.