अनिल परब, राजनेता
अनिल परब (Anil Parab) महाराष्ट्र के एक भारतीय राजनेता हैं ( Member of Shiv Sena). वह शिवसेना के सदस्य और महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री हैं (Maharastra Transport minister). परब महाराष्ट्र विधान परिषद, राज्य विधानमंडल के ऊपरी सदन में तीन बार के विधायक हैं (Anil Parab MLC). उन्हें दिसंबर 2019 में मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. पेशे से वकील परब ठाकरे परिवार के प्रति वफादारी के लिए जाने जाते हैं. अपनी आक्रामक राजनीतिक शैली के अलावा, वह पार्टी के कानूनी मुद्दों को देखते हैं और निकाय चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
अनिल परब लगातार विवादों में घिरे रहे हैं. 2021 में, वह केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कैमरे में कैद हुए थे (Directed police officers to arrest Narayan Rane). रत्नागिरी के संरक्षक मंत्री परब ने एक संवाददाता सम्मेलन में होने के दौरान, पुलिस अधिकारियों से दो बार फोन पर बातचीत की थी. मुंबई के पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने एनआईए अदालत में एक पत्र में दावा किया गया था कि परब ने उन्हें एक निजी ट्रस्ट से 50 करोड़ रुपये की जबरन वसूली करने के लिए कहा था (Extortion charges on Anil Parab). उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि परब ने उन्हें बृहन्मुंबई नगर निगम में सूचीबद्ध फर्जी ठेकेदारों के खिलाफ जांच को देखने के लिए कहा और उनसे ऐसे लगभग 50 ठेकेदारों से "कम से कम 2 करोड़ रुपये" लेने के लिए कहा था. बर्खास्त असिस्टेंट इंस्पेक्टर वाजे ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा था कि परिवहन मंत्री अनिल परब को पुलिस के 10 डिप्टी कमिश्नर स्तर के अफसरों से 20-20 करोड़ रुपए मिले थे (Waze’s accusations about Anil Parab). प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच करते हुए अनिल परब को 28 सितंबर 2021 को पूछताछ के लिए बुलाया था (Anil Parab money laundering case).
शिवसेना यूबीटी नेता अनिल परब ने कहा कि डेवलपर्स द्वारा मराठी लोगों को जानबूझकर घर देने से इनकार करने का एक स्पष्ट पैटर्न है. उन्होंने विले पार्ले में एक बिल्डर द्वारा मराठी लोगों को घर देने से इनकार करने की हालिया घटना का भी जिक्र किया, जिसके पीछे का कारण उनका नॉन वेजिटेरियन होना था.
लोकायुक्त ने दापोली में साईं रिसॉर्ट के अवैध निर्माण की याचिका खारिज कर दी. इस याचिका में कहा गया था कि इस रिसॉर्ट का निर्माण 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान किया गाय था. इस दौरान सीआरजेड नियमों का उल्लंघन किया गया.