अरवल
अरवल (Arwal) भारत के बिहार राज्य (Bihar) का एक जिला है और इस जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी यहीं है. यह पहले जहानाबाद जिले का हिस्सा था. 2011 तक यह शेखपुरा और शिवहर के बाद बिहार का तीसरा सबसे कम आबादी वाला जिला है. अरवल जिला बिहार का बहुत छोटा जिला है. अधिकांश लोग कृषि क्षेत्र में लगे हुए हैं. इस जिले का क्षेत्रफल 638 वर्ग किलोमीटर है (Arwal Area).
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक अरवल की जनसंख्या (Arwal Population) 7.01 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 1,098 लोग रहते हैं (Arwal Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 928 है. इस जिले की 67.43 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 79.06 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 54.85 फीसदी है (Arwal Literacy).
अरवल जिले में मेहंदी मधुशरवा मेला के पास, जो प्राचीन शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है. यहा बोली जाने वाली भाषा मगही है. कुछ लोग भोजपुरी भी बोलते हैं (Arwal Language).
जिले की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि आधारित है, और इस क्षेत्र में किसी भी तरह का उद्योग नहीं है. धान, गेहूं और दलहन यहां की प्रमुख फसलें हैं (Arwal Crops). हालांकि जिले का अधिकांश क्षेत्र अच्छी तरह से सिंचित है, लेकिन बुनियादी ढांचे और बिजली की कमी है. कृषि से जुड़े उद्योग शुरु हो रहे हैं (Arwal Economy).
यह जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और 1997 में लक्ष्मणपुर बाथे (Laxmanpur Bathe) में नक्सली हमला हुआ जिसमें कई लोगों की जान गई थी. यह क्षेत्र को रेड कॉरिडोर का हिस्सा है (Arwal Red Corridor).
बिहार के अरवल जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां 40 महिलाओं का एक ही पति है. जिसका नाम 'रूपचंद' है. यह खुलासा यहां हो रही दूसरे दौर की जातिगत जनगणना के दौरान हुआ है. अरवल जिले के एक रेडलाइट एरिया में करीब 40 महिलाओं ने 'रूपचंद' नाम के शख्स को अपना पति बताया है. जब गणना अधिकारियों ने बच्चों से पूछा तो उन्होंने भी पिता का नाम रूपचंद ही लिखवाया है.
अरवल में एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड को बाइक पर बैठाकर घुमाने के लिए निकला था. इसी बीच उसकी बाइक एक कार से टकरा गई. इसमें दोनों (लड़का और लड़की) घायल हो गए. लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया और इलाज शुरू हुआ. इसी बीच सूचना मिलने पर पहुंचे घरवालों ने ऐसा फैसला लिया, जिसके चलते ये प्रेमी युगल सुर्खियों में है.