अशोक चव्हाण, राजनेता
अशोकराव शंकरराव चव्हाण (Ashokrao Shankarrao Chavan) महाराष्ट्र के एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वह महाराष्ट्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं और वे महाराष्ट्र के वर्तमान पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं (Ashok Chavan ministry). उन्होंने 8 दिसंबर 2008 से 9 नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया (Former CM of Maharashtra). इसके अलावा, उन्होंने विलासराव देशमुख सरकार में सांस्कृतिक मामलों, उद्योग, खान और प्रोटोकॉल मंत्री के रूप में कार्य किया है.
9 नवंबर 2010 को, चव्हाण आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. 2014 के आम चुनावों में, आरोपों और सत्ता विरोधी लहर के बावजूद, उन्होंने नांदेड़ निर्वाचन क्षेत्र से बड़े अंतर से लोकसभा चुनाव जीता. 2015 में, उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. चव्हाण 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रताप पाटिल चिखलीकर से अपनी नांदेड़ सीट हार गए थे (Ashok Chavan political career).
चव्हाण का जन्म 28 अक्टूबर 1958 को मुंबई में हुआ था (Ashok Chavan age). वह महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जिले में स्थित एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से हैं. वह महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण के पुत्र हैं (Ashok Chavan father). वे राज्य के इतिहास में मुख्यमंत्री बनने वाले पिता-पुत्र की पहली जोड़ी हैं (First father–son duo to become Maharashtra chief ministers). चव्हाण ने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स हाई स्कूल से हासिल की. उन्होंने हजारीमल जोमानी कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बी.वाई.के. कॉलेज ऑफ कॉमर्स से बिजनेस मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर किया (Ashok Chavan age education). चव्हाण की पत्नी, अमिता वर्ष 2014-19 तक नांदेड़ के भोकर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहीं (Ashok Chavan wife). इस दंपति की जुड़वां बेटियां श्रीजया और सुजया हैं (Ashok Chavan daughters).
महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे सत्ता की दिशा निर्धारित करेंगे ही, सियासी परिवारों के भविष्य की सियासत का भी निर्धारण करेंगे. महाराष्ट्र से झारखंड तक पांच सियासी परिवारों में कौन मजबूत होगा और कौन कमजोर?
महाराष्ट्र की राजनीति में विचारधारा तेल लेने चली गई है. पहले महायुति में हिंदुत्व के नाम अलग अलग बयान आ रहे थे पर अब बीजेपी में भी हिंदुत्व का विरोध शुरू हो गया है. ये सब गोलमाल है या सोची समझी रणनीति?
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार, बीजेपी नेता पंकजा मुंडे के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी 'बटेंगे तो कटेंगे' नारे को अप्रांसगिक बताया है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया ये नारा महाराष्ट्र चुनाव में जोर-शोर से गूंज रहा है. इस नारे को लेकर अब महायुति में मतभेद भी नजर आ रहे हैं.
वायनाड से प्रियंका गांधी वाड्रा की जीत पहले से ही पक्की मानी जा रही है, कांग्रेस तो यही मान कर चल रही है. मुद्दे की बात ये है कि प्रियंका गांधी के भी संसद पहुंच जाने के बाद क्या कांग्रेस को परिवारवाद की राजनीति के आरोप की परवाह नहीं है? या ऐसे आरोप अब अप्रासंगिक हो गये हैं?
चुनाव के बीच पार्टी बदलने का ताजा मामला छत्तीसगढ़ कांग्रेस की नेता राधिका खेड़ा का है. राधिका ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा कि मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं और मैं अब वही कर रहीं हूं. राधिका ने कहा कि अपने और देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी.
राजनीति में रॉबर्ट वाड्रा की दिलचस्पी तो पहले भी देखने को मिली है, फर्क बस ये है कि अब वो खुल कर अमेठी का नाम लेने लगे हैं. और उनका एक दावा तो कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय हो सकता है - कांग्रेस में मची भगदड़ के बीच उनके पास भी दूसरे राजनीतिक दलों का ऑफर है.
चुनावी मौसम में एक के बाद एक नेता कांग्रेस का साथ छोड़ते जा रहे हैं. कोई सनातन का सवाल तो कोई राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को पार्टी छोड़ने की वजह बता रहा है तो कोई राहुल गांधी के इर्द-गिर्द कॉकस को.
महाराष्ट्र में 'इंडिया' गठबंधन में 5 सीटों पर पेच फंसा हुआ है. कांग्रेस पूर्व CM अशोक चव्हाण पर सीटें कम मिलने को लेकर ठीकरा फोड़ रही है. इसपर अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है, मुझे बलि का बकरा बनाने की कोशिश हो रही है. देखें ये रिपोर्ट.
अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है, लेकिन वे मेरा नाम इसलिए पुकारते हैं, क्योंकि मैं एक सॉफ्ट टारगेट हूं. वह अशोक चव्हाण को कुछ भी कह सकते हैं, इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अशोक चव्हाण की आलोचना करना सुविधाजनक है.
अशोक चव्हाण ने इस मुलाकात पर कहा कि कांग्रेस से मेरा संबंध बहुत पुराना है और कई लोगों से मुलाकात होती रहती है. इस मुलाकात पर महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बवांकुले ने कहा कि मुलाकात करने में कोई दिक्कत नही है लेकिन मैं इस पर कुछ नही बोलूंगा.
चुनावी साल में यूपी से लेकर केरल तक नेताओं के एक से दूसरे दल में जाने का सिलसिला तेज हो गया है. चुनावी साल में हुए पांच पालाबदल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा घाव दे सकते हैं.
भ्रष्टाचार को जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली बीजेपी को महाराष्ट्र में यूपीए सरकार के समय के सबसे चर्चित कथित घोटालों में से एक आदर्श घोटाले के सबसे बड़े चेहरे अशोक चव्हाण की जरूरत क्यों पड़ गई?
बीजेपी ने अशोक चव्हाण को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. राज्यसभा उम्मीदवार बनाने पर महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने पीएम मोदी और अमित शाह का शुक्रिया किया. मेधा कुलकर्णी को भी और डॉ अजित गोपीछड़े को भी राज्यसभा टिकट मिला है. वहीं अजित पवार गुट की तरफ से प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा नामांकन करेंगे. देखें मुंबई मेट्रो.
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले अशोक चव्हाण आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. शशि तुषार शर्मा के साथ मुंबई मेट्रो में देखें महाराष्ट्र की बड़ी खबरें.
27 फरवरी को होने जा रहे राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पास सिर्फ चेहरे बदलने भर का मौका है, उसकी ताकत पर फर्क नहीं पड़ने वाला. लिहाजा वो ऐसे प्रयोग कर रही है जिससे लोक सभा चुनाव में बीजेपी नेताओं की सियासी हैसियत की पैमाइश और प्रदर्शन के आधार पर भविष्य में उनका सही इस्तेमाल किया जा सके.
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा उम्मीदवारों की नई लिस्ट जारी कर दी है, जिसमें हाल ही में कांग्रेस से शामिल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम भी शामिल है. इसके अलावा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा गुजरात से राज्यसभा जाएंगे.
अशोक चव्हाण ने भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच सोमवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. अब भारतीय जनता पार्टी उन्हें राज्यसभा भेजने जा रही है. आज अशोक चव्हाण 12 बजे बीजेपी का दामन थामने जा रहे हैं.
गुजरात में भरूच सीट AAP को दिए जाने की चर्चाओं पर कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत अहमद पटेल के परिवार का गुस्सा सातवें आसमान पर है. पहले बेटे फैसल अहमद पटेल ने बयान देकर राजनीति गरमाई और अब बेटी मुमताज ने भी साफ कर दिया है कि वो AAP को भरूच सीट दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं.
खुद को चाल-चरित्र और चेहरे वाली पार्टी कहने वाली भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों देश में 2 ऐसे काम काम किये हैं, जिनसे उनके समर्थक भी निराश हुए होंगे. पहला भ्रष्टाचार के आरोपी अशोक चव्हाण को न सिर्फ भाजपा में लिया, बल्कि उन्हें हाथों हाथ राज्यसभा भी पहुंचा दिया. दूसरा, चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में जिस तरह खुल्लम खुल्ला धांधली की गई, जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक भद पिटी. आखिर पार्टी को ये सब करने की क्या जरूरत थी?
महाराष्ट्र में कांग्रेस के अंदर कुनबा बचाने की कवायद जारी है. बीजेपी रणनीति के तहत कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए लगी है. हालांकि, बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि वो इन नेताओं को एडजस्ट कैसे करेगी. एक तरफ राज्य सरकार में शिंदे गुट और अजित पवार गुट को संभालना है तो दूसरी तरफ कांग्रेस से आने वाले नेताओं को भी जगह और जिम्मेदारी देनी है.
इन दिनों बसंत का मौसम है. शाखों से एक-एक कर पत्ते झर रहे हैं, इन पत्तों के बिना पेड़ सूने होते जा रहे हैं. कमोबेश यही आलम इन दिनों कांग्रेस का भी नजर आ रहा है. क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी के दिग्गज नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं. हाल ही में महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन की थी, अब कमलनाथ को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. कहा जा रहा है कि वह जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.