एस्टेरॉयड
एस्टेरॉयड (Asteroid) आंतरिक सौर मंडल के छोटे ग्रह हैं (Minor Planet of Inner Solar System). एस्टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) बिना वायुमंडल के धातु या चट्टानी पिंड हैं जो कि ग्रहों के रूप में वर्गीकृत होने के लिए बहुत छोटे हैं. वे लगभग 4.6 अरब साल पहले सौर मंडल के प्रारंभिक गठन से बचे अवशेष हैं (Asteroid Formation). नासा के अनुसार, मौजूदा वक्त में 11,13,527 क्षुद्रग्रह की जानकारी है (Asteroid Know). मुख्य एस्टेरॉयड बेल्ट में, बड़ी संख्या में एस्टेरॉयड मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच, सूर्य से लगभग 2 से 4 AU के बीच स्थित हैं (Asteroid Location). एस्टेरॉयडों को आम तौर पर तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है: सी-टाइप, एम-टाइप और एस-टाइप (Types of Asteroid). आमतौर पर इन्हें कार्बोनेसियस, धातु और सिलिकैसियस रचनाओं के साथ पहचाना जाता है. एस्टेरॉयड के आकार बहुत अलग होते हैं, सबसे बड़ा एस्टेरॉयड, सेरेस लगभग 1,000 किमी से बड़ा है और एक बौने ग्रह के रूप में पहचाने जाने के योग्य है (Largest Asteroid). सभी ज्ञात क्षुद्रग्रहों का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है (Mass of All Asteroids). मुख्य बेल्ट के अधिकांश क्षुद्रग्रह थोड़ा अण्डाकार, स्थिर कक्षाओं में पृथ्वी के समान दिशा में घूमते हैं और सूर्य का एक पूर्ण परिपथ पूरा करने में तीन से छह साल का समय लेते हैं (Rotation of Asteroid).
एस्टेरॉयड को पहली बार गैलीलियो अंतरिक्षयान से देखा गया था (First Observation of Asteroid). इसके बाद, नासा और JAXA द्वारा क्षुद्रग्रहों के लिए कई समर्पित मिशन शुरू किए गए. नासा के NEAR शोमेकर ने इरोस क्षुद्रग्रह का अध्ययन किया, और डॉन ने वेस्टा और सेरेस क्षुद्रग्रहों का अवलोकन किया. JAXA के मिशन हायाबुसा और हायाबुसा2 ने इटोकावा और रयुगु के नमूनों का अध्ययन किया और उनके नमूनों को पृथ्वी पर लेकर आया. नासा के OSIRIS-REx ने बेन्नू का अध्ययन किया और 2023 में एक नमूना के साथ वापसी करेगा. 2021 में लॉन्च किया गया लुसी आठ अलग-अलग क्षुद्रग्रहों का दौरा करेगा, जिसमें एक मुख्य बेल्ट का क्षुद्रग्रह और सात बृहस्पति ट्रोजन के क्षुद्रग्रह होंगे. साइके अगस्त 2022 में लॉन्च किया जाएगा, और 2026 में इसी नाम के एस्टेरॉयड का अध्ययन करेगा (Asteroids Observations).
पृथ्वी के करीब के एस्टेरॉयड हमारे ग्रह पर सभी जीवन को खतरे में डाल सकते हैं. एक एस्टेरॉयड के पृथ्वी से टकराने की घटना के कारण करीब 6.6 करोड़ साल पहले क्रेटेशियस-पेलोजेन विलुप्त हो गया था (Near-Earth Asteroids).
नासा वैज्ञानिकों ने एक ऐसे एस्टेरॉयड का पता किया है जो 2032 में पृथ्वी से टकरा सकता है. जैसे-जैसे वैज्ञानिक इसके बारे में पता करेंगे, वैसे यह बात भी पुख्ता होती जाएगी कि यह कितने नजदीक से जाएगा या टकराएगा. टकराने की कितने प्रतिशत संभावना है.
नासा ने एक ऐसे एस्टेरॉयड से सैंपल कलेक्ट किया है जो बेहद हैरान करने वाला है. यह सैंपल ऐसा है जिसमें डीएनए और आरएनए के 5 न्यूक्लियोबेसेस और प्रोटीन में पाए जाने वाले 20 अमीनो एसिड में से 14 मौजूद है. क्या धरती पर जीवन एक एस्टेरॉयड से आया? अगर ऐसा है तो क्या इंसान एलियन है?
Nasa Asteroid Alert: अक्सर पृथ्वी के पास से एस्टेरॉइड गुजरते हैं, लेकिन कभी-कभी इनकी साइज काफी ज्यादा बड़ी होती है. हाल ही में ऐसा ही हुआ, जब एक एस्टेरॉइड धरती के बगल से गुजरा.
एक स्टेडियम के आकार का एस्टेरॉयड धरती के बगल से गुजर गया. वैज्ञानिक बारीकी से इस पर नजर रख रहे थे. क्योंकि अगर इसने रास्ता बदला होता तो ये धरती पर भयानक तबाही मचा सकता था. ये आज दिन में करीब 11 बजे धरती के नजदीक से गुजर गया. आइए जानते हैं इस खतरनाक एस्टेरॉयड के बारे में...
ये एस्टेरॉयड धरती के बगल से फ्लाई करेगा. दूरी काफी कम होगी. इसका असर धरती और उस पत्थर दोनों पर पड़ेगा.
सिर्फ पांच साल और. धरती की तरफ आ रहा God of Chaos एस्टेरॉयड धरती के बगल से गुजरेगा. लेकिन अपनी पृथ्वी का भी एक सुरक्षाकवच है. जो उसे भी झटका देगा. पृथ्वी की ग्रैविटी उस एस्टेरॉयड की सतह पर भयानक भूकंप लाएगा. भूस्खलन पैदा करेगा. उस पत्थर से सिर्फ धरती को खतरा नहीं, बल्कि उसे खुद भी है.
आज का दिन यानी 24 अक्टूबर 2024 के 24 घंटे वैज्ञानिकों के लिए सतर्क रहने का दिन है. दो एस्टेरॉयड धरती के बगल से निकल चुके हैं. रात में दो और निकलने वाले हैं. चारों बेहद खतरनाक City Killers एस्टेरॉयड हैं. इनमें से दो एस्टेरॉयड की खोज तो इस महीने के शुरूआत में ही हुई है.
धरती को दो महीनों के लिए दूसरा चांद मिलने वाला है. या यूं कहे कि मिनी मून (Mini-Moon). कहीं दूसरी दुनिया से कोई हमारी धरती पर विंडो शॉपिंग करने तो नहीं आ रहा. ये मिनी मून 29 सितंबर से 25 नवंबर तक धरती का चक्कर लगाएगा. आइए जानते हैं सुदूर अंतरिक्ष से आ रहे इस नए मेहमान के बारे में...
बाल-बाल बच गई धरती! सवा दो बजे बगल से गुजरा एस्टेरॉयड, टकराने पर मच जाती तबाही.
Cosmic Threat... दोपहर सवा दो बजे धरती खत्म होने से बच गई. 110 फीट चौड़ा एस्टेरॉयड 1.04 लाख प्रति किलोमीटर की स्पीड से बगल से गुजरा. सिर्फ 16 लाख किलोमीटर दूर से. यह दूरी कुछ भी नहीं होती अंतरिक्ष में. एक डिग्री का बदलाव होता तो धरती पर बड़ी तबाही आती.
ISRO चीफ डॉ. एस. सोमनाथ ने भविष्य में आने वाली तबाही को लेकर चेताया है. उन्होंने कहा कि एक बड़ा एस्टेरॉयड अगर धरती से टकराता है तो इंसानियत के लिए खतरा है. इसरो ऐसे खतरों पर नजर रख रहा है. हम ऐसे खतरों से लड़ने के लिए दुनिया भर के देशों के साथ खड़े हैं. हम अपना पूरा जोर लगा देंगे.
डायनासोरों को मारने वाले एस्टेरॉयड को लेकर नया खुलासा हुआ है. वैज्ञानिकों ने बताया कि ये पत्थर सौर मंडल के बाहर से आया था. यह हमारी दुनिया का पत्थर था ही नहीं. इसने सौर मंडल के बाहर से छलांग मारी और 6.60 करोड़ साल पहले सीधे हमारी धरती पर आकर गिरा. पूरी दुनिया में तबाही ला दी.
हमारी धरती बाल-बाल बची है. 2000 फुट चौड़ा 'सिटी किलर' एस्टेरॉयड धरती के बेहद बगल से गुजरा. अगर यह धरती पर गिरता तो यह किसी भी बड़े शहर को पूरी तरह बर्बाद कर देता. इस एस्टेरॉयड ने धरती के नजदीक आने के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. लेकिन आप इसे टेलिस्कोप से अब भी देख सकते हैं.
बहुत बड़ी खोज हुई है. पहली बार किसी Asteroid पर पानी मिला है. NASA के SOFIA एयरबॉर्न ऑब्जरवेटरी ने यह खोज की है. इससे ब्रह्मांड के कई नए खुलासे होंगे. पृथ्वी पर पानी कहां से आया इसका खुलासा हो सकता है?
11 जून 2023 को धरती के लिए एक बड़ा खतरनाक दिन साबित हो सकता है. क्योंकि पृथ्वी के बगल से दुनिया की सबसे ऊंची इमारत के आकार का एस्टेरॉयड गुजरने वाला है. अगर इसकी दिशा बदली तो यह पूरी धरती को धुएं की तरह लापता कर सकता है. आइए जानते हैं इस एस्टेरॉयड के बारे में...
खगोलविदों ने पृथ्वी के साथ-साथ चलने वाले एक साथी की खोज की है. यह एक नया एस्टेरॉयड है, जिसे पृथ्वी का Quasi-moon कहा जा रहा है.
खगोलविदों ने पृथ्वी के साथ-साथ चलने वाले एक साथी की खोज की है. यह एक नया एस्टेरॉयड है, जिसे पृथ्वी का Quasi-moon कहा जा रहा है. यह सूर्य के चारों ओर उतने ही समय में चक्कर लगाता है जितने समय में पृथ्वी लगाती है. तो क्या मान लिया जाए कि ये पृथ्वी का दूसरा चंद्रमा है...आइए जानते हैं.
जब आप आसमान की तरफ रात में या शाम को देखते हैं, आपको सिर्फ एक चांद दिखता है. लेकिन हमेशा ऐसा था क्या? पृथ्वी के चारों तरफ सिर्फ यही इकलौता चांद है. या इसके अलावा और भी हैं. हैं तो दिखते क्यों नहीं. क्या इससे पहले पृथ्वी के पास कई चांद थे. आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब...
पृथ्वी से 138 प्रकाशवर्ष दूर ऐसा रहस्यमयी ग्रह मिला है, जो दूसरी धरती बन सकता है. यह ग्रह लगातार पानी वाले ग्रह में बदल रहा है. लगातार सिकुड़ रहा है यानी पृथ्वी की तरह ही खुद को मजबूत और स्थाई बना रहा है. जानिए इस ग्रह के बारे में...
एक ट्रक के बराबर का एस्टेरॉयड हाल ही में पृथ्वी के बेहद नजदीक से निकल गया. वो बड़ा खतरा बन सकता था. इसके गुजरने की जानकारी वैज्ञानिकों को बाद में मिली. पहले पता ही नहीं चला कि ये पृथ्वी के इतने नजदीक से जाने वाला है. यह धरती की सतह से करीब 3540 किलोमीटर दूर से निकला है.
NASA स्पेसएक्स के साथ मिलकर साइकी एस्टेरॉयड एक्सप्लोरर मिशन पर काम कर रहा है, जो इसी साल लॉन्च किया जाएगा. नासा का मिशन है 16 Psyche एस्टेरॉयड पर स्पेसक्राफ्ट भेजना, जो बेहद कीमती एस्टेरॉयड माना जाता है. इसकी कीमत इतनी है जिसे आप आसानी से गिन भी नहीं सकते.