बेंगलुरू में काम कर रहे 34 साल के AI इंजीनियर इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली (Atul Subhash Suicide Case). अतुल ने खुद पर दहेज उत्पीड़न से लेकर हत्या समेत 9 मामले दर्ज करने से लेकर सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा, पत्नी के भाई अनुराग और पत्नी के चाचा सुशील पर लगाया, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं.
अतुल सुभाष ने खुदकुशी से 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा. 81 मिनट का वीडियो भी बनाया है. इनमें उन्होंने अपनी पूरी व्यथा कथा कह डाली है. उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा, "मेरे ही टैक्स के पैसे से ये अदालत, ये पुलिस और पूरा सिस्टम मुझे और मेरे परिवार और मेरे जैसे और भी लोगों को परेशान करेगा. और मैं ही नहीं रहूंगा तो ना तो पैसा होगा और न ही मेरे माता-पिता, भाई को परेशान करने की कोई वजह होगी.'' अतुल को लगता है कि उनको या उनके जैसे लोगों को न्याय मिलेगा?
हुबली में एक कॉफिन तैयार किया गया. कॉफिन यानि ताबूत. आखिरी रस्म के तहत कॉफिन के अंदर फूल डाले गए. और थोड़ी देर बाद उसी कॉफिन में 40 साल के पीटर को आखिरी विदाई दी गई. इससे पहले पीटर की लाश एक शीशे के बॉक्स में बंद थी.
पीटर ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, 'मैं अपनी पत्नी के टॉर्चर के कारण आत्महत्या कर रहा हूं.' आरोप है कि उसने अपनी पत्नी पिंकी के उत्पीड़न से तंग आकर जान दे दी. यह घटना अशोक नगर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुई.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अतुल सुभाष की मां को पोते की कस्टडी देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि दादी बच्चे के लिए पूरी तरह अजनबी है.
बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद अतुल सुभाष की मां ने पोते की कस्टडी खुद को दिए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. जिसपर सुनवाई मंगलवार को हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ?
बेंगलुरु के एआई इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में गिरफ्तार उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को सिटी सिविल कोर्ट ने जमानत दे दी है. इन तीनों को पुलिस ने प्रयागराज और गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था.
साल 2024 के आखिरी महीने में अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले ने पूरे देश को हिला दिया था. पत्नी और ससुराल वालों से परेशान अतुल ने जाते-जाते अपना एक ऐसा वीडियो शूट किया, जिसमें उसने सिस्टम की कमियों को पूरी तरह से उजागर कर दिया. तब लगा था कि शायद अतुल की मौत से कुछ बदलेगा
बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष ने बीते दिनों सुसाइड कर लिया था. इस घटना के सुर्खियों में आने के बाद गुजरात के सूरत शहर में पत्नी पीड़ित पतियों ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सूरत के अठवा लाइंस सर्किल पर हाथों में प्लेकार्ड लेकर अपनी परेशानी बयां की और सरकार से पुरुष आयोग बनाए जाने की मांग की.
अपने आखिरी वीडियो में जौनपुर के मनोज सोनी कहते हैं- 'मां एक भाई का हक छीनकर दूसरे भाई को देना चाहती है. लो, मैं धन, दौलत के साथ अपनी जान भी तुम्हें दे देता हूं.' इस वीडियो में मनोज अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए आगे कहते हैं कि अब मैं जा रहा हूं, मुझे माफ करना, अपना और बच्चों का ख्याल रखना.
कर्नाटक के बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड केस के बाद अब इसको लेकर एक बहस छिड़ गई है. इस केस के बाद पुरुषों के हक के लिए भी एक आयोग की मांग हो रही है. क्या अतुल सुभाष को इंसाफ मिल पाएगा? देखें क्राइम कहानिया विद शम्स.
अतुल के बेटे के सुरक्षा को लेकर मृतक के माता-पिता और भाई चिंतित हैं. उनका कहना है कि वह अतुल के बेटे की कस्टडी चाहते हैं ताकि उसको पढ़ा लिखाकर अतुल जैसा सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना सकें. इसको लेकर अतुल के पिता पवन मोदी ने पूसा वैनी थाना में पोते की कस्टडी के लिए आवेदन दिया है. वह इसको लेकर कानूनी सलाह भी ले रहे हैं.
अतुल सुभाष सुसाइड केस में अब उनकी पत्नी, सास और साले ने बेंगलुरु कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. पुलिस ने बताया कि निकिता, उनकी मां और भाई ने गुरुवार को अदालत में संयुक्त जमानत याचिका दायर की है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.
अतुल सुभाष सुसाइड केस की जांच में जुटी पुलिस ने आखिरकार उस वजह को तलाश ही लिया, जिसकी वजह से अतुल ने जान दे दी. एक तो बेमन से की गई शादी और दूसरा रोज़-रोज़ निकिता की मां का चार से पांच बार उसे फोन कर पति और ससुराल वालों के खिलाफ भड़काना.
अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में उनकी मां ने न्याय के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अपने पोते (अतुल सुभाष के बेटे) की कस्टडी मांगी है. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को इस हेबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
पुलिस की मानें तो निकिता और अतुल की शादी की बुनियाद कुछ इन्हीं वजहों से इतनी ज्यादा कमजोर हो गई थी कि शादी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं सकी. पहले दोनों में अलगाव हुआ और फिर अतुल ने खुदकुशी कर जान दे दी.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई कर तीनों राज्यों को नोटिस जारी किया. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को इस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब मांगा है.
अतुल की पत्नी, पत्नी का भाई और मां भी फिलहाल हिरासत में हैं. लिहाजा उनसे पूछताछ कर मासूम बच्चे की कस्टडी उनको यानी दादा दादी को सौंपी जाए. क्योंकि इस मामले का उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक तीनों राज्यों से संबंध है इसलिए सुप्रीम कोर्ट से इसमें दखल देने की मांग की गई है.
अतुल सुभाष के भाई विकास मोदी ने कहा कि मुझे कुछ जगहों से पता चला कि मेरा भतीजा निकिता के चाचा के पास है. जबकि कुछ लोगों से पता चला है कि वह बोर्डिंग स्कूल में है. लेकिन एग्जैक्ट रूप से मुझे ये पता नहीं है कि वो कहां है और किस हालत में है. मेरी बेंगलुरु पुलिस से सोमवार को बात हुई थी तो उन्होंने बताया कि वो पता कर रहें है कि अतुल का बेटा कहां है.
2011 की जनगणना के मुताबिक, 13 लाख 62 हजार से ज्यादा भारतीय तलाकशुदा थे. ये कुल आबादी का कुल 0.11 फीसदी है.
दुनिया में सबसे कम तलाक भारत में होते हैं. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि भारत में भी अब तलाक के मामले धीरे-धीरे बढ़ने लगे हैं. आखिरी जनगणना की मानें तो भारत में करीब 14 लाख लोग तलाकशुदा थे. जबकि, 35 लाख ऐसे थे जो पति या पत्नी से अलग-अलग रह रहे थे.
अतुल सुभाष के तीन ससुरालवाले पुलिस की कैद में हैं. जिनमें अतुल की सास निशा सिंघानिया, निशा की बेटी और अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और अतुल का साला अनुराग सिंघानिया शामिल है.
अतुल सुभाष के तीन ससुरालवाले पुलिस की कैद में हैं. जिनमें अतुल की सास निशा सिंघानिया, निशा की बेटी और अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया और अतुल का साला अनुराग सिंघानिया शामिल है. कायदे से यही वो तीन किरदार हैं जो बकौल अतुल उसकी मौत की वजह बने.