औरंगजेब (Aurangzeb) मुगल साम्राज्य का छठा सम्राट था, जिसने 1658 से 1707 तक शासन किया. उसका पूरा नाम अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुहम्मद औरंगजेब आलमगीर था. वह शाहजहां और मुमताज महल का बेटा था. वह अपने बड़े भाइयों को हराकर गद्दी पर बैठा.
इतिहास की माने तो उसने मुगल साम्राज्य का सबसे अधिक विस्तार किया, दक्षिण भारत तक अपनी सत्ता को फैलाया. उसने कई हिंदू मंदिरों को तुड़वाया, जजिया कर फिर से लगाया और शरिया कानून को लागू किया, जिससे उसके शासन को कट्टर माना गया. उसने राजपूतों के साथ संधियां कीं, लेकिन शिवाजी और उनके उत्तराधिकारियों के साथ संघर्ष चलता रहा. उसने बीजापुर और गोलकुंडा पर विजय प्राप्त की, लेकिन मराठाओं और अन्य दक्षिणी राज्यों के विद्रोह को पूरी तरह नहीं दबा पाया.
1707 में उसकी मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य कमजोर पड़ गया और अंततः अंग्रेजों के हाथों परास्त हो गया.
औरंगजेब को लेकर मतभेद भी हैं- कुछ इतिहासकार उसे एक कट्टर शासक मानते हैं जिसने धार्मिक असहिष्णुता फैलाई तो वहीं कुछ लोग उसे एक योग्य और अनुशासित शासक मानते हैं जिसने साम्राज्य को मजबूत करने का प्रयास किया.
शिवसेना के मंत्री संजय शिरसाट ने औरंगजेब की कब्र वाली जगह खुल्ताबाद का नाम बदलकर रत्नपुर करने का प्रस्ताव रखा है. AIMIM और समाजवादी पार्टी ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है, जबकि BJP नाम बदलने के पक्ष में है. मंत्री का कहना है कि यह कोई नई मांग नहीं है, बल्कि पुराने नाम को बहाल करने की कोशिश है.
औरंगजेब विवाद में अब शहर के नाम बदलने की मांग उठी है. शिवसेना कोटे के मंत्री ने फूलताबाद का नाम रत्नपुर करने का प्रस्ताव रखा है. BJP ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जबकि AIMIM और समाजवादी पार्टी ने विरोध किया है. विपक्ष का कहना है कि नाम बदलने से देश की समस्याएं जैसे महंगाई और बेरोजगारी हल नहीं होंगी. VIDEO
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, जहां औरंगजेब की कब्र है, उस खुलताबाद का नाम बदलकर रत्नपुर किया जाए. इस पर AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने कहा, नाम बदलने की राजनीति करने वालों को अपने बाप का नाम भी बदल लेना चाहिए.
छत्रपति संभाजीनगर में नया विवाद सामने आया है. महाराष्ट्र के मंत्री संजय श्रीसाठ ने खुल्ताबाद का नाम बदलकर रत्नापुर करने का प्रस्ताव देकर नई बहस छेड़ दी है. उन्होंने कहा कि खुल्ताबाद का नामकरण होना ही चाहिए. ये कोई नई मांग नहीं है. उसका नाम पुराना रत्नापुर है. देखें मुंबई मेट्रो.
औरंगजेब की कब्र के मामले को लेकर देश में बवाल मचा हुआ है. इसी बीच महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री संजय पांडुरंग शिरसाट ने बड़ा ऐलान कर दिया है. उनका कहना है कि खुल्दाबाद शहर का नाम बदलकर रत्नापुर रखा जाना चाहिए और वे जल्द ही विधानसभा में इसका प्रस्ताव रखेंगे. देखें.
महाराष्ट्र सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि खुल्दाबाद टाउन जहां औरंगजेब की कब्र है, उसका नाम बदलकर रत्नापुर किया जाएगा. दरअसल सामाजिक न्याय मंत्री, राज्य के कुछ नेता और दक्षिणपंथी संगठन छत्रपति संभाजीनगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर खुल्दाबाद से औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं.
आजतक हमेशा से ही कुछ हटकर करता आया है. इसी कड़ी में अब आजतक टेलीविजन डिबेट की दुनिया में क्रांति लाने वाला नया शो लेकर आया है. 'बहस बाजीगर' नाम के इस शो में डिबेट का एकदम नया अंदाज देखने को मिलेगा. इसके पहले एपिसोड में सवाल था, क्या गड़े मुर्दे उखाड़ कर आज के मुद्दों को दफन किया जा रहा है? देखें तीखी बहस.
केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) महाराष्ट्र के खुलदाबाद में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय कर रहा है. मकबरे के चारों ओर 12 फीट ऊंची धातु की शीट लगाई गई है और दीवारों पर कटीले तार लगाए गए हैं.
राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि औरंगजेब की कब्र ASI द्वारा संरक्षित स्मारक है और इसकी जानकारी ASI की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है.
महाराष्ट्र में औरंगजेब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने छत्रपति शिवाजी की तारीफ करते हुए औरंगजेब का जिक्र किया. MNS ने औरंगजेब की कब्र की दूरी दिखाते पोस्टर लगाए और पांच मांगों का नामपत्र सौंपा. राज ठाकरे ने कहा, 'औरंगजेब जो मराठों को खत्म करने के लिए आया था, उसे यहीं पर गाड़ा गया है.' देखें...
महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी और औरंगजेब को लेकर विवाद चल रहा है. इस बीच, MNS ने औरंगजेब की कब्र से जुड़ी मांगों का ज्ञापन दिया है. इनमें कब्र पर सजावट न करना, सरकारी खर्च न करना और फूल-चादर चढ़ाने वालों पर मुकदमा चलाना शामिल है. MNS कार्यकर्ताओं ने छत्रपति संभाजी नगर में पोस्टर भी लगाए हैं.
महाराष्ट्र में औरंगजेब के नाम पर राजनीति जारी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने छत्रपति शिवाजी की तारीफ करते हुए कहा कि वो ही थे जिन्होंने इस्लामिक आक्रमणकारियों को परास्त किया था. हालांकि, इससे पहले संघ नेता भैयाजी जोशी ने कहा था कि औरंगजेब विवाद अनावश्यक रूप से बढ़ाया जा रहा है.
Chhatrapati Sambhajinagar: मनसे ने छत्रपति संभाजीनगर के अलग-अलग हिस्सों में बैनर लगाए हैं, जिनमें औरंगजेब की कब्र की दूरी को किलोमीटर में दर्शाया गया है. यह कब्र खुल्दाबाद में स्थित है, जो छत्रपति संभाजीनगर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है.
महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर सियासी विवाद जारी है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कब्र पर एक बोर्ड लगाने की मांग की है, जिस पर लिखा हो 'यह हमें खत्म करने आया था और हमने इसे यहां गाड़ दिया'. MNS अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि इससे लोगों को मराठों की ताकत का पता चलेगा.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बिल को लेकर कहा कि कुछ दल और संगठन लोगों को गुमराह कर रहे हैं. कुछ भी बोलने से पहले बिल को पढ़ें और फिर तर्क दें. मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की कुछ दक्षिणपंथी संगठनों की मांग के बीच, वरिष्ठ आरएसएस नेता सुरेश 'भैयाजी' जोशी ने सोमवार को कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है.
RSS नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र पर जाना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है. उन्होंने शिवाजी महाराज का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी. जोशी ने इसे भारत की उदारता और सर्व समावेशी संस्कृति का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा, 'जिसको जाना है वो जाए', इस प्रकार भारतीय संस्कृति की विशालता को दर्शाया.
पूर्व आरएसएस महासचिव भैयाजी जोशी ने कहा, 'हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श (रोल मॉडल) है. उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी. यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है. कब्र बनी रहेगी, जो भी जाना चाहेगा, जाएगा.'
आरएसएस नेता भय्याजी जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र पर जाना भारतीय संस्कृति और उदारता का प्रतीक है. उन्होंने कहा, 'छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की कब्र बनवाई थी' जोशी ने यह भी कहा कि जिसकी आस्था है वो औरंगजेब की कब्र पर जा सकता है, यह भारत की उदारता और सर्व समावेशी संस्कृति का प्रतीक है.
औरंगजेब विवाद पर राज ठाकरे ने अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाने की जरूरत नहीं है, बल्कि वहां एक बोर्ड लगाना चाहिए, जिस पर लिखा हो कि औरंगजेब मराठों को खत्म करने आया था और यहीं दफन हो गया. ठाकरे ने लोगों से व्हाट्सएप से इतिहास पढ़ना बंद करने और किताबों का गहराई से अध्ययन करने की अपील की. देखें...
औरंगजेब विवाद में एमएनएस चीफ राज ठाकरे की इंट्री हो गई है. राज ठाकरे ने कहा कि फिल्म देखकर जागने वाले किसी काम के नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप से लोग इतिहास पढ़ना बंद करें और किताब का गहराई से अध्ययन करें. ठाकरे ने कल कहा कि औरंगजेब शिवाजी के विचारों को मिटाना चाहता था लेकिन खुद दफ्न हो गया. देखें वीडियो.
मनसे चीफ राज ठाकरे ने औरंगजेब से जुड़ी बहसों की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा, "हमें पानी के स्रोतों और पेड़ों की चिंता नहीं है, लेकिन हमें औरंगजेब की कब्र की चिंता है?" उन्होंने कहा कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से किया जाना चाहिए.