हिमस्खलन
हिमस्खलन (Avalanches) एक पहाड़ी या पहाड़ ढलान के नीचे बर्फ का तीव्र प्रवाह होता है. हिमस्खलन होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि बढ़ी हुई वर्षा या स्नोपैक कमजोर होना, या बाहरी साधनों जैसे कि मनुष्यों, जानवरों और भूकंपों के कारण (Factors of Avalanches).
हिमस्खलन दो सामान्य रूपों में होता है. पहला बर्फ से बने स्लैब हिमस्खलन, जो एक अंतर्निहित कमजोर बर्फ की परत के ढहने से उत्पन्न होते हैं और दूसरा ढीली बर्फ से बने ढीले हिमस्खलन जिसका प्रभाव हलका होता है. हिमस्खलन आमतौर पर बहुत तेजी से आगे बढ़ते हैं. यदि कोई हिमस्खलन काफी तेजी से चलता है, तो कुछ बर्फ हवा के साथ मिल सकती है, जिससे पाउडर हिमस्खलन हो सकता है. हिमस्खलन कीचड़ के प्रवाह, मडस्लाइड, रॉक स्लाइड और सेराक ढहने से अलग होते हैं (Types of Avalanches).
हिमस्खलन किसी भी पर्वत श्रृंखला में हो सकता है. खासकर जिसमें एक स्थायी स्नोपैक हो, वहां संभावना ज्यादा होती है. हिमस्खलन सर्दियों या वसंत ऋतु में सबसे अधिक बार होते हैं (Avalanches Happen). पर्वतीय क्षेत्रों में, हिमस्खलन जीवन और संपत्ति के लिए सबसे गंभीर प्राकृतिक खतरों में से हैं, इसलिए हिमस्खलन नियंत्रण में बहुत प्रयास किए जाते रहे हैं (Efforts for Avalanche Control).
स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने 3 मार्च को हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर तूफान और बिजली गिरने के साथ भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग ने 3 मार्च को चंबा, कांगड़ा, लाहौल और स्पीति के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन में कुल 54 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, लेकिन 8 मजदूरों की मौत हो गई है. रविवार को रेस्क्यू टीम ने आखिरी लापता मजदूर का शव भी बरामद कर लिया. आधुनिक तकनीक और हवाई सहायता के जरिए बचाव दल लगातार खोज में जुटा था.
उत्तराखंड में तेज बर्फबारी के चलते सेना के बचाव कार्य पर असर पड़ा है. कई दिनों से जारी बर्फबारी के कारण 4 मजदूर लापता हैं और 4 की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गई है. हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी स्थिति गंभीर है, कई जगह सड़कें बंद हैं. मौसम विभाग द्वारा हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है. नॉनस्टॉप-100 में देखें बड़ी ख़बरें.
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बड़े हिमस्खलन के दौरान 55 मजदूर फंस गए थे. तीन दिन चले रेस्क्यू अभियान में 51 लोगों को बचा लिया गया, जबकि 4 की जान चली गई. 4 मजदूर अब भी लापता हैं. सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एसडीआरएफ, और एनडीआरएफ की मदद से बचाव कार्य जारी है. देखें...
उत्तराखंड के चमोली में हुई एवलांच की घटना के बाद सर्च ऑपरेशन जारी है. अब तक पांच शव बरामद किए गए हैं, जबकि तीन लोग अभी भी लापता हैं. 200 से अधिक जवान लगातार तलाश में जुटे हैं. आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मिलकर ऑपरेशन चला रही हैं.
उत्तराखंड के माणा में भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन रुका था, जिसे फिर से शुरू किया गया है. अभी तक चार मजदूर लापता हैं. रेस्क्यू में सेना के चार हेलिकॉप्टर के अलावा आईटीबीपी, बीआरओ, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के 200 से ज्यादा जवान लगे हुए हैं. खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू में परेशानियां हो रही हैं. देखें शतक आजतक.
उत्तराखंड के चमोली में रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन जारी है. शुक्रवार को हुए हादसे में 54 मजदूर फंसे थे, जिनमें से 50 को बचा लिया गया. 4 मजदूरों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 अभी भी लापता हैं. भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आ रही है. सेना के 4 हेलीकॉप्टर और 200 से ज्यादा जवान रेस्क्यू में लगे हैं. देखें...
उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन है. 54 में से 50 मजदूरों को बचाया गया. अभी भी 4 मजदूर लापता है. भारी बर्फबारी और खराब मौसम से ऑपरेशन में बाधा आ रही है. सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के 200 से अधिक जवान तलाश में जुटे हुए हैं. देखें Video.
उत्तराखंड के चमोली में हुए एवलांच हादसे में 4 मजदूरों की मौत हो गई है. 5 मजदूर अभी फंसे हुए हैं. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. वहीं, 50 मजदूरों को बचा लिया गया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति की जानकारी ली है.
उत्तराखंड के चमोली में बर्फीले तूफान के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. माणा गांव में एक निजी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे 55 मजदूर फंस गए थे. अब तक 49 को बचाया गया है, एक की मौत हो गई है और 6 अभी भी फंसे हुए हैं. CM धामी घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया.
चमोली में एवलांच ने भीषण तबाही मचाई है. तो वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर पीएम मोदी ने सीएम धामी से फोन पर बात की है. पीएम ने हर संभव मदद का भरोसा दिया है. एवलांच हादसे में अब तक 47 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया है. ITBP, BRO, SDRF और NDRF की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. देखें वीडियो.
उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन के बाद 8 मजदूरों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. अब तक 47 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस मामले पर चर्चा की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.
उत्तराखंड के माड़ा गांव में एवलांच के बाद अभी भी 8 मजदूर फंसे हुए हैं. घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हवाई निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया गया, जहां 47 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है. सेना और बचाव टीमें क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं और प्रतिकूल मौसम के बावजूद अभियान में जुटी हुई हैं.
उत्तराखंड के चमोली जिले में माड़ा गांव के पास एवलांच आया, जिसमें फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. हिमस्खलन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटनास्थल का हवाई सर्वे किया. 55 में से 47 मजदूरों को बचाया गया, 8 अभी भी फंसे हैं. देखें CM धामी के हवाई सर्वे का वीडियो.
उत्तराखंड के चमोली में बर्फीले तूफान में फंसे 55 मजदूरों में से 47 को सफल बचा लिया गया है. 8 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं जिन्हें बचाने के लिए सेना, NDRF, SDRF और ITBP की टीमें जुटी हुई हैं. सेना का MI-17 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचेंगे. देखें...
उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा में हुए हिमस्खलन के बाद बचाव कार्य तेजी से जारी है. सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी घटनास्थल का दौरा करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है.
ब्रिगेडियर मनदीप ढिल्लो ने बताया कि एवलांच में फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू टीम सुबह से ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में जुटी हुई हैं. भारतीय सेना की स्पेशलाइज्ड मेडिकल टीम, जिसमें तीन डॉक्टर और चार एम्बुलेंस शामिल हैं, मौके पर पहुंच गई है. इंजीनियरिंग टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हो गई है.
उत्तराखंड के चमोली में बर्फ़ का पहाड़ धसने से 57 मजदूर फंस गए. इनमें से 32 का रेस्क्यू किया गया है, जबकि 25 को निकालने का प्रयास जारी है. 65 लोगों की टीम बचाव कार्य में लगी हुई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है और हर संभव मदद का भरोसा दिया गया है. देखें नॉनस्टॉप-100.
उत्तराखंड के चमोली में हिमस्खलन के बाद 47 मजदूरों को अब तक सुरक्षित बचाया जा चुका है. लेकिन अभी भी 8 मजदूर बर्फ के नीचे फंसे हैं. बचाव कार्य में सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एसजीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें शामिल हैं. सेना का एमआई-17 हेलिकॉप्टर भी बचाव कार्य में जुड़ा है.
उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ के पास माड़ा गांव में बर्फ़ का पहाड़ फिसकने से 57 मजदूर दब गए. रेस्क्यू ऑपरेशन में 32 मज़दूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि 25 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. बचाए गए लोगों में से चार की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. देखें.
उत्तराखंड के सुमना में हुए हिमस्खलन में 57 मजदूर फंस गए हैं. यह इलाका भारत-चीन सीमा से सटा हुआ है और जोशीमठ के पास स्थित है. भारतीय सेना, आईटीबीपी, बीआरओ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. देखें.