बाबर (Babur) भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाला शासक था. उसका पूरा नाम जहीर-उद-दीन मुहम्मद बाबर था. वह तैमूर वंश के वंशज था और चंगेज खान से भी जुड़ा था. बाबर का जन्म 14 फरवरी 1483 को फरगना (वर्तमान उज्बेकिस्तान) में हुआ था. अपने पिता उमर शेख मिर्जा की मृत्यु के बाद फरगना के शासक बना. शुरुआत में उन्होंने समरकंद पर अधिकार करने की कोशिश की लेकिन असफल रहा.
1526 में बाबर ने दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराकर पानीपत की पहली लड़ाई जीती. इस लड़ाई में उन्होंने तोपों और संगठित सैन्य रणनीति का उपयोग किया, जिससे लोदी की विशाल सेना पराजित हो गई.
1527 में बाबर ने कान्वा की लड़ाई में मेवाड़ के शासक राणा सांगा को हराया. इस युद्ध के बाद बाबर की स्थिति भारत में और मजबूत हो गई.
बाबर ने 1529 में अफगान शासकों और बंगाल के नवाबों के खिलाफ घाघरा की लड़ाई लड़ी. 1528 में उसने चंदेरी पर भी विजय प्राप्त की.
बाबर एक कुशल योद्धा होने के साथ-साथ शायर और लेखक भी था. उसने अपनी आत्मकथा "बाबरनामा" लिखी, जो तुर्की भाषा में थी.
उसने भारत में मुगल शैली की नींव रखी और विभिन्न बाग-बगीचों का निर्माण कराया.
बाबर की मृत्यु 26 दिसंबर 1530 को आगरा में हुई थी. बाद में उसकी इच्छानुसार उसका शव काबुल में दफनाया गया.
उसके बाद उसके पुत्र हुमायूं ने शासन संभाला.
कौशांबी से गिरफ्तार बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी लाजर मसीह (Lajar Masih) ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है. लाजर मसीह ने बताया कि सर्विलांस से बचने के लिए वह बिना सिम का फोन रखता था. जब कभी उसे पुर्तगाल और पाकिस्तान में बैठे ISI हैंडलर से बात करनी होती तो वह किसी से वाईफाई मांग कर इंटरनेट यूज कर लेता था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में मनुस्मृति या बाबरनामा जैसा कोई भी कोर्स या अध्ययन सामग्री प्रस्तुत करने की हमारी कोई मनसा नहीं है.