बहादुर शाह प्रथम (1643 – 1712) मुगल सम्राट औरंगजेब के सबसे बड़े पुत्र थे और उनके निधन के बाद 1707 में मुगल साम्राज्य के सातवें सम्राट बने. उनका मूल नाम मुअज्जम था, लेकिन राजगद्दी पर बैठने के बाद वे बहादुर शाह कहलाए. उन्होंने 1707 से 1712 तक शासन किया.
औरंगजेब की मृत्यु के बाद उनके बेटों के बीच सत्ता संघर्ष हुआ. मुअज्जम ने अपने छोटे भाइयों आजम शाह और काम बख्श को पराजित कर दिल्ली की गद्दी हासिल की और बहादुर शाह के नाम से मुगल सम्राट बने.
उन्होंने अपने पिता औरंगजेब की सख्त इस्लामी नीतियों में ढील दी और हिंदुओं के प्रति उदार नीति अपनाई. उन्होंने जजिया कर को हटाए रखा और कई राजपूत शासकों को शाही सेवा में पुनः नियुक्त किया.
सिखों से संबंध- उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के साथ समझौता किया, लेकिन बाद में बंदा सिंह बहादुर के नेतृत्व में सिखों ने विद्रोह कर दिया, जिसे दबाने के लिए उन्होंने सख्त कदम उठाए. उन्होंने मराठों के साथ संधि की कोशिश की लेकिन उन्हें पूरी तरह नियंत्रण में नहीं ला सके. बहादुर शाह को जाटों, राजपूतों और पठानों के विद्रोहों का सामना करना पड़ा.
बहादुर शाह प्रथम का निधन 27 फरवरी 1712 को लाहौर में हुआ. उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्रों के बीच उत्तराधिकार युद्ध हुआ, जिसमें जहांदार शाह विजयी हुआ.