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बालांगीर

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बलांगीर

बलांगीर (Balangir), भारत के पश्चिमी ओडिशा राज्य में स्थित एक जिला है (District of Odisha). बलांगीर शहर जिला मुख्यालय भी है. भूमि की संरचना मुख्यतः ग्रामीण है. बलांगीर जिले के अन्य महत्वपूर्ण बड़े और छोटे शहरों में टिटलागढ़, पटनागढ़, कांताबनजी, लोईसिंघा, संतला, बेलपाड़ा, तुशरा, आगलपुर, देवगांव, चुडापाली, बिरपाली, भालुमुंडा, बांगोमुंडा, सिंधकेला, तुरेकेला और मुरीबहल हैं. 


बलांगीर जिला उत्तर-पश्चिम में गंधमर्दन पहाड़ियों और उत्तर-पूर्व में चट्टानी महानदी घाटी से घिरा है. यह कई पहाड़ी से होकर गुजरता है. सदाबहार जंगलों, बाइसन और सांभर स्थल से घिरा हुआ है. मुख्य वन क्षेत्र नुआपाड़ा, कालाहांडी जिले की सीमा से लगे पश्चिमी सीमा के साथ फैला है और फिर गंधमर्दन रेंज के समानांतर पूर्वी सीमा से लगता है (Balangir Location).

जिले का क्षेत्रफल 6,575 वर्ग किमी है (Balangir Area). 2011 की जनगणना के मुताबिक इस जिले की जनसंख्या 1,648,997 (Balangir Population) है. बलांगीर जिले में 5 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं (Balangir Constituency).

2006 में पंचायती राज मंत्रालय ने बलांगीर को देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में से एक नाम दिया है. यह वर्तमान में पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि कार्यक्रम (BRGF) से धन प्राप्त करने वाले ओडिशा के 19 जिलों में से एक है.


बलांगीर जिले का नाम बलांगीर के मुख्यालय कस्बों के नाम पर रखा गया है. यह शहर 1880 के दशक से पटना के सामंती राज्य का मुख्यालय भी था. बलांगीर जिला उत्तर पश्चिम में गंधमर्दन पहाड़ियों से घिरा है. कई पहाड़ी नदियां इसे पार करती हैं. यह तांत्रिक संस्कृति की भूमि भी है. यह सरकार के गणतांत्रिक रूप में प्रयोग करने के लिए भी उल्लेखनीय है जिसे रमई देव ने उखाड़ फेंका था (Balangir History).

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