बैलिस्टिक मिसाइल (बीएम) (Ballistic Missiles) किसी लक्ष्य पर हथियार पहुंचाने के लिए प्रोजेक्टाइल मोशन का उपयोग करती है. ये हथियार अपेक्षाकृत छोटे अवधि (brief periods) के दौरान ही संचालित होते हैं. यह मध्यम दूरी की मिसाइल है. बैलिस्टिक मिसाइलें क्रूज मिसाइलों से अलग होती हैं. एक बैलिस्टिक मिसाइल प्रोजेक्टाइल मोशन के साथ अपने दिशा के उड़ान को एक बड़े आर्क के रूप में ऊपर और नीचे की कर सकता है. वहीं क्रूज मिसाइलें हवा में स्व-चालित होती हैं, रॉकेट प्रोपेलेंट की बदौलत एक सीधी रेखा में और कम ऊंचाई पर उड़ती हैं.
कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें (एसआरबीएम) आमतौर पर पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर रहती हैं, जबकि अधिकांश बड़ी मिसाइलें वायुमंडल के बाहर उड़ान भर सकती हैं.
एक बैलिस्टिक मिसाइल तीन भाग होते हैं:- संचालित उड़ान भाग(powered flight portion), मुक्त-उड़ान भाग (free-flight portion), और पुनः प्रवेश चरण (re-entry phase), जहां मिसाइल पृथ्वी के वायुमंडल में वापस प्रवेश करती है. कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों वायुमंडल के अंदर ही रहती हैं, इसलिए इनके उड़ान फेज आईसीबीएम के पहले दो चरण ही होते हैं.
बैलिस्टिक मिसाइलों को खास साइटों या मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है, जिसमें वाहन (जैसे, ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर), विमान, जहाज और पनडुब्बियां शामिल हैं.
Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना ने अपनी शक्ति का जोरदार प्रदर्शन किया. कर्तव्य पथ पर टी-90 भीष्म टैंक, नाग मिसाइल, सारथ बीएमपी, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, पिनाका रॉकेट लॉन्चर और आकाश मिसाइल सिस्टम सहित कई आधुनिक हथियार दिखाए गए. VIDEO
अमेरिकी एक्सपर्ट ने मान लिया है कि रूस की ओरेश्निक मिसाइल को फिलहाल ट्रैक करना और रोकना असंभव है. अब एक रूसी एक्सपर्ट ने भी यही बात दोहराई है. उसने कहा कि जासूसी सैटेलाइट भी इस मिसाइल को ट्रैक नहीं कर पाएंगी. कर भी लेंगी तो जब तक सूचना देंगी तब तक ये मिसाइल टारगेट तबाह कर चुकी होगी.
अमेरिका ने रूस के एयर डिफेंस सिस्टम को पिछाड़ने का दावा किया है. ऐसा एंटी-मिसाइल सिस्टम बनाया है, जिसकी इंटरसेप्टर मिसाइल 20826 km/hr की गति से दुश्मन की ओर बढ़ती है. यानी दुश्मन मिसाइल को आसमान में दूर ही खत्म कर देती है. इस नए हथियार का नाम है Dark Eagle.
अमेरिका ने चीन के हमले से बचने के लिए प्रशांत महासागर में मौजूद अपने गुआम एयर बेस से इंटरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण किया. इस मिसाइल ने हवा से जमीन पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को आसमान में ही नष्ट कर दिया. परीक्षण में एंडरसन एयर बेस के पूरे डिफेंस सिस्टम की भी टेस्टिंग की गई.
रूस की TASS न्यूज एजेंसी ने खुलासा किया है कि रूस अगले साल बेलारूस में अपनी नई और घातक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल ओरेश्निक तैनात करने जा रहा है. इससे पूरा यूरोप रूस के निशाने पर आ जाएगा. ये फैसला तब लिया गया जब अमेरिका और जर्मनी रूस के खिलाफ पूरे यूरोप में इंटरमीडियट रेंज की मिसाइलें तैनात कर रहे हैं.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी नई इंटरमीडियट/मीडियम रेंज हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल के बारे में लोगों को कई नई जानकारियां दीं. क्या ये मिसाइल अमेरिका पहुंच सकती है? क्या ये Unstoppable है? किसी भी तरह के सुरक्षा कवच को भेद सकती है? ऐसे 9 सवालों से समझिए इस मिसाइल की ताकत...
यूक्रेन को अमेरिका से मिली ATACMS और रूसी Iskander मिसाइल में कौन ज्यादा ताकतवर है? क्योंकि दोनों का इस्तेमाल रूस-यूक्रेन जंग में भरपूर हो रहा है. दोनों ही लंबी दूरी पर सटीक मार करने के लिए बनाई गई हैं. रूस को फायदा इतना है कि वह अपनी मिसाइल खुद बना रहा है. यूक्रेन अमेरिका से खरीद रहा है.
भारतीय नौसेना और DRDO ने समंदर में सीक्रेट परीक्षण किया. सबमरीन से लॉन्च होने वाली परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल K-4 का सफल टेस्ट किया है. यह मिसाइल न्यूक्लियर हथियार के साथ 3500 km तक मार कर सकती है. किसी सबमरीन से इस मिसाइल का परीक्षण पहली बार हुआ है. लॉन्चिंग INS Arighaat से की गई.
Russia की जिस मीडियम रेंज हाइपरसोनिक मिसाइल से इस समय दुनिया हिली हुई है. उसके निशाने पर अमेरिकी सैन्य बेस भी हैं. अगर मामला बिगड़ता है तो यह इस मिसाइल से रूस कम से कम 9 अमेरिकी सैन्य ठिकानों, मिसाइल साइलो और फ्लीट को टारगेट कर सकता है. फिर तो समझिए World War शुरू...
अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन को JASSM बैलिस्टिक मिसाइल दी है. ताकि वह लंबी दूरी तक रूस के अंदर मार कर सके. इस मिसाइल के जरिए यूक्रेन रूस की राजधानी मॉस्को तक हमला कर सकता है. इस मिसाइल की रेंज 900 किलोमीटर है. इस मिसाइल से हमला करने का मतलब होगा कि रूस करारा जवाब देगा.
Russia ने यूक्रेन के द्निप्रो पर जो हमला किया वो एक नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण था. इसमें ICBM मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस नई मिसाइल के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 नवंबर 2024 को खुलासा किया. जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी की है.
रूस ने यूक्रेन के द्निप्रो शहर पर ICBM मिसाइलों से हमला कर दिया है. संभवतः ये RS-26 Rubezh मिसाइलें हैं. ये हमला 21 नवंबर 2024 की सुबह 5 से 7 बजे के बीच हुआ. कई महत्वपूर्ण इमारतों और ढांचों को इन मिसाइलों ने बर्बाद कर दिया है. ये मिसाइलें रूस के अस्त्राखान इलाके से दागी गई थीं.
क्या अमेरिका से यूक्रेन को मिले ATACMS मिसाइल से रूस डरा हुआ है. ऐसी क्या खास बात है इस मिसाइल में, जिसने यूक्रेन-रूस का रुख बदल दिया है. यूक्रेन ने इसके साथ-साथ Storm Shadow मिसाइल का भी इस्तेमाल किया है. जिसकी वजह से अब रूस खतरनाक हमले की तैयारी कर रहा है.
यूक्रेन ने रूस के हमले के डर से कुर्स्क इलाके में 12 स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया है. वहीं, अब खबरें ये आ रही हैं कि रूस अपनी RS-26 Rubezh न्यूक्लियर ICBM मिसाइल से कीव पर हमला कर सकता है. इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंड माइंस का इस्तेमाल करने की अनुमति यूक्रेन को दे दी है.
रूस ने कहा कि यूक्रेन ने पश्चिमी देशों से हासिल ATACMS मिसाइल से उसके इलाके में हमला किया. छह में से पांच मिसाइलों को रूसी एयर डिफेंस ने नष्ट कर दिया. एक इंडस्ट्रियल इलाके में गिरा. जिसका जवाब बेहद करारा मिलेगा. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने तो तीसरे विश्व युद्ध के शुरूआत की धमकी तक दे डाली है. जानिए इस मिसाइल की ताकत...
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के न्यूक्लियर नियम-कायदों में बदलाव किया है. जिसमें कहा गया है कि अगर गैर-परमाणु देश किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमले से मिलेगा.
अमेरिका 6 से 10 नवंबर के बीच अपनी सबसे खतरनाक परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है. ये परीक्षण रूस, उत्तर कोरिया और चीन के मिसाइल परीक्षणों के जवाब में है. टेस्टिंग कैलिफोर्निया के वांडेनबर्ग एयरफोर्स बेस से होगी. ताकि मिसाइल समंदर में सेट टारगेट को हिट कर सके.
चीन जब चाहे चुटकियों में पूरे ताइवान को कब्रिस्तान में बदल सकता है. उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी लैंड-बेस्ड मिसाइल फौर्स है. यानी ऐसी जिसमें बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. बड़ी मिसाइलों की तो जरूरत ही नहीं पड़ेगी. कम रेंज की मिसाइलों से ही ताइवान का काम तमाम हो जाएगा.
Russia ने ईरान की मिसाइल के बदले मिसाइल से मदद की है. ईरान ने यूक्रेन से जंग के लिए रूस को अपनी मिसाइल दी थी. अब रूस ने इजरायल से जंग के लिए ईरान को इस्कंदर बैलिस्टिक मिसाइल दी है. ऐसी खबरें सोशल मीडिया पर कई जगहों पर चल रही हैं. पुख्ता तौर पर इसकी सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन आपको बताते हैं इस्कंदर मिसाइल की ताकत...
ईरान ने इस साल के शुरूआती महीनों में एक नई मिसाइल का प्रचार किया था. अब इसी मिसाइल से तेल अवीव पर हमला भी किया गया. इस मिसाइल को इजरायल का एयर डिफेंस सिस्टम भी नहीं रोक पाया. ये कोई आम बैलिस्टिक या क्रूज मिसाइल नहीं है, ये हाइपरसोनिक मिसाइल हैं.
ईरान और हिज्बुल्लाह इजरायल पर मिसाइलें गिरा रहे हैं. रूस-यूक्रेन एकदूसरे पर. पर मिसाइलों में हथियार कहां होता है? क्या पूरी मिसाइल में सिर्फ बारूद भरा रहता है? इसलिए वह इतनी दूर तक जाती है. आइए इस स्टोरी में देखिए बैलिस्टिक मिसाइल का X-Ray...