जून 2024 में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 बांग्लादेश कोटा सुधार आंदोलन के जवाब में किए गए सरकारी फैसले को पलटते हुए स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए 30 फीसदी कोटा बहाल करने के खिलाफ विरोध शुरू हुआ था. छात्रों को ऐसा लगने लगा कि योग्यता के आधार पर उनके पास सीमित अवसर ही बचेंगे. इस विरोध की शुरुआत सरकारी नौकरियों के लिए पुनः स्थापित कोटा प्रणाली की प्रतिक्रिया के रूप में शुरू हुई थी. लेकिन बाद में यह हिंसक होती चली गई. जिसके बाद बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना को 5 अगस्त को देश छोड़ेकर जाना पड़ा (Bangladesh Coup).
बांग्लादेश में पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच 4 अगस्त 2024 को हुई झड़प में कम से कम 91 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए. जिससे अधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और अनिश्चित काल के लिए देशव्यापी कर्फ्यू लागू करना पड़ा.
सोशल मीडिया और स्थानीय संगठनों द्वारा फैलाए जा रहे संदेशों में दावा किया जा रहा है कि भारत ने यह कदम बांग्लादेश में हाल ही में सत्ता परिवर्तन के खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में उठाया है. आरोप लगाए जा रहे हैं कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पतन के बाद भारत ने इस बाढ़ को जानबूझकर पैदा किया है.
बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी छात्र नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बीच अपने पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना 5 अगस्त को भागकर भारत आ गई थीं. अब बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार है जिसकी कमान 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के हाथ में है.
शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं. इसका असर भारत-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक संबंधों पर पड़ने की आशंका है. बांग्लादेश में उनके खिलाफ प्रदर्शन तेज हो रहे हैं, जिसमें उनके प्रत्यर्पण की भी मांग की जा रही है.
बांग्लादेश के हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर दुनिया में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. लेकिन भारत में इसको लेकर अब तक एक भी बड़ा विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ. यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. सवाल है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर भारत चुप क्यों? देखें ब्लैक & व्हाइट का संडे एडिशन.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हिन्दू समुदाय पर हमले का नहीं है. ये हमला 5 अगस्त को ढाका में बांग्लादेश पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के एक ऑफिस पर हुआ था.
भारत के तीन पड़ोसी मुल्क- पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान क्राइसिस जोन में बदल चुके हैं. अब तक बांग्लादेश इससे अछूता था, लेकिन अब वहां भी अस्थिरता आ गई है. बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता जाने के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं. ऐसे में जानते हैं कि इन तीन पड़ोसी मुल्कों में हिंदुओं के हालात क्या हैं? और वहां कितने हिंदू रह गए हैं?
ढाका ट्रिब्यून ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शेख हसीना अभी कुछ दिन और भारत में ही रहेंगी.
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. लेकिन पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर अब भी सवाल उठ रहे हैं. इस बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया.
शेख हसीना का बांग्लादेश के पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने से एक साल पहले, भारतीय अधिकारियों ने अपने अमेरिकी समकक्षों से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री पर दबाव डालना बंद करने को कहा था.
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से अपने भाषण के दौरान भी बांग्लादेश में हुई घटनाओं का जिक्र किया और हालात को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश होने के नाते हम चिंतित हैं. मैं इसको समझ सकता हूं. आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे. 140 करोड़ देशवासियों की चिंता है कि वहां के हिंदुओं, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने उन्हें फोन पर अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा का भरोसा दिया है. मोदी ने बताया कि भारत हमेशा बांग्लादेश को समर्थन देगा और लोकतांत्रिक, स्थाई, शांतिपूर्ण और प्रोग्रेसिव बांग्लादेश के लिए प्रयास करेगा. देखें दोनों में क्या बातचीत हुई.
शेख हसीना की सरकार गिरने के कुछ दिनों बाद 8 अगस्त को मुहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली थी. शेख हसीना सरकारी नौकरियों के लिए कोटा सुधारों पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच 5 अगस्त को अपदस्थ हुईं और उन्हें देश छोड़ना पड़ा था.
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल की जांच एजेंसी में बुधवार को हसीना, अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पार्टी के कई अन्य प्रमुख लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई. शिकायतकर्ता के वकील गाजी एमएच तमीम ने गुरुवार को पुष्टि की कि ट्रिब्यूनल ने बुधवार रात को जांच शुरू कर दी है.
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट और अंतरिम सरकार बनने के बाद अब नई मांग को लेकर प्रदर्शन और हिंसा शुरू हो गई है. गुरुवार को बांग्लादेश में 'शोक दिवस' पर हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए.
आरएसएस चीफ मोहन भागवत और योग गुरु बाबा रामदेव ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर बयान दिया है. संघ प्रमुख ने कहा है कि दुनिया में हमेशा ऐसे लोग होते हैं, जो दूसरे देशों पर हावी होना चाहते हैं. हमें सतर्क और सावधान रहना होगा और उनसे खुद को बचाना होगा.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में गुरुवार को शहीद मीनार पर अलग-अलग छात्र गुटों ने हजारों की संख्या में पहुंचकर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांग्लादेश की पूर्व सरकार में रहे लोगों के खिलाफ एक्शन लिया जाए. शेख हसीना को देश वापस लाया जाए और उनपर मुकदमा चलाया जाए.
बता दें कि 15 अगस्त को बांग्लादेश में शोक दिवस मनाया जाता है. इस दिन बांग्लादेश के संस्थापक कहे जाने वाले शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या की गई थी. तब से बांग्लादेश में इस दिन को शोक दिवस के रूप में मनाया जाता था. लेकिन अंतरिम सरकार ने इसे मनाने से इनकार कर दिया था.
तख्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश में सुलग रहा है. नई सरकार आई, लेकिन भरोसा न दिला पाई. 52 जिलों के ढाई सौ से ज्यादा इलाकों में हमले से हिंदुओं में डर है. बांग्लादेश के हालात के बीच बीजेपी ने बंटवारे पर हुंकार भरी. सीएम योगी ने कहा कि अखंड भारत होगा या बांग्लादेश-पाकिस्तान तबाह हो जाएंगे. देखें...
देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया. इसके बाद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने देशवासियों को संबोधित किया. अपने संबोधन में पीएम ने बांग्लादेश हिंसा और वहां हिंदुओं के हालात का भी जिक्र किया. देखें ये वीडियो.
कानून सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि अंतरिम सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में इन घटनाओं की जांच करने की तैयारी की है. 1 जुलाई से 5 अगस्त के बीच की अवधि में की गई हत्याओं की सुनवाई अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा की जाएगी.
रिपोर्ट में एडवोकेट सोहेल राणा के हवाले से कहा गया है कि 10 फरवरी 2015 को मुझे उत्तरा के सेक्टर 5 से हिरासत में लिया गया और जबरन एक गाड़ी में बैठा दिया गया था, जैसे ही मैं कार के अंदर गया, मेरे कानों और प्राइवेट पार्ट में बिजली के झटके देकर मुझे बेहोश कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि उस दौरान मुझे कई तरह की क्रूर यातनाएं दी गई. आखिरकार मुझे अगस्त में राजशाही के गोदागरी में रिहा कर दिया गया.