बांसुरी स्वाराज (Bansuri Swaraj) पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) की बेटी हैं. बांसुरी पेशे से एक वकील हैं. उनका जन्म 3 जनवरी 1984 को हुआ था. वह स्व.सुषमा स्वराज और स्वराज कौशल की इकलौती संतान हैं. बांसुरी के पिता एक क्राइम वकील हैं. वह 1990 से 1993 तक मिजोरम के गवर्नर रहे हैं.
2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें बीजेपी (BJP) ने नई दिल्ली लोकसभा सीट (New Delhi) से उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि बांसुरी पहले से ही बीजेपी की दिल्ली ईकाई से जुड़ी हुई हैं.
बांसुरी स्वराज ने वर्ष 2007 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में नामांकन लिया था और तब से उन्हें कानूनी पेशे में पंद्रह वर्षों का अनुभव है. अपनी स्नातक की पढ़ाई के बाद वारविक विश्वविद्यालय से बी.ए. में दाखिला लिया. उन्होंने लंदन के प्रतिष्ठित बीपीपी लॉ स्कूल में कानून की पढ़ाई की. उन्होंने लॉ में बैरिस्टर के रूप में योग्यता प्राप्त की और उन्हें लंदन के ऑनरेबल इन इनर टेम्पल से बार में भी शामिल हुई. इसके बाद, उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सेंट कैथरीन कॉलेज से अपनी मास्टर ऑफ स्टडीज पूरी की.
दिल्ली की चुनावी जंग मोदी मॉडल बनाम केजरीवाल मॉडल बन गई थी. इसलिए चुनाव जीतकर आए लोगों में से कोई भी अपनी सीट के अलावा किसी और सीट को लेकर ये नहीं कह सकता है कि उसका प्रभाव वहां भी देखने को मिला है. इसमें प्रवेश वर्मा भी शामिल हैं.
दिल्ली में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज ने आजतक से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि ये जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर जनता के भरोसे का परिणाम है. दोनों सांसदों ने आम आदमी पार्टी के कुशासन की आलोचना की. देखें उन्होंने दिल्ली की जनता से क्या नए वादे किए?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद 'कमल' खिल गया है. बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी को आसानी से हरा दिया. इन नतीजों के बाद बीजेपी के खेमे में जबरदस्त उत्साह है. बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी और बांसुरी स्वराज ने आजतक से बातचीत की. देखें ये वीडियो.
Delhi Election Results 2025: दिल्ली में बीजेपी के लिए सीएम का चुनाव करना बहुत कठिन होने वाला है. बीजेपी को एक ऐसी शख्सियत का चुनाव करना है जो सबको साथ लेकर चल सके और इतना तेज तर्रार हो कि दिल्ली में ठप पड़ चुके विकास कार्यों, साफ सफाई आदि में तुरंत बदलाव ला सके. वो भी 'लो प्रोफाइल' रहकर.
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच दिल्ली के भारतीय जनता पार्टी के सातों सांसद और प्रदेश अध्यक्ष एक मंच पर साथ आए. प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, सांसद मनोज तिवारी, बांसुरी स्वराज, रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रवीण खंडेलवाल, कमलजीत सहरावत, हर्ष मल्होत्रा और योगेंद्र चंदोलिया आजतक के स्पेशल शो 'सत्ते पे सत्ता' में शामिल हुए. चुनावी मुद्दों, AAP-कांग्रेस के आरोपों , चुनावी रणनीति पर सांसदों ने खुलकर अपनी राय रखी. देखें.
आजतक के सत्ते पे सत्ता शो में अंजना ने बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज से पूछा कि आप लोग तो कहते थे कि रेवड़िया अच्छी बात नहीं हैं. इससे देश की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचती है. लेकिन अब बीजेपी भी वैसे ही दावे कर रही है. देखें बांसुरी स्वराज ने इसका क्या जवाब दिया?
दिल्ली की एक अदालत 1 फरवरी को बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) के सत्येंद्र जैन द्वारा दायर मानहानि मामले पर सुनवाई करेगी.
वैसे तो रमेश बिधूड़ी ने खुद कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दूर-दूर तक नहीं हैं. पर बीजेपी में जिसे सीेएम बनना होता है उसे वास्तव में नहीं पता होता है. जैसी परिस्थितियां बन रही हैं कोई आश्चर्य नहीं होगा कि सीेएम आतिशी को यदि बिधूड़ी हरा देते हैं तो उन्हें सीएम पद से पुरस्कृत कर दिया जाए.
दिल्ली दंगल का बिगुल बज चुका है. इसे लेकर दिल्ली भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आजतक से बात की. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने सड़क के नाम पर गड्ढे, हवा के नाम पर प्रदूषण दिया, अब समय है बदलने का और भाजपा को जीताने का. सुनिए VIDEO
दिल्ली में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई योजनाओं का ऐलान कर दिया है, जिन पर बासुरी स्वराज ने गंभीर आरोप लगाए हैं. ये योजनाएं मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रस्तुत की गई हैं, लेकिन इन पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं. इससे राजनीतिक माहौल गरमा गया है और चुनाव में क्या मोड़ आएगा, यह देखना दिलचस्प होगा. केजरीवाल की ये योजनाएं उनकी पार्टी की नीति और विचारधारा का हिस्सा बनी हैं. अब देखना होगा कि जनता इन पर क्या प्रतिक्रिया देती है.
आज दिल्ली के एक इलाके में नल से साफ पानी देने की योजना की शुरुआत करने का दावा पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किया. अब साफ पीने का पानी वाली योजना पर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज ने क्या कुछ कहा. देखें.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना का रजिस्ट्रेशन शुरू करने का ऐलान किया है. महिलाओं को 2100 रुपये मिलेंगे और 60 साल से ऊपर के बुजुर्गों का मुफ्त इलाज होगा. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि टीमें घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करेंगी. भाजपा ने इसे चुनावी जुमला बताया है. देखे VIDEO
संसद परिसर में धक्का-मुक्की का मामला सामने आने के बाद सियासत गर्मा गई है. पक्ष-विपक्ष दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप चल रहा है. कांग्रेस ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि, बीजेपी आंबेडकर विरोधी है तो वहीं केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी नेता विपक्ष बनने के लायक नहीं हैं.
बीजेपी ने कहा कि, केजरीवाल महिला सुरक्षा के नाम पर केवल छलावा कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने AAP प्रमुख पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनके घर में महिला सांसद के साथ बदसलूकी होती है, वे महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं रखते.
राउज एवेन्यू कोर्ट ने बांसुरी स्वराज को 20 दिसंबर को पेश होने के लिए बुलाया है. बांसुरी स्वराज व्यक्तिगत रूप से या अपने वकील के माध्यम से पेश हो सकती हैं. इसी तारीख को अदालत मामले में सत्येंद्र जैन और उनके दो गवाहों के बयान दर्ज करेगी.
“टूटे हुए वादों का दंश कब तक सहेगी दिल्ली…”, बांसुरी स्वराज का AAP से तीखा सवाल
एजेंडा आजतक के पहले सत्र - ओ नारी, चुनाव में रक्षा करना में शिरकत करते हुए बीजेपी की दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज की बेटी और पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची बांसुरी स्वराज ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर खुलकर अपनी बातें रखीं.
'एजेंडा आजतक 2024' का महामंच सज चुका है. जिसके सत्र- ओ स्त्री, चुनाव में रक्षा करना! में खास तौर पर आमंत्रित रहीं रंजीत रंजन (राज्यसभा सांसद), बांसुरी स्वराज (बीजेपी से लोकसभा सांसद), शंभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी से लोकसभा सांसद),प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना से राज्यसभा सांसद) और प्रिया सरोज(सपा से लोकसभा सांसद). देखें ये सत्र.
दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने दावा किया है कि यह टिप्पणी बांसुरी स्वराज ने उन्हें बदनाम करने और अनुचित राजनीतिक फायदा हासिल करने के लिए की थी.
भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ये राज्य की पुलिस को नहीं बचा पा रहे तो देश के लोकतंत्र को क्या बचाएंगे. स्वराज ने कहा कांग्रेस सरकार ने अपने स्वार्थी राजनीतिक हित की पूर्ति के लिए मामले को वापस लेने का फैसला किया है.
आतिशी को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाकर अरविंद केजरीवाल ने राजनीतिक चतुराई दिखाई तो है, लेकिन ये भी ध्यान रहे, बीजेपी का महिला मोर्चा भी एक्शन में आ चुका है.