बशर अल असद (Basher Al Assad) सीरिया (Syria) के 19वें राष्ट्रपति रहे हैं. वे एक सर्जन भी हैं. उन्होंने जुलाई 2000 से दिसंबर 2024 में अपने तख्तापलट राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया. नवंबर 2024 में, सीरियाई विद्रोहियों के गठबंधन ने असद को बाहर करने के इरादे से देश के खिलाफ कई हमले किए. विद्रोही सैनिकों ने पहली बार दमिश्क में प्रवेश किया. इस्लामिक विद्रोहियों ने हालात ऐसे कर दिए कि राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़कर भाग जाने पर मजबूर होना पड़ा और इस तरह सीरिया में असद परिवार के 50 सालों का वर्चस्व खत्म हुआ.
8 दिसंबर की सुबह बशर अल असद रूस चले गए. रूस का कहना है कि असद और उनके परिवार ने मॉस्को में शरण ली है. उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी गई है.
असद ने इससे पहले विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता सौंपने के लिए हामी भर दी थी. इस तरह इस्लामिक समूह हयात तहरीर अल शाम (एचटीएस) की अगुवाई में विद्रोही गुट राजधानी दमिश्क तक पहुंचे और असद सरकार का तख्तापलट कर दिया. अल कायदा के पूर्व कमांडर अबू मोहम्मद अल जोलानी 'हगयात तहरीर अल शाम ग्रुप' की अगुवाई कर रहे हैं.
असद सीरियाई सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ और अरब सोशलिस्ट बाथ पार्टी की केंद्रीय कमान के महासचिव थे. वह हाफिज अल असद के बेटे हैं, जो 1971 से 2000 तक सीरिया के राष्ट्रपति थे.
1994 में, जब उनके बड़े भाई बासेल अल-असद की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई, तो असद को उत्तराधिकारी के रूप में बासेल की भूमिका संभालने के लिए सीरिया वापस बुला लिया गया था. असद ने सैन्य अकादमी में प्रवेश किया, 1998 में लेबनान पर सीरियाई कब्जे की कमान संभाली. 10 जून 2000 को अपने पिता की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी बने. बशर अल-असद का जन्म 11 सितंबर 1965 को दमिश्क में हुआ था,
रूस के एक पूर्व जासूस के टेलीग्राम चैनल General SVR पर सबसे पहले दावा किया गया है कि रूस में राजनीतिक शरणार्थी के तौर पर रह रहे बशर अल-असद को जहर देकर मारने की कोशिश की गई है.
सीरिया के पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद को रूस में जहर दिए जाने का दावा किया जा रहा है. इस घटना के चलते उन्हें सांस लेने में मुश्किल और घुटन होने लगी. फिलहाल, उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. अभी स्पष्ट नहीं है कि आखिर असद को जान से मारने की कोशिश किसने की, मामले की जांच चल रही है.
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने तुर्की मीडिया की उन रिपोर्ट्स को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि असद को मॉस्को तक ही सीमित कर दिया गया है और उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई है. रिपोर्ट्स को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं है.'
राष्ट्रपति बशर अल-असद के देश छोड़ने के साथ ही सीरिया में दशकों की तानाशाही तो खत्म हो गई, लेकिन लोकतंत्र का रास्ता आसान नहीं. फिलहाल देश की लीडरशिप इस्लामिक गुट हयात तहरीर अल-शाम के पास है. यह एक चरमपंथी समूह है, जो किसी वक्त पर अलकायदा से जुड़ा रहा. इसी से अंदाजा लग सकता है कि सीरिया एक मुश्किल से बचकर दूसरी मुसीबत में जा सकता है. ऐसा कई और देशों के साथ हो चुका.
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद की पत्नी अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया दोनों देशों की नागरिकता है. अस्मा का जन्म और लालन-पालन दोनों लंदन में हुआ. उनके माता-पिता सीरियाई मूल के हैं.
रूस ने भले ही बशर अल-असद के राजनीतिक शरण के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था, लेकिन वह अब भी गंभीर प्रतिबंधों के अधीन हैं. उन्हें मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है. रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है.
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश से भागने के बाद निर्वासन में अपने पहले बयान में कहा कि देश छोड़ना उनके लिए कभी एक विकल्प नहीं था. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार बशर अल-असद ने पिछले हफ्ते अपने शासन के पतन के बाद सोमवार को अपना पहला बयान जारी किया.
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद ने देश से भागने के बाद निर्वासन में अपने पहले बयान में कहा कि देश छोड़ना उनके लिए कभी एक विकल्प नहीं था. न्यूज एजेंसी एएफपी के अनुसार बशर अल-असद ने पिछले हफ्ते अपने शासन के पतन के बाद सोमवार को अपना पहला बयान जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि 'शरण उनके लिए कभी भी एक विकल्प नहीं था'.
असद ने अपने छोटे भाई महेर, जो सेना की एलीट 4th आर्मर्ड डिवीजन के कमांडर थे, को भी अपनी योजना के बारे में नहीं बताया. तीन सहयोगियों के अनुसार, महेर ने हेलीकॉप्टर से इराक और फिर रूस का रुख किया. असद के मामा के बेटे एहाब और इयाद मखलूफ को भी दमिश्क से भागते समय पीछे छोड़ दिया गया.
Syria Economy Collapse Amid Civil War: सीरिया में भले ही गृहयुद्ध खत्म हो गया हो और बशर अल-असद की सत्ता खत्म हो गई हो, लेकिन 13 साल चले इस संघर्ष में देश की इकोनॉमी की हालत बद से बदतर हो गई है.
सऊदी अरब में भारत के पूर्व राजदूत तलमीज अहमद ने सीरिया में असद की सत्ता गिरने को इजरायल, तुर्की और अमेरिका की साजिश करार दिया है. उन्होंने दावा किया है कि सीरियाई सैनिकों को पहले ही चेता दिया गया था कि अगर उन्होंने लड़ने की ठानी तो उन पर एयरस्ट्राइक की जाएगी.
सैटेलाइट इमेज और 3D मॉडल ने सीरिया की सबसे खतरनाक सेदनाया जेल की खौफनाक सच्चाइयों को उजागर किया, जहां हजारों कैदियों को अमानवीय यातनाओं का सामना करना पड़ा.
सीरिया की सत्ता पर काबिज होने के बाद भी विद्रोही गुट के लोगों में बशर अल असद और उनके परिवार को लेकर गुस्सा है. उत्तर पश्चिमी सीरिया के करदाह में बशर अल असद के पिता हाफिज अल असद के मकबरे में विद्रोही घुस गए और यहां तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी. इस जगह पर हाफिज के अलावा असद के परिवार के दूसरे लोगों की कब्र है. देखें तस्वीरें.
सीरिया में बशर अल असद की सरकार गिरने के बाद हजारों सीरियाई सैनिक इराक की सीमा में दाखिल हो चुके हैं. इराकी सुरक्षाबल उनकी मेजबानी कर रहे हैं.
-कब्जा करके भी सीरिया का बड़ा हिस्सा विद्रोहियों के हाथ में नहीं है? जानिए इजरायल, तुर्की ने कौन-कौन से इलाके कब्जा लिए हैं, रूस का बेस किन इलाकों में स्थित है
Bashar al-Assad Car Collection: अरबों की संपत्ति के मालिक सीरिया से भागे राष्ट्रपति बशर अल-असद का कार कलेक्शन भी राजशाही झलक दिखाता है. इसमें रोल्स रॉयस फैंटम से लेकर फेरारी एफ 40 जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं.
बशर अल-असद की सरकार के दो हफ्तों से भी कम वक्त में गिरने के बाद से सीरिया में अलग माहौल है. फिलहाल देश की बागडोर हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के हाथ में है, वो जैसा चाहेगा, सीरिया उसी करवट बैठेगा. एचटीएस चूंकि अलकायदा से प्रभावित रहा, लिहाजा ये डर भी बना हुआ है कि कहीं यह चरमपंथी संगठन न साबित हो.
सीरियाई सेना आईडीएफ का कहना है कि उन्होंने बीते 48 घंटों में सीरिया में 480 से ज्यादा हमले किए हैं. सीरिया के कई शहरों में हथियारों के डिपो और एंटी एयरक्राफ्ट बैटरीज प्रोडक्शन साइट पर ताबड़तोड़ हमले किए गए हैं.
Bashar al-Assad Net Worth: सीरिया में 13 साल से चल रहे गृहयुद्ध में विद्रोहियों के आगे घुटने टेक चुके बशर अल-असद अपना देश छोड़कर भाग चुके हैं. असद और उनकी फैमिली के पास बेशुमार दौलत बताई जाती है, जिसमें सैकड़ों टन सोना भी शामिल है.
तख्तापलट के बाद सीरिया में तबाही का एक नया दौर शुरू हो गया है. सीरिया में अमेरिका, इज़रायल और टर्की के साथ 9 आतंकवादी संगठन खूनी संघर्ष में शामिल हो गए हैं. इज़रायल की सेना ने 50 वर्षों के बाद पहली बार सीरिया के बफर ज़ोन पर अपना कब्जा कर लिया है और अब भी इज़रायल के सैनिक सीरिया की राजधानी से सिर्फ 21 किलोमीटर दूर हैं. तख्तापलट के बाद क्या अब और बिगड़ेगी सीरिया की तस्वीर? देखें
सीरिया में असद सरकार के पतन के बाद दूसरे देशों के हमले तेज हो गए हैं. इजराइल ने सीरिया के दक्षिणी, अमेरिकी ने मध्य और तुर्की ने उत्तरी इलाके पर हमला किया है. गाजा और लेबनान पर तबाही मचाने के बाद इजरायल ने अब सीरिया पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. इजरायल ने सीरिया पर इतिहास का सबसे बड़ा हमला किया है. बशर अल असद के देश से भागने के बाद इजरायली वायुसेना ने पूरे सीरिया में भीषण बमबारी की है.