भूपिंदर सिंह हुड्डा
भूपिंदर सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) एक भारतीय राजनेता हैं जो राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं (Leader Congress). वह हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं (Bhupinder Singh Hooda, Leader Opposition, Haryana). उन्होंने 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया है (Bhupinder Singh Hooda Former CM Haryana).
कांग्रेस को चुनावी जीत दिलाने के बाद अक्टूबर 2009 में उन्होंने दूसरा कार्यकाल शुरू किया. हुड्डा बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सदस्य भी हैं. 2010 में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन पर कार्य समूह का गठन किया था (Bhupinder Singh Hooda Political Career). युवाओं को ओलंपिक खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हुड्डा ने लंदन खेलों में किसी भी विषय में स्वर्ण पदक जीतने वाले राज्य एथलीटों के लिए 25 मिलियन रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की. रजत और कांस्य पदक विजेताओं के लिए 15 मिलियन रुपये की नकद पुरस्कार राशि और 10 मिलियन रुपये की भी घोषणा की गई है (Bhupinder Singh Hooda announced Prize Money for Haryana Athletes).
हुड्डा धन की कथित हेराफेरी और घोटालों को लेकर सीबीआई की जांच के घेरे में भी आए थें. 2019 में सीबीआई की प्रारंभिक जांच (पीई) से पता चला है कि हुड्डा और टीसी गुप्ता ने कथित तौर पर सार्वजनिक उद्देश्य के लिए अधिग्रहण के लिए गुरुग्राम के विभिन्न क्षेत्रों में भूमि के बड़े हिस्से को जानबूझकर अधिसूचित करने के लिए निजी बिल्डरों के साथ एक आपराधिक साजिश रची (Bhupinder Singh Hooda Fund Scam Gurugram).
भूपिंदर सिंह हुड्डा का जन्म 15 सितंबर 1947 को हरियाणा के रोहतक जिले के सांघी गांव में हुआ था (Bhupinder Singh Hooda Age). उनके पिता का नाम चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा और मां हर देवी हुड्डा है. उनके पिता रणबीर सिंह हुड्डा एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी थे (Bhupinder Singh Hooda Parents).
हुड्डा ने 1976 में आशा दहिया से शादी की (Bhupinder Singh Hooda Wife). उनके दो बच्चे हैं. उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा 2004 से 2019 तक रोहतक के सांसद रहे हैं (Bhupinder Singh Hooda Children).
वह सैनिक स्कूल, बालाचडी, जामनगर, गुजरात के पूर्व छात्र हैं. उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से बी.ए. किया और विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की (Bhupinder Singh Hooda Education). उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूथ कांग्रेस से की थी (Bhupinder Singh Hooda Joined Congress).
आम तौर पर कहा जाता है कि प्रदेश में जिसकी सरकार रहती है स्थानीय निकाय चुनावों में उस दल का ही बहुमत होता है. पर बिल्कुल ऐसा भी नहीं है. वह भी तब जब कांग्रेस जैसी मजबूत पार्टी का राज्य से सफाया ही हो जाए. वह भी भूपेंद्र सिंह हुड्डा जैसे कद्दावर नेताओं के इलाके से भी पार्टी न जीत पाए तो सवाल तो उठेंगे ही.
हरियाणा के सभी 10 नगर निगम के नतीजे आ गए हैं. कुरुक्षेत्र, करनाल से फरीदाबाद और गुरुग्राम तक बीजेपी की सुनामी देखने को मिली है. 9 नगर निगम में बीजेपी ने जीत दर्ज की है. सिर्फ मानेसर में निर्दलीय महिला उम्मीदवार को जीत मिली है.
मानेसर नगर निगम के मेयर चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी डॉक्टर इंद्रजीत यादव ने 2293 वोट से बाजी मार ली है. डॉ. इंद्रजीत यादव मानेसर नगर निगम की पहली मेयर बनीं. वे निर्दलीय मैदान में थीं. डॉ. इंद्रजीत यादव ने पहले राउंड से ही बढ़त बनाना शुरू कर दी थी.
पार्टी की हार पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, 'हार से कोई फर्क नहीं पड़ता. पहले भी नगर निगम चुनावों में बीजेपी का ही दबदबा था.' उन्होंने कहा, 'अगर हम कोई मेयर सीट हार गए हैं तो झटका लग सकता है, लेकिन सीटें तो पहले से ही हमारे पास नहीं थीं. कांग्रेस को कहीं न कहीं फायदा जरूर हुआ होगा. हो सकता है कि कहीं हमारे पार्षद एक से बढ़कर दो हो गए हों.'
हरियाणा में कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल की हत्या के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने सैनी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की और बीजेपी सरकार पर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. वहीं हिमानी के परिवार वालों ने भी बड़ा आरोप लगाया है. देखिए
हरियाणा में कांग्रेस नेत्री हिमानी नरवाल की हत्या के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने सैनी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने इस मामले की एसआईटी जांच की मांग की और बीजेपी सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हरियाणा महिलाओं के खिलाफ अपराध में पूरे देश में पहले नंबर पर है.
महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर गाज गिरने वाली है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा बोला है, और राहुल गांधी ने उस पर मुहर लगाई है - लेकिन बड़ा सवाल ये है कि हार के लिए असली जिम्मेदार कौन है?
हरियाणा चुनाव में हार के कारणों की जांच के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई है. दो सदस्यीय इसके पैनल के सामने एक से बढ़कर एक दास्तानें, शिकायतें और आपबीती आ रही है. सवाल ये है कि क्या कांग्रेस ऐसे सभी फीडबैक से कोई सबक लेगी? लगता तो नहीं.
जिस तरीके से अपनी बात कहने के बाद समीक्षा बैठक से राहुल गांधी उठ कर चले गये, साफ है कि हरियाणा की हार को लेकर वो साथी कांग्रेस नेताओं के रवैये से हद से ज्यादा खफा हैं. राहुल उन्हीं कांग्रेस नेताओं से नाराज़ हैं, जिनके हाथ में हाथ डालकर वे चुनाव प्रचार कर रहे थे.
एग्जिट पोल में हरियाणा में कांग्रेस की वापसी और बीजेपी की विदाई का अनुमान लगाया गया था. मगर नतीजों में इसका उल्टा हुआ. कांग्रेस सत्ता से फिर दूर रह गई और बीजेपी ने पहली बार 48 सीटें जीतीं. मगर ये सब क्यों हुआ? आखिर कांग्रेस पर कौनसे दो बड़े फैक्टर हावी पड़ गए? जानते हैं...
हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली शिकस्त के बाद कांग्रेस में समीक्षा का दौर चल रहा है. हरियाणा की हार के बाद आज कांग्रेस नेतृत्व ने राज्य के नेताओं के संग पहली अहम बैठक की. राहुल गांधी ने कहा कि पूरे चुनाव में पार्टी का हित दूसरे नंबर पर रहा और नेताओं का हित हावी रहा. देखिए VIDEO
राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के बारे में कहा है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने अपने व्यक्तिगत हित को पार्टी से ऊपर रखा. हालांकि राहुल गांधी की यह बात पार्टी में कई नेताओं के लिए फिट बैठती है. पर इसे समझा हुड्डा परिवार के लिए ही जा रहा है. आखिर किसी को तो बलि का बकरा बनाना ही है. आइये देखते हैं कि हुड्डा परिवार का कांग्रेस में क्या भविष्य है?
हरियाणा चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत के साथ जनादेश मिला है. हरियाणा की कांटे की लड़ाई में सत्ता की तस्वीर सिर्फ 0.85 फीसदी वोटों के मार्जिन गैप से तय हुई. जानिए दोनों दलों को मिले वोट में कितने का अंतर रहा?
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत से कई ट्रेंड टूट गए हैं. सूबे के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जूब किसी दल को लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का जनादेश मिला है. ट्रेंड टूटने की इस होड़ में एक ट्रेंड ऐसा भी है जो जस का तस बरकरार रहा. जानिए...
haryana election results: हरियाणा चुनाव में दलितों ने भी जाटों की ही तरह कांग्रेस को जोरदार झटका दिया है. कांग्रेस की हार में हुड्डा-सैलजा तकरार की भी बड़ी भूमिका लगती है, और लगता है राहुल गांधी के आरक्षण पर बयान को जैसे बीएसपी नेताओं ने समझाया, हरियाणा के दलितों ने मान भी लिया.
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के रुझानों में बीजेपी बढ़त बनाई हुई है. बीजेपी 47 तो कांग्रेस 37 सीटों पर बढ़त बनाई हुई है. प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि अभी खेल बाकी है. बॉल कभी इधर तो कभी उधर. अंतिम गोल कांग्रेस ही मारेगी. प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. देखें वीडियो.
Haryana election result: हरियाणा चुनाव में कांग्रेस का करीब करीब वही हाल हुआ है, जो लोकसभा चुनाव में बीजेपी का हुआ था - लोकसभा चुनावी प्रदर्शन का अति आत्मविश्वास लगता है कांग्रेस को ले डूबा है. आइये, कांग्रेस की नाकामी के बाकी कारणों को बारीकी से समझते हैं.
हरियाणा चुनावों में भाजपा को अभी तक मिल रही बढ़त ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. भले ही कांग्रेस पीछे है, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. हुड्डा के दावे से कांग्रेस समर्थकों में उत्साह देखा जा सकता है. रुझानों में स्थिरता नहीं होती. परिणाम आने तक कुछ भी हो सकता है.
हरियाणा चुनावों में भाजपा को अभी तक मिल रही बढ़त ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है. भले ही कांग्रेस पीछे है, लेकिन भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि कांग्रेस की ही सरकार बनेगी. हुड्डा के दावे से कांग्रेस समर्थकों में उत्साह देखा जा सकता है. रुझानों में स्थिरता नहीं होती. परिणाम आने तक कुछ भी हो सकता है.
कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा ने कहा कि जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ेगी. कांग्रेस पार्टी को और मजबूती मिलेगी. राज्य में कांग्रेस सरकार बनाएगी और हम 60 से ज्यादा सीटों पर जीतेंगे. हम आश्वस्त हैं कि कांग्रेस सरकार बनाएगी.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर यानी दोनों ही जगह 90-90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था. जम्मू कश्मीर में तीन फेज (18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर) को वोटिंग हुई थी, तो हरियाणा में सिर्फ एक फेज यानी 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था. हरियाणा में जहां पिछले 10 साल से बीजेपी की सरकार थी, तो वहीं जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं.