बिहार में साल 2025 में विधानसभा चुनाव होना है (Bihar Assembly Election 2025). सभी राजनीतिक पार्टियां अभी से ही तैयारी में जुट गई हैं. भारतीय स्वराज मोर्चा नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में विलय हो गया है. जिसमे मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि उज्ज्वल कुशवाहा समेत कई नेता शामिल थे. खबर है कि पूर्व विधायक अनंत सिंह 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. साथ ही, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अगस्त 2024 में कहा था कि उनकी पार्टी, जन सुराज बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और कम से कम 40 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा.
नीतीश कुमार अब तक तो बीजेपी नेताओं या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने पर ही ‘कहीं नहीं जाने’ की बात कर रहे थे, लेकिन अब वो जेडीयू के कार्यक्रम में भी ऐसी बातें बोलने लगे हैं - और बात करते करते ललन सिंह के सिर ठीकरा फोड़ देते हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने स्पष्ट किया कि उनके पिता पूरी तरह स्वस्थ हैं और वह एनडीए के मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे, जैसा कि अमित शाह और सम्राट चौधरी ने भी कहा है। इस बयान से बिहार की राजनीति में नई गर्मी आई है।
नीतीश कुमार के शराबबंदी के फैसले को लेकर विपक्ष तो विपक्ष. सहयोगी भी नाराज हुए. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी के फैसले पर अडिग रहे. नीतीश के अपने फैसले पर डट जाने के पीछे कौन से बड़े फैक्टर हैं?
पाला बदल पॉलिटिक्स के लिए मशहूर हो चुके नीतीश कुमार ने अपने ही साथी ललन सिंह को कठघरे में खड़ा कर दिया है, और वो भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने - ललन सिंह को लेकर कोई शक होने लगा है, या ये कोई राजनीतिक चाल है?
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने अपने मंत्रियों की जिम्मेदारी बदल दी है. दोनों उपमुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों के जिला का प्रभार बदल दिया गया है. शुक्रवार को मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से एक अधिसूचना जारी की गई है, इसमें जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समितियों के अध्यक्ष-सह-प्रभारी मंत्रियों के मनोनयन की घोषणा की गई है.
बिहार सरकार ने जिलों के लिए नए प्रभारी मंत्रियों की सूची जारी कर दी है. कुछ मंत्रियों के प्रभार बदले गए हैं तो कुछ का भार हल्का किया गया है. इस लिस्ट में सामाजिक समीकरणों का भी ध्यान भी नजर आ रहा है.
PM मोदी आज बिहार के मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे. बिहार के सभी केंद्रीय मंत्रियों के साथ क्षेत्रीय सांसद-विधायक के अलावा सत्तारूढ़ दलों के सभी एमपी व कई एमएलए-एमएलसी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे. सभी ने पीएम मोदी का स्वागत किया. पहलगाम हमले के कारण इस सभा में तामझाम नहीं रखा गया है. सादगी से कार्यक्रम करने की घोषणा की गई. देखें...
बिहार चुनाव से छह महीने पहले एक सर्वे में नीतीश कुमार की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है, और वो मुख्यमंत्री पद के पहले पसंदीदा नेता भी नहीं रह गये हैं - लेकिन क्या इतने भर से किसी और नेता के बिहार का अगला मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुल सकता है?
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर मधुबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पहलगाम हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही लोगों से कुछ पल मौन रखने की अपील की. देखिए वीडियो.
बिहार चुनाव को लेकर विपक्षी महागठबंधन एक्टिव मोड में आ गया है. सीटों का पेच सुलझाने के लिए महागठबंधन के घटक दलों की पटना के सदाकत आश्रम में बैठक होनी है..
चिराग पासवान ने ये संकेत तो दे ही दिया है कि दिल्ली नहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में उनकी ज्यादा दिलचस्पी है - और इस तरह नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की लड़ाई में तीसरे किरदार की एंट्री भी निश्चित लगने लगी है.
मगध का इलाका बिहार की सियासत में खास मुकाम रखता है. कभी आरजेडी का गढ़ रहा मगध नीतीश कुमार की जेडीयू और एनडीए के साथ हो लिया लेकिन पिछले चुनाव में लालू की पार्टी मगध का किला बचाने में कामयाब रही थी. इस इलाके की पॉलिटिक्स पर झारखंड और बंगाल की सियासत भी असर डालती है.
बिहार एनडीए में मुख्यमंत्री पद को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की बजाय और उलझती जा रही है. घटक दलों में टकराव की स्थिति दिख रही है. पासवान ने प्रदेश की राजनीति में लौटने की इच्छा जताई है. वहीं, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के एक बयान से विवाद शुरू हो गया है. सिन्हा ने कहा कि अब कोई अभिनेता बिहार का सीएम नहीं बनेगा. देखें...
सामने बिहार चुनाव है, लेकिन राहुल गांधी अभी से गुजरात में एक्टिव हो गये हैं. कांग्रेस अधिवेशन के तत्काल बाद राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से खुली बातचीत में इशारा किया है कि गुजरात कांग्रेस में बड़े पैमाने पर फेरबदल होने हैं, और तीन दशक बाद सत्ता में वापसी की कोशिश की जाएगी - लेकिन नंबर देखें तो कांग्रेस के लिए मिशन असंभव सा लगता है.
बिहार में कांग्रेस चार दशक से सत्ता से बाहर है और RJD की सहयोगी मानी जाती रही है, लेकिन अब पार्टी अपने दम पर खड़ी होने की कोशिश करती दिख रही है. कांग्रेस कन्हैया कुमार, राजेश कुमार और पप्पू यादव जैसे नेताओं को आगे कर नई रणनीति बना रही है, जिससे महागठबंधन में बेचैनी है. 2025 के लिए तेजस्वी यादव के मुख्यमंत्री चेहरे पर भी सहमति नहीं बन पाई है.
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की अहमियत बरकरार है. पटना में जेडीयू के पोस्टर '25 से 30 फिर से नीतीश' ने नई बहस छेड़ दी है. लगभग 20 साल मुख्यमंत्री रह चुके नीतीश कुमार, जिनके गठबंधन बदलते रहे लेकिन कुर्सी नहीं, क्या 2025 के बाद भी मुख्यमंत्री बने रहेंगे?
बिहार की राजनीति में मुस्लिम वोटों की भूमिका अहम है, खासकर सीमांचल, मिथिलांचल और मगध की लगभग 63 सीटों पर जहां यह निर्णायक साबित हो सकते हैं. राज्य की करीब 17% मुस्लिम आबादी का वोटिंग पैटर्न बदलता रहा है. 2015 में महागठबंधन को 80% मुस्लिम वोट मिले, जबकि 2020 में NDA के साथ लड़े नीतीश कुमार की JDU को सिर्फ 5%. देखिए रिपोर्ट.
बिहार की राजनीति में एक बार फिर नीतीश कुमार के नाम की गूंज है. पटना में लगे पोस्टरों पर '25 से 30 फिर से नीतीश' का नारा लिखा है, जिससे आगामी 2025 विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद पर उनकी दावेदारी मजबूत होती दिख रही है। ये तब हो रहा है जब उनकी सेहत और राजनीतिक भविष्य को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है.
बिहार में महागठबंधन के सामने मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. हालांकि तेजस्वी यादव को इंडिया गठबंधन की समन्वय समिति का संयोजक बनाया गया है, लेकिन सीएम उम्मीदवार पर सहमति नहीं बनी है. आरजेडी जहां तेजस्वी के नेतृत्व पर ज़ोर दे रही है, वहीं कांग्रेस समेत अन्य दल अभी पत्ते नहीं खोल रहे हैं. यह स्थिति तब है जब NDA की ओर से नीतीश कुमार के ही मुख्यमंत्री बने रहने के संकेत दिए जा रहे हैं.
बिहार में चुनावों के लिए कांग्रेस ने तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बक्सर में अपनी पहली रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर तीखा हमला बोला. खड़गे ने आरोप लगाया कि बीजेपी और आरएसएस देश में झगड़े कराने का काम करते हैं और लोगों को हिन्दू-मुसलमान, पिछड़े-अति पिछड़े में बांट रहे हैं. देखें...
बिहार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बन गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बक्सर में रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी गठबंधन को मौकापरस्त बताया. खड़गे ने नीतीश पर कुर्सी की राजनीति और बीजेपी से जुड़ने का आरोप लगाया.