बिप्लब कुमार देब
बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री हैं (Former CM of Tripura). वह 7 जनवरी 2016 से 2018 तक त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं (BJP State President of Tripura). उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार के 25 साल के शासन को खत्म कर भाजपा को जीत दिलाई. उन्होंने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
बिप्लब देब का जन्म 25 नवंबर 1971 को त्रिपुरा के गोमती जिला के राजधर नगर गांव में हुआ था (Biplab Kumar Deb Age). उनके माता-पिता उनके जन्म से पहले 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान पूर्वी पाकिस्तान के चांदपुर जिले से शरणार्थी के रूप में भारत आए थे (refugees from Chandpur District, East Pakistan). उनके पिता 27 जून 1967 से भारत के नागरिक हैं. उन्होंने स्कूली शिक्षा और त्रिपुरा विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई त्रिपुरा में पूरी (Biplab Kumar Deb Education).
बिप्लब देब को जनवरी 2017 में भाजपा की त्रिपुरा राज्य इकाई का अध्यक्ष चुना गया था. 8 अगस्त 2017 को बिप्लब देब ने कांग्रेस पार्टी के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी में लाने में योगदान दिया. बिप्लब ने 2018 विधान सभा चुनाव में स्थानीय भाजपा का नेतृत्व किया. देब ने अगरतला के बनमालीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उनके नेतृत्व में भाजपा ने अपने सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के साथ 60 सीटों में से 44 सीटें जीती. उन्होंने 9 मार्च 2018 को त्रिपुरा के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली (Biplab Kumar Deb Political Career).
अप्रैल 2018 में, देब ने यह दावा करते हुए देशव्यापी विवाद छेड़ दिया था कि महाभारत काल से इंटरनेट और सेटेलाइट मौजूद हैं. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पर भी विवादास्पद टिप्पणी की, उन्होंने कहा था कि केवल सिविल इंजीनियरों को ही सिविल सेवा परीक्षा में बैठना चाहिए. एक समारोह को संबोधित करते हुए, देब एक बार फिर विवादों में घिर गए जब उन्होंने कहा कि रवींद्रनाथ टैगोर ने जलियांवाला बाग घटना के विरोध में अपना नोबेल पुरस्कार लौटा दिया था. नवंबर 2019 को, देब ने दावा किया कि मुगलों का इरादा त्रिपुरा की संस्कृति पर बमबारी करने का था (Biplab Kumar Deb Controversies).
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