बिटकॉइन
बिटकॉइन (Bitcoin) एक केंद्रीय बैंक या एकल प्रशासक के बिना एक विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है (Decentralized digital currency). इसे किसी बिचौलिए के बिना पीयर-टू-पीयर बिटकॉइन नेटवर्क पर भेजा जा सकता है (peer-to-peer bitcoin network). इसके लेन-देन को क्रिप्टोग्राफी के माध्यम से नेटवर्क नोड्स द्वारा सत्यापित किया जाता है और बही खाता में लिखा जाता है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं. इस क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का आविष्कार 2008 में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा सतोशी नाकामोटो (Satoshi Nakamoto) नाम का उपयोग करके किया गया था. इस मुद्रा का उपयोग ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किए जाने के साथ 2009 में शुरू हुआ था.
बिटकॉइन को माइनिंग (Mining) के जरिए एक इनाम के रूप में बनाया या अर्जित किया जाता है. उसका अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है. बिटकॉइन अवैध लेनदेन में इसके उपयोग को लेकर विवादों में भी रहा है. आमतौर पर लोग इसे एक निवेश के रूप में इस्तेमाल करते हैं. सितंबर 2021 में, अल सल्वाडोर (Al Salvador) ने आधिकारिक तौर पर बिटकॉइन को कानूनी निविदा (Legal tender) के रूप में अपनाया, ऐसा करने वाला वह पहला देश है.
बिटकॉइन सिस्टम के खाते की इकाई बिटकॉइन है. बिटकॉइन का मुद्रा कोड BTC और XBT हैं. इसका यूनिकोड वर्ण ₿ है. एक बिटकॉइन आठ दशमलव स्थानों के लिए विभाज्य है. हर बिटकॉइन वॉलेट के मालिक के पास एक प्राइवेट की यानी निजी कुंजी होती है (Private Key). अगर निजी कुंजी खो जाती है, तो बिटकॉइन नेटवर्क स्वामित्व के किसी अन्य प्रमाण को नहीं पहचान पाता है, जिससे कॉइन्स अनुपयोगी हो जाते हैं, और प्रभावी रूप से खो जाते हैं. 2013 में एक उपयोगकर्ता ने दावा किया था कि उसने 7,500 बिटकॉइन खो दिए, जिसकी कीमत 7.5 मिलियन डॉलर थी, जब उसने गलती से अपनी निजी कुंजी वाली हार्ड ड्राइव को फेंक दिया था. माना जाता है कि सभी बिटकॉइन का लगभग 20% खो गया है - जुलाई 2018 की कीमतों पर उनका बाजार मूल्य लगभग $20 बिलियन होगा.
बिटकॉइन विकेंद्रीकृत है क्योंकि इसका कोई केंद्रीय अधिकार नहीं है (No Central Authority). बिटकॉइन नेटवर्क पीयर-टू-पीयर है, इसका कोई केंद्रीय सर्वर नहीं है (Without Central Servers). नेटवर्क में कोई केंद्रीय भंडारण भी नहीं है (No Central Storage). इसका खाता बही सार्वजनिक है, कोई भी इसे कंप्यूटर पर स्टोर कर सकता है. इसका कोई एकल प्रशासक नहीं है, बहीखाता का रखरखाव समान रूप से विशेषाधिकार प्राप्त माइनर्स के एक नेटवर्क द्वारा किया जाता है.
डोमेन नाम bitcoin.org 18 अगस्त 2008 को पंजीकृत किया गया था. 31 अक्टूबर 2008 को, बिटकॉइन: ए पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम (Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System) शीर्षक से सतोशी नाकामोटो द्वारा लिखित एक पेपर का लिंक एक क्रिप्टोग्राफी मेलिंग सूची में पोस्ट किया गया था. नाकामोटो ने बिटकॉइन सॉफ्टवेयर को ओपन-सोर्स कोड के रूप में लागू किया और जनवरी 2009 में इसे जारी किया. नाकामोटो की पहचान अज्ञात बनी हुई है. ब्लॉकचेन विश्लेषकों का अनुमान है कि नाकामोटो ने 2010 में गायब होने से पहले लगभग एक मिलियन बिटकॉइन की माइनिंग की थी.
3 जनवरी 2009 को, बिटकॉइन नेटवर्क बनाया गया था जब नाकामोटो ने श्रृंखला के शुरुआती ब्लॉक को माइन किया, जिसे उत्पत्ति ब्लॉक (Genesis Block) के रूप में जाना जाता है. पहले बिटकॉइन लेन-देन को हासिल करने वाले हैल फिनी थे (Hal Finney). फिनी ने अपनी रिलीज़ की तारीख पर बिटकॉइन सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया, और 12 जनवरी 2009 को नाकामोटो से दस बिटकॉइन प्राप्त किए. 2010 में, बिटकॉइन का उपयोग करने वाला पहला ज्ञात वाणिज्यिक लेनदेन पापा जॉन के दो पिज्जा खरीदकर किया था.
फोर्ब्स ने बिटकॉइन को 2013 का सर्वश्रेष्ठ निवेश बताया था. 2015 में, बिटकॉइन ब्लूमबर्ग की मुद्रा तालिका में सबसे ऊपर था.
Rich Dad, Poor Dad के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी (Robert Kiyosaki) ने दुनियाभर के शेयर बाजार में उथल-पुथल और डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी के चलते छिड़े ट्रेड वॉर के बीच बताया है कि आखिर क्यों गरीब लोग 'गरीब' रह जाते हैं.
Bitcoin Crosses $100000: डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद जहां अमेरिकी शेयर बाजारों में तेजी देखने को मिली, तो वहीं पिछले एक महीने से क्रिप्टो बाजार में भी बहार दिखी है. Crypto फ्रैंडली ट्रंप की जीतने के बाद आई जोरदार तेजी के चलते सबसे प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने 1,00,000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया है.
महाराष्ट्र में कथित बिटकॉइन घोटाले पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. दावा है कि एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और कांग्रेस नेता नाना पटोले ने बिटकॉइन को कैश करवाया और उसका इस्तेमाल चुनाव में किया. ऐसे में जानते हैं कि ये पूरा कांड क्या है? इसकी शुरुआत कैसे हुई? और ईडी-सीबीआई की एंट्री कैसे हुई?
महाराष्ट्र चुनाव की लड़ाई AI और बिटकॉइन तक आ गई है. सुप्रिया सुले पर बिटकॉइन के जरिए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. एक ऑडियो के माध्यम से ऐसा कहा जा रहा है. वहीं, सुप्रिया सुले ने आरोपों से इनकार किया है. ऑडियो को AI जेनेरेटेड बताया है. साहिल जोशी के साथ देखें दंगल.
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा चुके हैं. मतदाताओं ने बड़ी संख्या में वोटिंग में हिस्सा लिया. चुनाव में बिटकॉइन का मुद्दा भी गरमाया रहा. एक ऑडियो का हवाला देते हुए एनसीपी शरद गुट की नेता सुप्रिया सुले पर आरोप लगे हैं. हालांकि, सुप्रिया सुले ने आरोपों खारिज कर दिया है. देखें हल्ला बोल.
पूर्व आईपीएस अधिकारी रविंद्रनाथ पाटिल ने मंगलवार को दावा किया था कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने बिटकॉइन के बदले कैश के लिए गौरव मेहता से संपर्क किया था और इस पैसे का इस्तेमाल महाराष्ट्र चुनाव में किया था.
महाराष्ट्र में वोटिंग के एक दिन पहले जिस तरह आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हुआ है वह महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर होने का सूबत है. दोनों गठबंधन अंतिम समय में भी बढ़त बनाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. पर वोटिंग तो आज पुराने मुद्दों पर ही पड़ रहा है. आइये देखते हैं कि वो मुद्दे क्या हैं?
एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से बातचीत में बिटकॉइन पर चल रहे विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि मीडिया में चल रही ऑडियो क्लिप में उनकी आवाज नहीं है. उसे बेशक चेक कराया जाए. सुप्रिया ने कहा कि उन्होंने साइबर क्राइम में इसकी शिकायत की है.
Bitcoin @80000 Dollar: रविवार को क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन जोरदार 4.7% की उछाल के साथ 80,092 डॉलर के स्तर पर पहुंच गया था. डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद इसमें बड़ी तेजी दिखी है.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में लौटने पर अमेरिका को 'बिटकॉइन सुपरपावर' बनाने का वादा किया है. लेकिन इस बीच उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति चुना गया तो बिटकॉइन इंवेस्टर्स बर्बाद हो जाएंगे. देखें US की 10 बड़ी खबरें.
डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति चुना गया तो बिटकॉइन इंवेस्टर्स बर्बाद हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट क्रिप्टो निवेशकों को इस बिजनेस से बाहर करना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.
अगस्त 2025 तक Bitcoin के भाव अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर होंगे. बिटकॉइन $350,000 पर पहुंच सकता है. यह कोई झूठ नहीं, बल्कि यह एक प्रीडिक्शन है.
14 साल पहले बिटकॉइन कौड़ियो के भाव बिक रहा था, लेकिन आज बिटकॉइन नए रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंचा है.
ईडा की जांच में खुलासा हुआ कि राज कुंद्रा को इस घोटाले के मास्टरमाइंड अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन मिले थे. ये बिटकॉइन यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग में निवेश के लिए मिले थे. लेकिन ऐसा कभी हो नहीं पाया और ये बिटकॉइन आज भी कुंद्रा के पास हैं. जिनकी मौजूदा वैल्यू इस समय 150 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
किताब 'Rich Dad Poor Dad' के लेखक रॉबर्ट टी. कियोसाकी (Robert T. Kiyosaki) पहले भी आने वाले समय में फाइनेंशियली फिट रहने के लिए Gold-Silver और बिटक्वाइन में निवेश की सलाह देते रहे हैं.
नासिक पुलिस के सामने एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक बड़े उद्योगपति से शेयर ट्रेनिंग के नाम पर 3.7 करोड़ की ठगी की गई है. पुलिस का शक है कि यह पूरा नेटवर्क दुबई से चलाया जा रहा है. इस ठगी में बिटकॉइन और अन्य डिजिटल मुद्राओं का उपयोग किया जा रहा है.
अल साल्वाडोर ने विदेशी नागरिकों को नागरिकता देने वाले कानून में संशोधन कर दिया है. आने वाले दिनों में यह कानून लागू हो जाएगा. नागरिकता देने वाले इस कानून में बदलाव करते हुए राष्ट्रपति नायब बुकेले ने अपने विकास के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का हवाला दिया है.
पीठ ने 45 से अधिक एफआईआर में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के 30 अगस्त, 2019 के अपने पहले के आदेश को संशोधित किया और कहा कि यह अब लागू नहीं है. इसमें कहा गया है कि अगर आरोपी को किसी अन्य अदालत से नियमित जमानत नहीं मिलती है, तो उसे दिल्ली हाईकोर्ट से इसकी मांग करनी होगी.
यूपी एसटीएफ ने प्रतिबंधित नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है. पूछताछ में पता चला है कि ये गैंग 30 रुपये में 10 गोलियों का पत्ता खरीदकर 700 रुपये में अमेरिका कुरियर से सप्लाई कर रहा था. ये गैंग बिटकॉइन में पेमेंट लेता था. Dark Web के जरिए ये गैंग कई अन्य गैंग के संपर्क में था.
लखनऊ में इंटरनेट की काली दुनिया (डार्क वेब) के जरिए नशीली दवाओं की विदेशों में बिक्री करने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. इसमें चार लोग पकड़े गए हैं. ये गैंग खरीदार की डिमांड के हिसाब से लखनऊ और आसपास के जिलों से प्रतिबंधित नशीली दवाओं की खरीद करता था और डार्क वेब के माध्यम से डील करता था.
क्रिप्टोकरेंसी के लिए साल 2022 बहुत बुरा रहा. बिटकॉइन और इथेरियम समेत सभी बड़े कॉइन्स इस साल औंधे मुँह गिरे. इस साल न केवल कई बड़े संस्थागत निवेशक क्रिप्टो मार्केट से बाहर हुए बल्कि रिटेल निवेशकों का भी विश्वास कम हुआ.