भारतीय जनता पार्टी
भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई थी. यह पार्टी भारतीय लोकतंत्र को बनाने वाले सबसे बड़े राजनीतिक दलों में से एक है. यह केंद्र और राज्यों दोनों में अपनी मौजूदगी के हिसाब से देश की सबसे बड़ी पार्टी है. यह प्राथमिक सदस्यता के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल भी है. इस पार्टी ने देश को दो प्रधानमंत्री दिए हैं, 1996 में पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी. इस पार्टी का चुनावी चिन्ह कमल का फूल है और रंग भगवा (BJP).
साल 1977 में आपातकाल के बाद जनसंघ अन्य दलों के साथ विलय हो गया. लगभग तीन साल के बाद 1980 में जनता पार्टी विघटित हो गई और भारतीय जनता पार्टी का निर्माण किया गया. भाजपा आधिकारिक तौर पर अभिन्न मानवतावाद पर काम करती है, जिसे 1965 में दीनदयाल उपाध्याय द्वारा तैयार किया गया था. भाजपा की उत्पत्ति भारतीय जनसंघ से हुआ है, जिसकी स्थापना 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने प्रमुख कांग्रेस पार्टी की राजनीति के जवाब में की थी. यह हिंदू राष्ट्रवादी स्वयंसेवी संगठन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सहयोग से स्थापित किया गया था, और व्यापक रूप से आरएसएस की राजनीतिक शाखा के रूप में माना जाता था (BJP Formation). भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा ‘एकात्म मानववाद’ सबसे पहले 1965 में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी (BJP Slogan).
नरेंद्र मोदी, वर्तमान प्रधानमंत्री, जो एक बेहद लोकप्रिय नेता भी हैं और जो पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने 2014 के आम चुनावों में भाजपा को शानदार जीत दिलाई और तब से पीछे मुड़कर नहीं देखा. पार्टी 2019 में ऐतिहासिक जनादेश के साथ फिर से सत्ता में आई (PM Narendra Modi).
भाजपा राष्ट्रवादी सिद्धांतों पर केंद्रित विदेश नीति की वकालत करती है. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, अयोध्या में राम मंदिर के बहुप्रतीक्षित निर्माण, ट्रिपल तलाक विरोधी अधिनियम, नागरिकता संशोधन अधिनियम और बालाकोट हवाई हमले के संबंध में इसके प्रमुख निर्णय ऐतिहासिक रहे हैं (BJP Work).
भाजपा सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती है. इनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @BJP4India है और फेसबुक पेज का नाम Bharatiya Janata Party (BJP). यह इंस्टाग्राम पर bjp4india यूजरनेम से है.
साल 2001 सोनिया गांधी ने कुंभ स्नान किया. तीन साल बाद यूपीए की दस साल तक चलने वाली सरकार बनी. साल आया 2019. लोकसभा चुनाव से 15 दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयाग के अर्धकुंभ में डुबकी लगाई. इतिहास गवाह रहा है संगम किनारे कुंभ से निकली दस्तक भविष्य की चुनावी राजनीति में बड़ी हलचल लाती रही है. क्या वैसा ही खेला महाकुंभ से इस बार भी हो सकता है? देखें दस्तक.
दिल्ली में नजफगढ़, मुस्तफाबाद और मोहम्मदपुर के नाम बदलने की मांग पर तनाव बढ़ गया है. बीजेपी विधायक इन स्थानों के नाम नहरगढ़, शिव विहार और माधवपुरम के रूप में देखना चाहते हैं. उनका तर्क है कि ये नाम मुगल काल में बदले गए थे और अब मूल पहचान को पुनःस्थापित किया जाना चाहिए. देखें.
नाम की राजनीति यानी जिन नाम में मुस्लिम पहचान है, उन्हें बदलने की मांग. जो पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मांग होती रही, नाम भी बदला जाता रहा. अब दिल्ली में सरकार बनने के बाद शुरु हो चुका है. अब शहरों-मोहल्लों-इलाकों के नए नाम की सियासी मांग हो रही है. जैसे नजफगढ़ से बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम बदलने का सदन में प्रस्ताव रखा. आप ने इस पर सवाल उठाए हैं.
दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. निलंबित AAP विधायकों को विधानसभा में प्रवेश की अनुमति न मिलने के कारण विवाद जारी है. इस पर नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विरोध दर्ज करवाया और राष्ट्रपति से मिलने की इच्छा जाहिर की. वहीं, बीजेपी के विधायकों ने नजफगढ़ और मोहम्मदपुर जैसे क्षेत्रों के नाम में बदलाव की मांग की है.
दिल्ली में जिस दिन से सरकार बदली है, और विधानसभा का सत्र शुरु हुआ है, उसी दिन से ड्रामा फुल चल रहा है. जी हां जिस तरह से आम आदमी पार्टी और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी, सदन से लेकर सड़क तक हंगामा मचा रही हैं. बीजेपी विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट पेश करके, आप और अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा खोलने का दावा कर रही है. बीजेपी दिल्ली की जनता को बता रही है कि जो आप खुद को कट्टर ईमानदार पार्टी कहती थी, वो कट्टर बेईमान पार्टी है. दिल्ली में जारी सियासत पर देखें स्पेशल रिपोर्ट.
दिल्ली में आज नजफगढ़ से लेकर मुस्तफाबाद, मोहम्मदपुर गांव का नाम बदलने की मांग उठी. लेकिन आप कह रही है कि, बीजेपी असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए बेफिजूल के मुद्दों को उठा रही है. लेकिन बीजेपी कह रही है कि, वो नाम बदलने की मांग तो कई साल से कर रही थी... लेकिन अब जनभावना का ध्यान रखते हुए मुगलकालीन नाम बदले जाने चाहिए. नाम बदलने के साथ, CAG रिपोर्ट पर सत्ता गरमाई हुई है. दिल्ली की सियासत पर देखें हल्ला बोल.
जयपुर में बीजेपी के मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के सामने पार्टी के दो पदाधिकारी भिड़ गए. मारपीट के इस मामले परअल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष हमीद खान मेवाती ने अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री जावेद कुरैशी को पद से हटा दिया है.
बिहार के मुंगेर में शिव बारात के अंदर लव जिहाद के खिलाफ झांकी निकाली गई. जिसके बाद अब इसपर घमासान मचा है. कई सवाल उठ रहे हैं. क्य इसके पीछे चुनावी ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है? क्योंकि विपक्ष का आरोप है कि चाहे झारखंड के हजारीबाग में शिवरात्रि का पताका लगाने पर हुई हिंसा हो या दिल्ली की नई सरकार में मुहल्लों-सड़कों-गलियों के नाम बदले की कवायद. बीजेपी सिर्फ साम्प्रदायिक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. इन सियासी आरोपों के पीछे क्या तर्क और तथ्य हैं? देखें दंगल.
दिल्ली विधानसभा सत्र के तीसरे दिन जबरदस्त हंगामा हुआ. बीजेपी विधायकों ने कई इलाकों के नाम बदलने की मांग उठाई. नजफगढ़ का नाम नाहरगढ़, मोहम्मदपुर का नाम माधवपुरम और मुस्तफाबाद का नाम शिवपुरी करने की मांग की गई. आम आदमी पार्टी ने इसे काम से बचने का बहाना बताया. VIDEO
राजस्थान बीजेपी मुख्यालय से मारपीट का मामला सामने आया है. जिसमें प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की उपस्थिति में अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं में मारपीट हो गई. कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़ने को लेकर दो गुटों में विवाद छिड़ गया. यह संघर्ष पूर्व और वर्तमान पदाधिकारियों के बीच हुई, जिसमें लात-घूंसे भी चले.
राजस्थान BJP मुख्यालय से एक बवाल की घटना सामने आई है. दरअसल प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौर के सामने अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों में जमकर मारपीट हुई. मंच पर चढ़ने को लेकर ये विवाद हुआ. चुनावी मौसम में यह घटना पार्टी के लिए चिंता का विषय बन गई है. देखें वीडियो.
दिल्ली विधानसभा के सत्र में बीजेपी विधायकों ने कई इलाकों के नाम बदलने की मांग उठाई है. नजफगढ़ को नाहरगढ़, मुस्तफाबाद और मोहम्मदपुर के नाम बदलने की मांग हुई है. बीजेपी का कहना है कि यह जनता की मांग है, जबकि आप ने इसे ध्यान भटकाने की राजनीति बताया है. देखें.
देवरिया जिले की बरहज विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक दीपक मिश्रा उर्फ शाका का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर जुबानी हमला करते हुए दिखाई व सुनाई दे रहे हैं.
नाम की राजनीति यानी जिन नाम में मुस्लिम पहचान है, उन्हें बदलने की मांग, जो पहले उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मांग होती रही, नाम भी बदला जाता रहा. अब दिल्ली में सरकार बनने के बाद शुरु हो चुका है. अब शहरों-मोहल्लों-इलाकों के नए नाम की सियासी मांग हो रही है. देखें ख़बरदार.
दिल्ली विधानसभा में हाल ही में कुछ इलाकों के नाम बदलने के प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. इनमें नजफगढ़ का नाम नाहरगढ़, मोहम्मदपुर का नाम माधवपुर और मुस्तफाबाद का नाम शिव विहार रखने की मांग की जा रही है. बीजेपी का तर्क है कि यह मांग स्थानीय नागरिकों की है, जबकि AAP इसे ध्यान भटकाने की रणनीति बता रही है.
दिल्ली विधानसभा में बीजेपी विधायक नीलम पहलवान ने नजफगढ़ का नाम बदलकर नारगढ़ करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि यह नाम 1857 की क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजा नाहर सिंह के सम्मान में होना चाहिए. आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल आलोचना करता है. देखें.
दिल्ली में नई सरकार आई तो अब शहरों, मुहल्लों इलाकों के नए नाम की सियासत तेज हो रही है. नजफगढ से लेकर मुस्तफाबाद और मोहम्मदपुर के नाम बदलने की मांग हो रही है. मांग है कि नजफगढ का नाम नाहर गढ हो और मोहम्मदपुर हो माधवपुर. न्यूज़रूम में देखें बड़ी ख़बरें.
नीतीश कुमार के लिए कोई मजबूरी नहीं थी कि वो सात नए मंत्री केवल बीजेपी के ही बनायें. हो सकता है कि सरकार बनते समय दोनों ही पार्टियों के बीच कुछ समझौता हुआ हो कि विधायक की संख्या के हिसाब मंत्री बनाए जाएंगे. पर अब तक यदि नीतीश कुमार बीजेपी विधायकों को मंत्री नहीं बना रहे थे अचानक कैसे तैयार हो गए? जाहिर है कि सवाल तो उठेंगे ही.
दिल्ली विधानसभा के तीसरे दिन के सत्र से पहले ही बवाल शुरू हो गया. आम आदमी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं दिया गया. AAP नेता आतिशी ने स्पीकर विजेंद्र गुप्ता पर फोन नहीं उठाने का आरोप लगाया, जबकि बीजेपी का कहना है कि आप विधायक जानबूझकर हंगामा कर रहे हैं. एक और एक ग्यारह में देखें बड़ी ख़बरें.
दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना भाषण दे रहे थे, तब AAP विधायकों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने नेता प्रतिपक्ष आतिशी समेत 21 AAP विधायकों को 3 मार्च तक के लिए सस्पेंड कर दिया था.
दिल्ली में जहां CAG रिपोर्ट पर सियासी उबाल है. शराब के बाद बारी सीएम हाउस पर रिपोर्ट की है. बीजेपी ने चुनाव में सीएम हाउस पर बेहिसाब खर्च को लेकर केजरीवाल को घेरा तो अब CAG रिपोर्ट पर घेराबंदी का प्लान है. बीजेपी ने सभी 14 सीएजी रिपोर्ट पेश करने का ऐलान किया है. देखें आज सुबह.