भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) एक भारतीय किसान संगठन है जो राजनीतिक रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ा हुआ है. यह संघ परिवार का सदस्य भी है. बीकेएस की स्थापना दत्तोपंत ठेंगडी ने 1978 में की थी (Foundation Of BKS). 2000 तक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुसार बीकेएस के एक दो लाख से ज्यादा सदस्य हैं, जो देश भर के 11,000 गांवों और 301 जिलों में संगठित हैं. इस संगठन में जमींदारों का वर्चस्व है (BKS Member).
बीकेएस की पहली शाखा राजस्थान थी, जिसकी स्थापना 13 मार्च 1978 को हुई थी. बीकेएस के अखिल भारतीय संगठन की घोषणा ठेंगडी ने 4 मार्च 1979 को कोटा में इसके पहले अखिल भारतीय सम्मेलन में की थी (Formation of BKS). 1979 के सम्मेलन में 650 प्रतिनिधियों को ठेंगड़ी ने चुना था, जिन्होंने देश भर में किसानों के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए यात्रा की थी. 1960 के दशक में, आरएसएस ने विदर्भ क्षेत्र में और फिर 1972 में उत्तर प्रदेश में किसानों को संगठित किया था. आरएसएस का प्रयास था कि भारतीय मजदूर संघ ट्रेड यूनियन आंदोलन के समानांतर एक कृषि मोर्चा बने.
बीकेएस ने 1990 के दशक निजीकरण और कृषि के बढ़ते मशीनीकरण का समर्थन किया था (BKS Supports Privatisation). गुजरात में बीकेएस मुख्य रूप से कपास के किसानों का वर्चस्व बन गया.
इस साल समय से पहले तापमान बढ़ने लगा है. समय से पहले ठंड कम होने से फसलों को नुकसान पहुंचता है. आइए जानते हैं कि समय से पहले गर्मी आने से किन फसलों को नुकसान हो सकता है.
सरकार ने 14 फरवरी को चंडीगढ़ में प्रदर्शनकारी किसानों के साथ उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए बैठक का प्रस्ताव दिया है. केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 26 जनवरी को देश भर में 'ट्रैक्टर मार्च' करने की अपील की. SKM ने रविवार को मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के साथ उनकी लंबित मांगों पर चर्चा करें.
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान 10 महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 35 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और उनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है. इस गंभीर स्थिति पर भगवंत मान ने चिंता जताई है, और सवाल उठाया है कि सरकार किसानों की बात क्यों नहीं सुन रही. VIDEO
नए साल 2025 की शुरुआत पर ही मोदी सरकार ने किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट ने किसानों के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले किए, जिनमें डीएपी उर्वरक कंपनियों के लिए स्पेशल पैकेज और फसल बीमा योजना में सुधार शामिल हैं. देखिए VIDEO
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं वे आत्महत्या के लिए उकसाने के आपराधिक अपराध में शामिल हैं. शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को स्थिति अनुकूल होने पर केंद्र से किसी भी प्रकार का लॉजिस्टिक्स सपोर्ट मांगने की अनुमति दी, और उम्मीद जताई कि राज्य सरकार डल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित करने के उसके निर्देश का पालन करेगी.
शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में 21 दिन से आमरण अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की हालत बिगड़ती जा रही है. इस बीच कांग्रेस सांसद और पार्टी के पंजाब प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वडिंग खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने पहुंचे.
शंभू बॉर्डर पर आज एक बार फिर संग्राम छिड़ गया. किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली जाने पर अड़े रहे. पैदल मार्च के जरिए दिल्ली पहुंचने की कोशिश कर रहे किसानों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले दागे गए.
Farmers Movement: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान जुटे हुए हैं. एक सकारात्मक माहौल है और किसानों में उत्साह है. हम बैठक करेंगे और उसके बाद शंभू बॉर्डर पर एक पीसी बुलाएंगे. हम आपको अपनी आगे की योजनाओं के बारे में बताएंगे.
Protesting Farmers Delhi March: पुलिस की ओर से प्रतिरोध का सामना करने के बाद किसानों ने फिलहाल दिल्ली चलो मार्च रोक दिया है. हरियाणा पुलिस ने किसानों से अपने विरोध प्रदर्शन को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस से आवश्यक अनुमति लेने को कहा. इसे लेकर शंभू में प्रदर्शनकारी किसानों और पुलिस के बीच बहस हो गई. इस बीच, पुलिस ने दावा किया कि किसान एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ रहे थे, न कि 101 किसानों के जत्थे के रूप में.
किसानों ने शंभू बॉर्डर पर जहां अपना बेस कैंप बनाया है, वह पंजाब के क्षेत्र में आता है. प्रदर्शनकारी किसानों ने आंसू गैस के गोलों को जूट के गीले बोरों से ढंककर धुएं से बचने का जुगाड़ निकाला. कई किसानों को पुलिस द्वारा सड़क पर लगाए गए लोहे के कीलों और कंटीले तारों को उखाड़ते देखा गया.
बातचीत खास तौर पर दो मुद्दों पर थी. पहला मुद्दा था कि जो जमीन किसानों से अधिग्रहित की गई है, उसका 10% डेवलप एरिया किसानों को दिया जाए और दूसरा यह कि जो भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में पास किया गया था, उसे नोएडा और आसपास के इलाकों में भी लागू किया जाए ताकि किसानों को ज्यादा मुआवजा मिले.
किसानों ने दिल्ली मार्च के चार साल पूरा होने पर 'चेतावनी रैली' निकालने का ऐलान किया है. ये रैली 50 हजार से ज्यादा गांवों से होकर गुजरेगी. इस दौरान किसान संगठन गाड़ियों के काफिले और पदयात्रा के जरिए अपनी मांगों को उठाएंगे.
आज नेता विपक्ष राहुल गांधी ने संसद में शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात की. मुलाकात के बाद राहुल ने किसान नेताओं को बड़ा कमिटमेंट दिया है. आखिर राहुल का कमिटमेंट क्या है? राहुल के किसान नेताओं की क्या बात हुई है? देखिए राहुल गांधी और किसान नेताओं के मुलाकात की. इनसाइड स्टोरी...
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 14 मार्च को नयी दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रस्तावित 'किसान महापंचायत' की तैयारियों का जायजा लेने के लिए सोमवार को एक बैठक की. न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, SKM ने वर्ष 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था.
शुभकरण सिंह का पार्थिव शरीर राजिंदरा अस्पताल, पटियाला से खनौरी बॉर्डर पर लाया गया था. उनके पार्थिव शरीर पर फार्म यूनियन का झंडा लपेटा हुआ था. हजारों किसान बीकेयू एकता और किसान मजदूर मोर्चा के झंडे के साथ इकट्ठा हुए थे.
शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए एक बार फिर अंबाला में दो दिन इंटरनेट बंद करने का निर्णय लिया गया। किसानों के रुख को देखते हुए प्रशासन ने 28 व 29 को इंटरनेट बंद करने का ऐलान किया था। कई एरिया में इंटरनेट से जुड़ी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहेंगी। उधर शंभू बॉर्डर पर किसानों ने अब पक्के टेंट लगाने शुरू कर दिए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अब मांगे मनवाने तक किसान शंभू बॉर्डर पर ही पक्का डेरा जमाएंगे। इसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है।
बीते दो हफ्तों से पंजाब और दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान और पुलिस के बीच गतिरोध थम भले गया हो, लेकिन खत्म नहीं हुआ है. वहीं आरएसएस से संबंधित भारतीय किसान संघ ने मौजूदा गतिरोध की वजह से किसान और सरकार दोनों को आड़े होथों लिया.
अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज किसानों ने ट्रैक्टर मार्च किया है. पंजाब, हरियाणा से लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक किसानों ने हाईवे पर ट्रैक्टर खड़े करके प्रदर्शन किया. आज किसानों ने WTO छोड़ो का भी नारा दिया है. आने वाली 14 मार्च को किसानों की महापंचायत की जाएगी. देखें पंजाब आजतक.
पिछले 13 दिन से किसान आंदोलन जारी है. 26 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा और बिकेयू टिकैत गुट भी प्रदर्शन करेगा. संयुक्त किसान मोर्चा नेशनल और स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालेगा जबकि बिकेयू टिकैत गुट ग्रेटर नोएडा में प्रदर्शन करेगा.
किसान आंदोलन अभी भी थमा नहीं है. देशभर में किसानों ने आंदोलनकारी किसान की मौत के विरोध में शुक्रवार को ब्लैक डे मनाया साथ कई जगह ट्रैफिक भी जाम किया, जिसके बाद एक बार फिर पुलिस और किसानों के बीच तनाव बढ़ गया. देखें.