ब्रॉडकास्टिंग बिल के मौजूदा ड्राफ्ट के मुताबिक डिजिटल या ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म जैसे कि यूट्यूब, एक्स (Twitter), फेसबूक, इंस्चाग्राम, नेटफ्लिक्स, प्राइम वीडियो पर प्रसारित होने वाले कॉन्टेंट को सरकार रेगुलेट करने जा रही थी. ड्राफ्ट के प्रावधानों में है कि डिजिटल प्लेटाफार्म्स पर न्यूज प्रसारित करने वाले पब्लिशर्स को 'डिजिटल न्यूज ब्रॉडकास्टर्स' के नाम से जाना जाएगा. ड्राफ्ट में डिजिटल ब्रॉडकास्टर्स के लिए एक नई रेगुलेटरी बॉडी 'ब्रॉडकास्टिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया' बनाने का प्रस्ताव था. इसके अलावा सेल्फ रेगुलेशन के लिए टू-टियर सिस्टम बनाने का प्रस्ताव ब्रॉडकास्टिंग बिल के ड्राफ्ट में किया गया था. सेल्फ रेगुलेशन के लिए टू-टियर सिस्टम फॉलो नहीं करने पर सरकार के हस्तक्षेप का प्रावधान ड्राफ्ट में था (Broadcasting Regulation Bill).
डिजिटल कॉन्टेंट को रेगुलेट करने के लिए कॉन्टेंट इवैल्यूएशन कमिटी (निगरानी समिति) बनाने का प्रावधान बिल के ड्राफ्ट में शामिल था. यह कमिटी वैसे ही काम करती जैसे सिनेमा के लिए सेंसर बोर्ड करता है. यानी डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाले कॉन्टेंट को यह कमिटी कंप्लायंस सर्टिफिकेट देती. इसके अलाव कॉन्टेंट प्रसारित करने वालों और दर्शकों के बीच एक पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली तैयार करने का प्रावधान भी ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (रेगुलेशन) बिल 2024 के ड्राफ्ट में किया गया था.
ब्रॉडकास्टिंग सर्विस (रेगुलेशन ) बिल 2024 के ड्राफ्ट में प्रस्तावित प्रावधानों पर कुछ कॉन्टेंट क्रिएटर्स और डिजिटल पब्लिशर्स ने नाराजगी जताई थी. उनका कहना था कि यह इस बिल के जरिए सरकार डिजिटल कॉन्टेंट क्रिएटर्स पर एक तरह से सेंसरशिप लगा रही है.
मिनिस्ट्री ऑफ इंफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग (MIB) ने पिछले साल नवंबर में नए ब्रॉडकास्टिंग रेगुलेशन बिल को ड्राफ्ट किया था. इस बिल के ड्राफ्ट पर पब्लिक कॉमेंट की डेडलाइन 15 जनवरी 2024 थी. ब्रॉडकास्टिंग बिल का दूसरा ड्राफ्ट इस साल जुलाई में तैयार किया गया.