बहुजन समाज पार्टी
बहुजन समाज पार्टी (BSP) एक भारतीय राजनीतिक दल है, जिसका गठन 14 अप्रैल 1984 बी.आर. अम्बेडकर की जयंती (B R Ambedkar) पर कांशी राम (Kanshi Ram) द्वारा किया गया था (Foundation Date of BSP). पार्टी दावा करती है कि वह गौतम बुद्ध, बी.आर. अम्बेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, नारायण गुरु, पेरियार ई.वी. रामासामी और छत्रपति शाहूजी महाराज के दर्शन से प्रेरित है (BSP Philosophy). कांशी राम ने 2001 में अपने उत्तराधिकारी के रूप में मायावती का नाम रखा (Kanshi Ram named Mayawati as his Successor).
बसपा का भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्य आधार है, जहां यह 2019 के आम चुनाव में 19.3% वोटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी और 12.88% मतों के साथ 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही (BSP, third-largest Party). इसका चुनाव चिन्ह एक हाथी है जो ऐतिहासिक रूप से डॉ. अम्बेडकर के अनुसूचित जाति संघ द्वारा उपयोग किया जाने वाला प्रतीक है (election symbol of BSP).
उत्तर प्रदेश की विधानसभा और भारत की लोकसभा में सीटों के साथ पार्टी की शक्ति तेजी से बढ़ी. 1993 में, विधानसभा चुनावों के बाद, मायावती ने समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के साथ मुख्यमंत्री के रूप में गठबंधन किया. 2 जून 1995 को, उन्होंने अपनी सरकार से समर्थन वापस ले लिया. मायावती ने 3 जून 1995 को मुख्यमंत्री बनने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) से समर्थन हासिल किया. अक्टूबर 1995 में, भाजपा ने अपना समर्थन वापस ले लिया और राष्ट्रपति शासन (President's Rule) की अवधि के बाद नए चुनाव किए गए. 2003 में, मायावती ने यह साबित करने के लिए अपनी ही सरकार से इस्तीफा दे दिया. 2007 में, मायावती ने पूरे पांच साल के कार्यकाल के लिए पूर्ण बहुमत के साथ बसपा द्वारा गठित सरकार का नेतृत्व करना शुरू किया (Mayawati CM Uttar Pradesh).
बहुजन अधिकारों के समर्थक बी आर अम्बेडकर, बसपा की महत्वपूर्ण वैचारिक प्रेरणा हैं. बसपा भी धार्मिक अल्पसंख्यकों के पक्ष में बोलती है.
इससे पहले बसपा में भाईचारा कमेटी 2017 में बनी थी, जिसमें हर जाति को शामिल किया गया था. ये कमेटियां मंडल और जिला स्तर पर अस्तित्व में थीं. बाद में भंग कर दिया गया. उसके बाद फिर भाईचारा कमेटी बनाई गई हैं.
मायावती ने कहा कि कुछ जातिवादी पार्टियां बसपा को किस्म-किस्म के हथकंडे अपना कर कमजोर करने में लगी हैं. लेकिन मैं अपने भाई-बहन के रिश्ते में बसपा को कमजोर नहीं होने दूंगी. मेरे लिए भाई-बहन सिर्फ एक बहुजन कार्यकर्ता के रूप में हैं. यहां जो भी कार्यकर्ता मेहनत करेगा, उसको जिम्मेदारी मिलेगी.
मायावती ने उदित राज पर आकाश आनंद को कांग्रेस में शामिल होने के प्रस्ताव देने के लिए हमला बोला. मायावती ने कार्यकर्ताओं को ऐसे नेताओं से सावधानी बरतने की सलाह देते हुए 15 मार्च को कांशीराम की जयंती पूरे भावना के साथ मनाने की अपील की. मायावती ने 2 मार्च को आकाश को पार्टी के सभी पदों से छुट्टी कर दी थी.
मायावती अब तक कांग्रेस और गांधी परिवार के खिलाफ ही हमलावर नजर आई हैं, लेकिन बड़े दिनों पर मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर बीजेपी की केंद्र और यूपी सरकार को लेकर सख्त लहजे में रिएक्ट किया है - और वो भी गरीबों की दुश्मन और अमीरों की हितैषी बताते हुए.
आकाश आनंद को बीएसपी से बाहर करने के बाद भी मायावती एक्शन मोड में ही हैं. ताजा शिकार आनंद कुमार हुए हैं, जो आकाश आनंद के पिता और मायावती के भाई हैं - क्या अब भी आपको लगता है कि बीएसपी में जो हो रहा है उसके पीछे आकाश आनंद ही हैं?
मायावती ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर बताया कि उनके भाई आनंद कुमार ने एक पद पर काम करने की इच्छा जताई थी. आनंद कुमार बसपा के उपाध्यक्ष हैं, साथ ही उन्हें मायावती ने नेशनल कॉर्डिनेटर भी बना दिया था. ऐसे में आनंद कुमार के आग्रह पर उन्हें उपाध्यक्ष रखते हुए मायावती ने उनकी जगह रणधीर बेनीवाल को नेशनल कॉर्डिनेटर बनाया है.
दिलचस्प बात ये है कि आकाश आनंद पर मायावती जितनी नाराज हैं उतनी ही उनके पिता यानी अपने भाई पर मेहरबान हैं. मायावती ने आकाश के पिता आनंद कुमार को बीएसपी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाया है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भतीजे पर इतनी गरम और भाई पर इतनी नरम क्यों हैं मायावती...
ऐसे समय में जब बहुजन समाज पार्टी दिन प्रति दिन अपनी लोकप्रियता खोती जा रही है, पार्टी सुप्रीमो मायावती अपना उत्तराधिकारी खोजने में अपनी सारी ऊर्जा लगा रही हैं. दुर्भाग्य से मास्टर कांशीराम की तरह उन्होंने अपनी पार्टी के लिए सेकंड लाइन की लीडरशिप नहीं तैयार की. जाहिर है कि इसका असर भविष्य में पार्टी पर पड़ना तय है.
बीएसपी में आकाश आनंद की कहानी ससुर-दामाद, बेटी और 'बुआ मां' के दो खेमों में बंट जाने की सियासी कहानी है. मायावती ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए आकाश आनंद के ससुर को जिम्मेदार ठहराया है. बीएसपी सुप्रीमो का इशारा आकाश की पत्नी की ओर भी है. जिनके बारे में मायावती को अंदेशा है कि वो अपने पिता के प्रभाव से शायद ही मुक्त हो पाएंगी. उन्होंने कहा है कि इस घटनाक्रम से आकाश का राजनीतिक करियर खराब हो गया है.
कांग्रेस उदित राज ने बीएसपी नेताओं से कांग्रेस में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने कहा कि बीेएसपी में दलितों या ओबीसी के लिए कोई मिशन नहीं बचा है. उन्होंने ये बातें बीएसपी द्वारा आकाश आनंद को नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटाए जाने के बाद के कुछ घंटे बाद की हैं.
बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी की बैठक में बड़े फैसले लिए हैं. इस बैठक में आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से हटाकर उनके स्थान पर उनके पिता आनंद कुमार और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को नया पदभार दिया गया है. मायावती ने पार्टी संगठन को और अधिक मजबूत करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को बड़ा झटका दिया. मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से छुट्टी कर दी. आकाश आनंद के पिता को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. वो नेशनल को-ऑरिडेनेटर बनाए गए. उनके साथ राज्यसभा सांसद रामजी गौतम को भी नेशनल को-ऑरिडेनेटर बनाया गया. देखें ये वीडियो.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के सियासी दल बहुजन समाज पार्टी (BSP) में बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी को दो नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर मिले हैं. इसके साथ ही आकाश आनंद को बीएसपी के सभी पदों से हटा दिया गया है. वहीं हरियाणा में कांग्रेस कार्यकर्ता हिमानी नरवाल की सूटकेस में मिली लाश के मामले में राजनीति तेज हो गई है. देखिए VIDEO
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के सियासी दल बहुजन समाज पार्टी (BSP) में बड़ा फेरबदल हुआ है. पार्टी को दो नए नेशनल को-ऑर्डिनेटर मिले हैं.
बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती के भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर सीधा निशाना साधा है. आकाश आनंद ने X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर कांग्रेस पर बहुजन आंदोलन के अपमान का आरोप लगाया है. इसी के साथ राहुल गांधी से उदित राज को पार्टी से बाहर करने की मांग की है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी का सवाल है, ‘मायावती ठीक से चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं?’ और बीएसपी नेता ने जवाब में X पर 6 पोस्ट लिखी है - सवाल है कि राहुल गांधी को जवाब मिला क्या?
राहुल गांधी ने कहा है कि 2024 के चुनाव में हम चाहते थे कि मायावती जी हमारे साथ लड़ें लेकिन वह हमारे साथ नहीं आईं. राहुल ने इस पर दुख भी व्यक्त किया. मायावती को लेकर राहुल गांधी की टीस क्या है?
रायबरेली दौरे पर राहुल गांधी ने मायावती पर किया कटाक्ष. एक युवा छात्र द्वारा बसपा सुप्रीमो की तारीफ करने पर राहुल ने पूछा - बहनजी आजकल चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि वे चाहते थे मायावती बीजेपी के खिलाफ उनके साथ लड़ें. राहुल ने जताया दुख कि मायावती ने साथ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि अगर तीनों पार्टियां एकजुट होतीं तो बीजेपी कभी नहीं जीतती. राहुल के बयान से विपक्षी एकता पर सवाल उठे.
कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के लिए कुछ ऐसा कह दिया, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा ने भी उदित राज की टिप्पणी के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है.
दिल्ली में आज बुधवार (5 फरवरी) को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान है. सभी 70 सीटों पर एक ही चरण में मतदान हो रहा है.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के हिसाब से देखें तो आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस सभी दलों की नजर दलित वोट बैंक पर है. एक सर्वे रिपोर्ट में दलित वोटर का रुझान कांग्रेस की तरफ पाया गया है, लेकिन अब भी वे अरविंद केजरीवाल को भी बेस्ट मुख्यमंत्री मानते हैं.