बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म (Buddhism) को धम्मविनय के नाम से भी जाना जाता है. यह "सिद्धांत और अनुशासन" पर आधारित भारतीय धार्मिक धर्म या दार्शनिक परंपरा है. यह गौतम बुद्ध के मूल शिक्षाओं पर आधारित है. गौतम बुद्ध के द्वारा दिए शिक्षा और ज्ञान ही इस धर्म का आधार है जिसके परिणामस्वरूप दर्शन की व्याख्या की गई है (Faith of Buddhism).
बौद्ध धर्म दुनिया का चौथा सबसे बड़ा धर्म है. इसके 520 मिलियन से अधिक और वैश्विक आबादी का 7% से अधिक आबादी है, जिसे बौद्धों के रूप में जाना जाता है (Buddhism, Fourth Largest Religion).
बौद्ध धर्म का लक्ष्य वास्तविक प्रकृति की इच्छा और अज्ञानता के कारण होने वाली पीड़ा को दूर करना है, जिसमें अनित्यता और स्वयं का अस्तित्व शामिल है. अधिकांश बौद्ध परंपराएं निर्वाण की प्राप्ति के माध्यम से या बुद्धत्व के मार्ग का अनुसरण करके, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र को समाप्त करके व्यक्तिगत आत्म को पार करने पर जोर देती हैं (Buddhism).
बौद्ध धर्म की दो प्रमुख मौजूदा शाखाओं को आम तौर पर विद्वानों द्वारा मान्यता प्राप्त है: थेरवाद और महायान. थेरवाद का श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया जैसे कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और थाईलैंड में व्यापक रूप से अनुसरण किया जाता है. वहीं महायान, का नेपाल, मलेशिया, भूटान, मुख्य भूमि चीन, जापान, कोरिया, वियतनाम और ताइवान में प्रमुखता से प्रचलिन हैं (Biddhism in World wide).
बौद्ध धर्म का अनुकरण करने वाले देश थाईलैंड में भी श्री राम के लिए अटूट आस्था है. अयोध्या और दक्षिण कोरिया का हज़ारों साल पुराना रिश्ता है. देखिए ये रिपोर्ट.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार 03 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाया. कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज करते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के ASI सर्वे को हरी झंडी दे दी है. दरअसल, 21 जुलाई को वाराणसी जिला जज ने ज्ञानवापी के ASI सर्वे का आदेश दिया था.
पीडीपी चीफ एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बोधगया पहुंचीं. उन्होंने महाबोधि मंदिर के गर्भ गृह में भगवान बुद्ध के दर्शन और पूजा-अर्चना की. इस दौरान मंदिर प्रबंध समिति के सचिव ने उनको महाबोधि मंदिर की प्रतिमा देकर स्वागत किया.
भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू हो गई है. क्योंकि विधि आयोग ने जनता एवं अन्य संगठनों से एक महीने के भीतर उनसे इस मुद्दे पर राय मांगी है. लेकिन क्या आपको पता इस पर इतनी क्यों बहस हो रही है? देखें विश्लेषण.
धर्म गुरु मानते हैं कि अपनी मर्जी से किया गया धर्म परिवर्तन गलत नहीं है लेकिन जबरन या किसी चीज का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना जुर्म है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या धर्म परिवर्तन करवाने के लिए दिया जाने वाला प्रलोभन, धन, घर, नौकरी, पैसा आदि का, क्या पूरा किया जाता है?
सुप्रीम कोर्ट मानता है कि धर्म परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और भारत जैसे सेक्युलर देश में ऐसी घटनाएं आये दिन सामने आ रही हैं. धर्म गुरु भी मानते हैं कि अपनी मर्जी से किया गया धर्म परिवर्तन गलत नहीं है लेकिन जबरन या किसी चीज का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना जुर्म है. लेकिन देश में हो रहे धर्म परिवर्तन की असल वजह क्या है?
महिसागर जिले में राज्य के तीन जिलों के 45 लोग हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध बने हैं. इसके लिए बालासिनोर शहर में होटल गार्डन पैलेस में कार्यक्रम रखा गया था. यहां धर्म गुरु ने प्रतिज्ञा दिलाकर लोगों को हिंदू से बौद्ध धर्म स्वीकार कराया. धर्म परिवर्तन करने वालों में महिसागर, पंचमहल ओर खेड़ा जिले के लोग हैं.
दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी बौद्ध सम्मेलन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों को बाबा साहेब आम्बेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं दिलाई गई और उन्हें बौद्ध धर्म में दीक्षित किया गया.