कार्बन मोनोऑक्साइड
कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon Monoxide, CO) एक रंगहीन (colourless), गंधहीन(Odorless), स्वादहीन (Tasteless), ज्वलनशील गैस (Flammable Gas) है जो हवा से थोड़ी कम घनी होती है. कार्बन मोनोऑक्साइड में एक कार्बन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु ट्रिपल बॉन्ड से जुड़ा होता है. यह ऑक्सोकार्बन परिवार का सबसे सरल अणु है. समन्वय परिसरों में कार्बन मोनोऑक्साइड लिगैंड को कार्बोनिल कहा जाता है. यह औद्योगिक रसायन विज्ञान में कई प्रक्रियाओं में एक प्रमुख घटक होता है (CO,Key ingredient in Industrial Chemistry).
Thermal combustion, कार्बन मोनोऑक्साइड का सबसे आम स्रोत है, हालांकि ऐसे कई पर्यावरणीय और जैविक स्रोत (biological sources) हैं जो कार्बन मोनोऑक्साइड की एक महत्वपूर्ण मात्रा उत्पन्न और उत्सर्जित करते हैं (Carbon Monoxide Generated). कार्बन मोनोऑक्साइड ड्रग्स, सुगंध और ईंधन सहित कई उत्पादनों में इस्तेमाल किया जाता है. वातावरण में उत्सर्जन होने पर, कार्बन मोनोऑक्साइड कई प्रक्रियाओं को प्रभावित करता है जो जलवायु परिवर्तन का एक कारण है
फाइलोजेनेटिक किंगडम में कार्बन मोनोऑक्साइड की महत्वपूर्ण biological roles हैं. स्तनधारी शरीर विज्ञान यानी mammalian physiology में, कार्बन मोनोऑक्साइड हार्मोन का एक उदाहरण है. यह कम सांद्रता (low concentrations) अंतर्जात न्यूरोट्रांसमीटर (गैसोट्रांसमीटर) के रूप में काम करती है और उच्च सांद्रता विषाक्त (High Concentrations toxic) होती है जिसके परिणामस्वरूप कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता (Poisonous) होती है. यह साइनाइड आयनों (cyanide anion) के साथ आइसोइलेक्ट्रॉनिक है.
पिछले 52 साल में 69% जंगली जीव कम हो गए हैं. आबादी में लगातार गिरावट आ रही है. इसके पीछे तीन बड़ी वजहें हैं. जलवायु परिवर्तन, रहने की जगह का खोना और प्रदूषण. अब इन तीनों के पीछे तो इंसान ही है. यह डरावनी रिपोर्ट WWF की है. यानी इंसान अपने फायदे के लिए बहुत कुछ खत्म कर रहा है.