केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) भारत का एक राष्ट्रीय स्तर का शिक्षा बोर्ड है, जो देश और विदेश में कई स्कूलों से संबद्ध है. यह भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत कार्य करता है और इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करना है.
1929 में सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा स्थापित किया गया था (CBSE Foundation). सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूल विशेष रूप से कक्षा 9 से 12 तक एनसीईआरटी (NCERT) पाठ्यक्रम का पालन करते हैं.
बोर्ड के संविधान में 1952 में संशोधन किया गया और इसका वर्तमान नाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रखा गया. 1 जुलाई 1962 को बोर्ड का पुनर्गठन किया गया ताकि पूरे देश में छात्रों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें.
सीबीएसई बोर्ड हर साल 10वीं और 12वीं मार्च और अप्रैल में परिक्षाएं आयोजित कराता है (CBSE Exam).
CBSE भारत के लगभग सभी राज्यों में फैला हुआ है और कई देशों में भी इसके स्कूल स्थित हैं. इसका पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप होता है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकार किया जाता है. CBSE का पाठ्यक्रम कई प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे JEE, NEET) की तैयारी के लिए सहायक होता है.
सीबीएसई ई-पाठशाला: CBSE डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ई-पाठशाला और अन्य ऑनलाइन संसाधन भी प्रदान करता है।
डमी स्कूलों पर प्रतिबंध बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में भी एक बेहतर कदम है. टीनेजर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार जो छात्र केवल कोचिंग पर निर्भर रहते हैं, वे सोशल स्किल्स और अन्य एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटीज से कट जाते हैं. इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है.
CBSE Board Exam Attendance Rule: सीबीएसई अपनी परीक्षा नियमावली में संशोधन करने पर विचार कर रहा है. नए नियमों के अनुसार, 75% से कम अटेडेंस और डमी स्कूलों के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी. सीबीएसई अधिकारी ने बताया कि "डमी स्कूलों" में दाखिला लेने की जिम्मेदारी छात्रों और उनके माता-पिता की होगी.