जुलाई 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण करते वक्त राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कहा, "अर्थव्यवस्था की कमान संभालने वाली ऊंचाइयों पर नियंत्रण जरूरी है, खासकर एक गरीब देश में जहां विकास के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाना और तमाम समूहों और क्षेत्रों के बीच असमानताओं को कम करना बेहद मुश्किल है."
अगले महीने आपको भी बैंक संबंधी काम है तो इसे फटाफट निपटा लेना चाहिए, क्योंकि जून में कुछ दिनों के लिए बैंकों का अवकाश रहने वाला है.
बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों में इजाफा किया है. रिजर्व बैंक के रेपो रेट में इजाफा करने के बाद से देश के बैंक अपनी FD स्कीम्स को आकर्षक बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
रिजर्व बैंक के पीसीए फ्रेमवर्क के दायरे से अन्य बैंक पहले ही बाहर हो चुके थे. सेंट्रल बैंक अकेला ऐसा बैंक था, जिसके ऊपर यह पाबंदी लगी हुई थी. अब सेंट्रल बैंक के भी बाहर आ जाने के बाद किसी भी बैंक के ऊपर पीसीए फ्रेमवर्क की पाबंदी नहीं है. रिजर्व बैंक तीन मुख्य जोखिमों के कारण बैंकों के ऊपर यह पाबंदी लगाता है.
किसी भी बैंक के MCLR में बढ़ोतरी से कार, पर्सनल और होम लोन महंगा हो जाता है. MCLR बढ़ने से आपके लोन की ईएमआई बढ़ जाती है. रिजर्व बैंक की ओर से महंगाई पर नियंत्रण के लिए उठाए जाने वाले कदमों से कर्ज की दरों पर असर पड़ रहा है. RBI ने रेपो रेट में इजाफा किया था.