नवरात्रि (Navratri) एक हिंदू त्योहार है जो नौ रातों तक चलता है और हर साल चैत्र और शरद ऋतु के मौसम में मनाया जाता है. यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है.
सैद्धांतिक रूप से, चार मौसमी नवरात्रि होते हैं, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि (Gupta Navratri) और एक चैत्र (Chaitra Navratri) और शरद ऋतु में आता है (Sharad Navratri). पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि अप्रैल के महीने में मनाया जाता है. चैत्र नवरात्रि का समापन रामनवमी के दिन होता है (Ram Navami).
नवरात्रि शब्द का संस्कृत में अर्थ है 'नौ रातें', नव का अर्थ नौ और रत्रि का अर्थ है रातें. भारत के पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में, दुर्गा पूजा नवरात्रि का पर्याय है, जिसमें देवी दुर्गा युद्ध करती हैं और धर्म को बहाल करने में मदद करने के लिए राक्षस महिषासुर पर विजय प्राप्त करती हैं. दक्षिणी राज्यों में, दुर्गा या काली की जीत का जश्न मनाया जाता है और मां दुर्गा की शक्ति की आराधना की जाती है. देवी दुर्गा के नौ रूपों- शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुशमाण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है (Navdurga).
पूजा के दैरान कन्याओं को भोजन कराने की भी प्रथा है जिसे लोग बहुत ही श्रद्धा से पूरा करते हैं. नवारात्रि में कुछ लोग नौ दिनों का उपवास रखते हैं (Fast on Navratri).
Chaitra Navratri 2023: नवरात्रि की अष्टमी और नवमी की पूजा दोनों दिन चलती है. अलग दिन और तिथि होने के कारण किसी के अष्टमी पूजी जाती है और किसी के नवमी पूजी जाती है. इसी प्रकार से नवदुर्गा में अलग अलग माता दुर्गा के रूपों का ध्यान लगाया जाता है.
Ram Navami 2024: महानवमी पर घर-घर में मां दुर्गा के नौवें स्वरूप माता सिद्धिदात्री की पूजा होती है. महानवमी पर कन्या पूजन के बाद नवरात्रि व्रत का पारण होता है और इस तरह देवी की विदाई हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन भगवान राम की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गाय है.
हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है. इस दिन प्रभु श्रीराम धरती पर अवतरित हुए थे. इस साल 17 अप्रैल को राम नवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. भगवान राम के जन्मदिन के अवसर पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को इन संदशों के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Maha Navami Kanya Pujan Muhurt: चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. इस दिन मां सिद्धिदात्री की उसापना के बाद कन्या पूजन किया जाता है. फिर पारण के बाद चैत्र नवरात्रि का महापर्व समाप्त हो जाता है. आइए जानते हैं कि इस बार नवरात्रि की महानवमी क्यों खास रहने वाली है.
हर साल चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि और पुष्य नक्षत्र पर रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है. भगवान राम के जन्मदिन के अवसर पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को Facebook, WhatsApp के जरिए राम नवमी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
Chaitra Navratri 2024: आज नवरात्रि का आठवां दिन है. इसे महाअष्टमी भी कहा जाता है. आज के दिन दुर्गा मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि मां महागौरी पापों का नाश करती हैं और भक्तों को इससे मुक्ति दिलाती हैं. महाअष्टमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है.
Chaitra Navratri 2024 Maha Ashtami: नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा विशेष कल्याणकारी मानी जाती है. आदि शक्ति मां दुर्गा की परम कृपा प्राप्त करने के लिए नवरात्रि का समय बेहद शुभ होता है. नवरात्रि में अष्टमी का खास महत्व होता है. इस दिन कन्या पूजन का खास महत्व होता है. इस दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है.
Chaitra Navratri 2024 Ashtami Navami Date: वैसे तो नवरात्रि के हर दिन का खास महत्व है, लेकिन इसमें महाअष्टमी और महानवमी तिथि को श्रेष्ठ माना गया है. अष्टमी और नवमी के दिन घर-घर में देवी की पूजा, हवन, कन्या पूजन होता है. नवरात्रि के व्रत का पारण भी इसी तिथि पर होता है.
Navratri Ashtami Shubh muhurt 2024: हागौरी की महिमा अपार है. ये परम कल्याणकारी हैं. महागौरी पाप नष्ट करती हैं. अलौकिक सिद्धियों का वरदान देती हैं. देवी के स्वरूप की पूरी मुद्रा बहुत शांत है. इस बार चैत्र नवरात्रि में की अष्टमी तिथि पर महागौरी की पूजा 16 अप्रैल को होगी. इस दिन अष्टमी तिथि का कन्या पूजन भी होगा.
नवरात्रि के दो सबसे महत्वपूर्ण दिन होते हैं अष्टमी और नवमी. अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन के साथ नवरात्रि का पारण किया जाता है.
Chaitra Navratri 2024: मां कालरात्रि नवदुर्गा का सातवां स्वरूप है. मां कालरात्रि का रूप अत्यंत उग्र और भयानक है. यह तीन नेत्रधारी हैं. मां कालरात्रि के गले में विद्युत् की अद्भुत माला है. इनके हाथों में खड्ग और कांटा है और इनका वाहन गधा है.
Chaitra Navratri 2024: वैसे तो मां दुर्गा की आराधना के लिए तमाम मंत्रों, स्तोत्रों और साधना विधि का उल्लेख मिलता है. लेकिन इनमें सर्वाधिक मान्यता प्राप्त और अचूक स्तोत्र दुर्गा सप्तशती माना जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि मार्कंडेय ऋषि ने इसकी रचना की थी.
Chaitra Navratri 2024: मां कात्यायनी का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था. इसलिए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है. इनकी चार भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है. इनका वाहन सिंह है. ये ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं. गोपियों ने कृष्ण की प्राप्ति के लिए इन्हीं की पूजा की थी. विवाह संबंधी मामलों के लिए इनकी पूजा अचूक मानी जाती है.
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में मां स्कंदमाता की आराधना से जीवन की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं. पहाड़ों पर रहने वाली मैया स्कंदमाता का सुमिरन करने से भगवान कार्तिकेय का भी आशीर्वाद मिलता है. स्कंदमाता की कृपा से सूनी गोद भर जाती है. स्कंदमाता की उपासना से परम शांति और सुख का अनुभव होता हैं.
Chaitra Navratri 2024: मां कूष्मांडा की महिमा अद्वितीय है. इनकी उपासना शांत मन से और मधुर ध्वनि के साथ करनी चाहिए. मां कूष्मांडा की पूजा से अजेय रहने का वरदान मिलता है. कहते हैं जब संसार में चारों ओर अंधियारा छाया था, तब मां कूष्मांडा ने ही अपनी मधुर मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी.
लखनऊ के प्रसिद्ध चंद्रिका देवी मंदिर की महिमा और इतिहास बेहद अद्भुत है. मंदिर रामायण और महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और यहाँ की वर्तमान शुरुआत 300 साल पुरानी है. देशभर से भक्त यहाँ अपनी मनोकामना लेकर आते हैं और देवी की शक्ति को नमन करते हैं. देखें वीडियो.
Chaitra Navratri 2024: वरात्रि का तीसरा दिन भय से मुक्ति और अपार साहस प्राप्त करने का होता है. इस दिन मां के 'चंद्रघंटा' स्वरूप की उपासना की जाती है. इनके सर पर घंटे के आकार का चन्द्रमा है. इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है. इनके दसों हाथों में अस्त्र-शस्त्र हैं और इनकी मुद्रा युद्ध की मुद्रा है.
Navratri fasting tips 2024: चैत्र नवरात्रि में खाने वाली सही चीजों का सेवन करके और कुछ खाने वाली चीजों से परहेज करके किस तरह से वजन कम हो सकता है, इस बारे में न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह जानेंगे.
Navratri 2024 Wishes: नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इस खास मौके पर आप अपने करीबियों और प्रियजनों को भेजें खास शुभकामना संदेश.
Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इन्हं ब्रह्मचारिणी कहा गया है. विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है.
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होने जा रही है और इनका समापन 17 अप्रैल, रामवनमी के दिन होगा. चैत्र नवरात्रि के साथ ही हर साल हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है. नवरात्रि का समय बहुत ही शुभ माना जाता है.