चमोली
चमोली (Chamoli) भारतीय गणराज्य के प्रांत उत्तराखंड का एक जिला है. यह गढ़वाल मंडल का एक हिस्सा है. इस जिले का क्षेत्रफल 8,030 वर्ग किलोमीटर है (Chamoli Geographical Area).
चमोली जिले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha constituency) और तीन विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र हैं (Chamoli Assembly constituency).
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक चमोली की जनसंख्या (Population) लगभग 4 लाख है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 49 लोग रहते हैं (Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 1019 है. इसकी 82.65 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. इनमें पुरुष 93.40 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 72.32 फीसदी है. (Chamoli literacy)
चमोली अलकनंदा नदी के नजदीक बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित है. जिसके पर्वत सालों भर बर्फ से ढके होते हैं. यह जिला प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है और यहां पर्यटकों का अवागमन पूरे साल रहता है. अलकनंदा यहां की प्रसिद्ध नदी है जो तिब्बत की जासकर से निकलती है. इस नदी के तट पर पर्यटकों के रहने की सुविधा के लिए खास तरह की झोपड़ियां बनी होती हैं, जिसे चाती कहते हैं. चमोली जिला हिमालय के बीच में स्थित है (Chamoli natural landscapes and Rivers).
चमोली जिले में स्थित मशहूर पर्यटक स्थलों में बद्रीनाथ, तपकुंड, हेमकुंड साहिब और गोपेश्वर खास है.
बद्रीनाथ देश के चार प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. इसकी स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी. बद्रीनाथ मंदिर तीन भागों में विभाजित है- गर्भ गृह, दर्शन मंडप और सभा मंडप (Badrinath Mandir).
चमोली पुलिस ने हिमगिरी प्लांटेशन फ्रॉड मामले में एक आरोपी को 25 साल बाद गिरफ्तार किया है. उसकी गिरफ्तारी रुद्रप्रयाग जिले के फाटा से हुई है. आरोपी ने एक सहयोगी के साथ मिलकर लाखों रुपये की ठगी की थी.
चमोली के एक स्कूल में एक नाबालिग लड़के और लड़की से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. मामले में आरोपी 49 वर्षीय टीचर को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी बिजनौर जिले का रहने वाला है.
उत्तराखंड के चमोली जिले में सनसनीखेज घटना सामने आई है. यहां एक व्यक्ति को अपनी 51 साल की पत्नी को पत्थर से कुचलकर मार डाला. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस का कहना है कि दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी. वहीं एक अन्य घटना में महिला को उसके पति ने जिंदा जलाने की कोशिश की. महिला की हालत गंभीर है.
कश्मीर घाटी के गुलमर्ग, सोनगर्म समेत कई इलाकों में एक से छह इंच तक बर्फबारी हुई है. इसकी वजह से श्रीनगर में तापमान छह से सात डिग्री सेल्सियस तक कम हो गया है. वहीं, उत्तराखंड के चमोली में भी बर्फबारी हुई है.
उत्तराखंड के चमोली जिले की नीति घाटी में तमक गांव के पास धौली गंगा नदी पर बनी कृत्रिम झील फिर सुर्खियों में है. अगस्त की आपदा से बनी यह झील अब फैल रही है. जलस्तर बढ़ रहा है. स्थानीय लोग अफवाह बताते हैं, लेकिन प्रशासन एसडीआरएफ के साथ सतर्क है. विशेषज्ञ प्रो. एमपीएस बिष्ट ने 350 मीटर लंबी झील को खतरा बताया है. सर्दियों में निकासी की योजना.
चमोली के माणा गांव के पास 18000 फीट की ऊंचाई पर स्थित देवताल झील अक्टूबर में ही पूरी तरह जम गई. असामान्य बर्फबारी और तापमान माइनस में पहुंचने से झील का पारदर्शी साफ पानी बर्फ बन गया. पर्यावरणविद् से जलवायु परिवर्तन का संकेत मान रहे हैं.
बद्रीनाथ धाम में इस दिवाली को विशेष धूमधाम से मनाने की तैयारी की जा रही है. मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा और माता लक्ष्मी, कुबेर जी एवं भगवान बद्री विशाल की पूजा अर्चना की जाएगी. धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बताया कि दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी. स्थानीय लोग और श्रद्धालु मंदिर परिसर में दीप जलाकर इस त्योहार को मनाएंगे.
उत्तराखंड के चमोली जिले के फली गांव से एक झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां बाढ़ के चलते आई आपदा से दो जुड़वां बच्चों और उनकी मां की भी मौत हो गई. तीनों शवों को जब मलबे से निकाला गया तो दोनों बच्चे अपनी मां की छाती से चिपके मिले.
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में बुधवार को अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. इस तबाही के चलते कई लोग अपने घरों में ही दफन हो गए. इसी आपदा के दौरान दबने से जुड़वा बच्चों और उनकी मां की मौत हो गई. शुक्रवार को जब तीनों को निकाला गया तो जुड़वा बच्चे मां से चिपके हुए थे. इस दृश्य को देखते ही सभी की आंखें नम हो गईं.
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर तहसील में आई आपदा ने कुंतरी और धूर्मा गांवों में तबाही मचा दी. अब तक 7 शव बरामद हो चुके हैं, जबकि धूर्मा में 2 लोग अभी भी लापता हैं. कुंतरी गांव में मातम पसरा है, जहां एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत ने सभी को झकझोर दिया. प्रशासन धूर्मा में बचाव कार्य और राहत सामग्री भेजने में जुटा है.
उत्तराखंड के चमोली जिले की नंदानगर तहसील में बुधवार रात आई भीषण आपदा ने कुंतरी और धूर्मा गांवों को तबाह कर दिया. कुंतरी में अब तक सात शव बरामद हो चुके हैं, जबकि धूर्मा के दो लोग अभी भी लापता हैं. राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं, मगर टूटे रास्तों और दुर्गम परिस्थितियों ने चुनौती बढ़ा दी है.
लौटते मॉनसून ने उत्तराखंड और हिमाचल में भारी तबाही मचाई है. उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से नंदनगर इलाके में भारी नुकसान हुआ. राहत बचाव दल कई किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचा और मलबे में दबे एक महिला व एक युवक को सुरक्षित निकाला. नंदनगर में एक घर में शादी की तैयारियां तबाह हो गईं.
उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र में बादल फटने और फ्लैश फ्लड से भारी तबाही हुई है. मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य कर रही हैं. अब तक एक व्यक्ति को सुरक्षित निकाला गया है, जबकि दो शव बरामद हुए हैं और सात लोग अभी भी लापता हैं.
सितंबर महीने में पहाड़ों से लेकर मैदानों तक मानसून का कहर जारी है. उत्तराखंड के देहरादून और चमोली में बादल फटने से तबाही का मंजर है. चमोली के नंदानगर के दो गांवों में भारी नुकसान हुआ है. हैदराबाद और मणिपुर में भी बारिश से स्थिति खराब है. हैदराबाद के कई इलाकों में पानी भर गया है और सिकंदराबाद में स्थिति विकट है हैदराबाद में भारी बारिश के कारण एक शख्स की जान चली गई.
हैदराबाद में भारी बारिश के कारण शहर दरिया में बदल गया. लोगों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया, सड़कें तालाब बन गईं. शहर के कुछ इलाकों में गर्दन तक पानी भर गया था, जिससे एक शख्स की जान चली गई. परिवार का आरोप है कि प्रशासन से कोई मदद नहीं मिली. वहीं, उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. दो लोगों की जान चली गई है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं.
देश के कई हिस्सों में मॉनसूनी आफत जारी है. देहरादून में बादल फटने से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 13 लोग लापता हैं. चमोली के कुंदरी गांव में भी प्राकृतिक आपदा का कहर दिखा, जहां बागी नदी के बहाव में सात लोग लापता हुए और दो की मौत हो गई. मणिपुर के कई जिलों में भारी बारिश से बाढ़ का कहर है, हजारों घर डूबे और फसलें बर्बाद हुईं.
मानसून जाते-जाते देश के कई हिस्सों में तबाही मचा रहा है. उत्तराखंड के चमोली में एक बार फिर बादल फटने से सैलाब आ गया है. नंदनगर इलाके के शेरा और कुर्मा क्षेत्रों में नुकसान हुआ है, जहाँ मवेशी, दुकान और मकान सैलाब में बह गए. छह इमारतें मलबे के नीचे दब गई हैं और 10 लोगों के लापता होने की सूचना है. राहत और बचाव कार्य जारी है, जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीडब्ल्यूडी की टीमें लगी हुई हैं.
मानसून की विदाई के साथ देश के कई हिस्सों में तबाही का मंजर दिख रहा है. उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से भीषण सैलाब आया, जिसमें मवेशी, दुकान, मकान और लोग बह गए. नंदनगर इलाके में कई लोग लापता हैं और राहत बचाव कार्य जारी है. रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ हाईवे पर भूस्खलन से बीजेपी सांसद बाल-बाल बचे.
सितंबर में मौसम का कहर पहाड़ से लेकर मैदान तक जारी है, जिसमें उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. देहरादून में डेढ़ दर्जन लोगों की मौत के सदमे के बाद, उत्तराखंड के चमोली में मूसलाधार बारिश के बाद बादल फटने की घटना हुई है. चमोली के नंदनगर इलाके में कम से कम पांच लोगों के लापता होने की आशंका है, जबकि कुल 12 लोगों के लापता होने की बात कही जा रही है. बादल फटने के बाद आई फ्लैश फ्लड और मलबे ने पूरे इलाके में भारी तबाही मचाई है.
सितंबर महीने में उत्तराखंड में मौसम का कहर जारी है. पहाड़ से लेकर मैदान तक भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से भीषण तबाही मची है. चमोली के नंदनगर, कुंतरी और थुरमा गांवों में बादल फटने के बाद 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं और 32 मकान व गौशालाएं तबाह हो गई हैं.
चमोली के नंदानगर क्षेत्र के तीन गांवों में देर रात बादल फटने और भारी बारिश से फ्लैश फ्लड ने भयंकर तबाही मचा दी. मलबे की चपेट में आने से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 12 लोग लापता हो गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने बताया कि देर रात आए फ्लैश फ्लड से सबसे ज्यादा नुकसान कुन्तरी लगाफाली, सरपाणी और धुर्मा गांव में हुआ है.