चंदा कोचर (Chanda Kochhar) आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं (Former MD and CEO, ICICI). मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोपों के कारण उन्होंने 2018 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. दरअसल उनपर वीडियोकॉन को 2009 के दौरान 3,250 करोड़ रुपये का ऋण देने का आरोप है (Chanda Kochhar, Videocon Fraud Case). कथित ऋण धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़े एक मामले में उन्हें दिसंबर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था (Chanda Kochhar Arrested). बाद में, चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) को भी इस मामले में 23 दिसंबर 2022 को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया.
1984 में, चंदा कोचर एक मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में ICICI बैंक (भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम) में शामिल हुईं. 2006 में, कोचर को आईसीआईसीआई बैंक के उप प्रबंध निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया. उस दौरान कोचर ने बैंक के अंतरराष्ट्रीय और कॉर्पोरेट व्यवसायों को संभाला. 2007 से 2009 तक, वह बैंक की मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) और संयुक्त प्रबंध निदेशक रहीं (Chanda Kochhar ICICI).
कोचर ने कथित तौर पर वीडियोकॉन समूह को ऋण देने में सहायक भूमिका निभाई, जिसका पता लगने के बाद, आईसीआईसीआई बैंक ने आरोपों की एक स्वतंत्र जांच शुरू की. 29 मार्च 2018 को, द इंडियन एक्सप्रेस ने पहली बार रिपोर्ट किया कि वीडियोकॉन समूह के प्रमोटर वेणुगोपाल धूत ने न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड (NRPL) को कथित रूप से करोड़ों रुपये दिए हैं. एक ऐसा फर्म जिसे उन्होंने वीडियोकॉन के छह महीने बाद चंदा कोचर के पति दीपक कोचर और दो रिश्तेदारों के साथ स्थापित किया गया था. इस समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से ऋण के रूप में 3,250 करोड़ रुपये मिले थे (Chanda Kochhar Deepak Kochhar Videocon Fraud).
कोचर का जन्म 17 नवंबर 1961 को राजस्थान के जोधपुर (Jodhpur, Rajasthan) में हुआ था (Chanda Kochhar Born). वह एक हिंदू सिंधी परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनकी शिक्षा सेंट एंजेला सोफिया स्कूल, जयपुर में हुई थी. वह मुंबई चली गईं, जहां उन्होंने जय हिंद कॉलेज में दाखिला लिया और मुंबई विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक की डिग्री हासिल की. 1982 में स्नातक होने के बाद, उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में कॉस्ट अकाउंटेंसी का अध्ययन किया और जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से मुंबई विश्वविद्यालय में प्रबंधन अध्ययन की डिग्री हासिल की. उन्हें मैनेजमेंट स्टडीज में उत्कृष्टता के लिए वॉकहार्ट गोल्ड मेडल और कॉस्ट एकाउंटेंसी में जे. एन. बोस गोल्ड मेडल मिल चुका है (Chanda Kochhar Education).
कोचर मुंबई में रहती हैं. उनकी शादी, अपने क्लासमेट दीपक कोचर से हुई है, जो एक विंड एनर्जी उद्यमी हैं (Chanda Kochhar Husband). उनके दो बच्चे हैं, एक बेटी और एक बेटा (Chanda Kochhar Children).
Chanda Kochhar: चंदा कोचर बताती हैं कि इस पॉडकास्ट सीरीज में दूसरा मेहमान एक अभिनेता होंगे, लेकिन उन्होंने अभी उनका नाम बताने से इनकार कर दिया. धोखाधड़ी के मामले में चंदा कोचर को जेल जाना पड़ा था और फिर उन्हें बैंक के सभी पदों से हटा दिया गया.
चंदा कोचर ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 3 मई के आदेश को चुनौती दी थी, जिसने उनकी याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उन्हें कोई भी अंतरिम राहत देने से बैंक को अपूरणीय क्षति और पूर्वाग्रह होगा.
साल 2009 में जब कोचर ने ICICI की कमान संभाली थी, उस समय पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही थी. 10 हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. लोन मामले में 2019 से जांच चल रही थी. 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था.
कामयाबी मिली, दौलत मिली और फिर शोहरत भी मिली. लेकिन फिर देखते ही देखते सबकुछ बर्बाद भी हो गया. क्योंकि लालच की वजह से धोखाधड़ी के रास्ते पर चल पड़े, जिसका एक दिन अंत होना तय होता है. इन 7 अरबपतियों के साथ भी ऐसा ही हुआ. कभी लोगों के आदर्श थे, लेकिन अब नाम बदनाम हो चुके हैं.
वीडियोकॉन को लोन मामले में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था.
अपनी अर्जी में कोचर ने अनुरोध किया उन्हें वे लाभ दिए जाएं जो उन्हें बिना शर्त के थे, जब बैंक ने 2018 में उनकी समयपूर्व सेवानिवृत्ति को स्वीकार कर लिया था. अर्जी में कहा गया कि बैंक किसी ऐसे व्यक्ति को बर्खास्त नहीं कर सकता जो पहले ही रिटायर हो चुका हो. उन्हें बिना शर्त दिए गए लाभ में कर्मचारी शेयर विकल्प शामिल थे जो 2028 तक इस्तेमाल किए जा सकते थे.
ICICI बैंक और Videocon लोन फ्रॉड केस में सीबीआई ने दिसंबर 2022 में बड़ा एक्शन लेते हुए ICICI बैंक की पूर्व MD और CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एजेंसी ने वेणुगपाल धूत की गिरफ्तारी की थी. बॉम्बे हाईकोर्ट ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और अब धूत को जमानत दे दी है.
वीडियोकॉन लोन मामले में आरोपी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि चंदा और दीपक कोचर की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं हुई थी. ऐसे में जानना जरूरी है कि सीबीआई से कहां गलती हो गई और किसी को गिरफ्तार करने के नियम क्या होते हैं?