प्रो. चंद्रशेखर (Prof. Chandrashekhar, Politician) भारत के राजनेता हैं जो मधेपुरा निर्वाचन क्षेत्र से बिहार विधानसभा के सदस्य हैं (Chandrashekhar MLC, Madhepura, Bihra). वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के मंत्रीमंडल में शिक्षा मंत्री हैं. (Chandrashekhar, Education Minister). चंद्रशेखर राष्ट्रीय जनता दल के सदस्य हैं. वह मधेपुरा सदर विधानसभा से लगातार तीन बार जीत चुके हैं (Chandrashekhar, Leader RJD).
वह 2010 में पहली बार विधायक बने थे. 2015 में उनको महागठबंधन में तेजस्वी यादव ने आपदा मंत्री बनाया था. प्रो. चंद्रशेखर ने 2020 में पप्पू यादव और जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल को भारी मतों से हराया था (Chandrashekhar Political Career).
चंद्रशेखर का जन्म बिहार में हुआ था और उनका पालन पोषण भी बिहार में ही हुआ है (Chandrashekhar From Bihar). उनकी स्कूली शिक्षा बिहार के स्कूल में हुआ है. वह विज्ञान में परास्नातक हैं (Chandrashekhar Education).
जनवरी 2023 को चंद्रशेखर ने तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस (Ramcharitmanas) को लेकर विवादित बयान दिया था. दरअसल नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (Nalanda Open University) के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री चंद्रशेकर ने कहा था कि रामचरितमानस और मनुस्मृति समाज को विभाजित करने वाली पुस्तकें हैं (Chandrashekhar Ramcharitmanas controversy).
चिराग पासवान मुजफ्फरपुर में पार्टी के कार्यकर्ता मिलन समारोह में पहुंचे. यहां नीतीश मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल को लेकर चिराग ने सीएम पर हमला बोला. कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री रहते हुए चंद्रशेखर लगातार एक धर्म के लोगों को अपमानित कर रहे थे. इसके बाद भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन रहकर उनको समर्थन दे रहे थे.
बिहार सरकार में शनिवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. नीतीश कैबिनेट में तीन मंत्रियों की जिम्मेदारी में बदलाव किया गया है. ये मंत्री चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव हैं. अभी तक शिक्षा मंत्रालय संभाल रहे चंद्रशेखर अब गन्ना विकास विभाग देखेंगे. आलोक मेहता को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सीतामढ़ी में राजद कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. साथ ही 22 जनवरी को राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी प्रतिक्रिया दी.
अयोध्या के राम मंदिर को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा था कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है और स्कूलों का रास्ता प्रकाश का रास्ता है. वहीं इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी नेता नित्यानंद राय ने कहा कि ऐसा लगता है कि ये लोग आने वाले समय में बाबर और अफजल गुरु को पूजेंगे.
आरजेडी विधायक फतेह बहादुर के पोस्टर वाले बयान का बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि फतेह बहादुर ने हमारी माता सावित्री बाई फुले की बात को दोहराया है, जो कहा करती थीं कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता है, जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता है.
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली विपक्षी दलों की दूसरे राउंड की बैठक से पहले एक तरफ जहां महाराष्ट्र में शरद पवार की NCP में अजित पवार की बगावत से बड़ी टूट हुई है, वहीं दूसरी ओर बिहार में भी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के बीच मंत्री और IAS अधिकारी के बीच झगड़े को लेकर तनातनी पैदा हो गई है. शिक्षामंत्री चंद्रशेखर और आईएएस केके पाठक के बीच तकरार इस कदर बढ़ गई है कि दोनों दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.
बिहार में जेडीयू और आरजेडी के बीच विवाद गहरा गया है. शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच टकराव के बाद सीएम नीतीश कुमार ने एक बैठक बुलाई जिसमें मंत्री चंद्रशेखर और अन्य मंत्री मौजूद रहे.
हाल ही में बिहार शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव किया गया. भर्ती के लिए बिहार के बाहर के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकेंगे. शिक्षा मंत्री शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि बिहार के युवा सक्षम नहीं हैं. इसलिए नियुक्ति में पूरे देश के अभ्यर्थी शामिल होंगे. अब इस मुद्दे को लेकर बिहार के युवाओं में रोष है. श्वेता सिंह के साथ देखें 10तक.
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. चंद्रशेखर ने कहा कि जिनके पुरखों ने फिरंगियों के साथ मिलकर हमारे देश के गरीबों पर जुल्म ढाए, क्या वह हम पर राज करेंगे? हम एकलव्य की संतान हैं, हम अंगूठा देना नहीं, जवाब देना जानते हैं.
लोकसभा चुनाव में भले ही अभी सवा साल का वक्त बाकी हो, लेकिन बिहार से लेकर उत्तर प्रदेश तक की सियासी तपिश बढ़ गई है. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बाद यूपी में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को बकबास बताते हुए दलित और ओबीसी विरोधी बताया है. बीजेपी हिंदुत्व की सियासत को धार दे रही है तो विपक्षी दल जातीय राजनीति को लेकर एजेंडा सेट कर रहे हैं?