चार्जिंग स्टेशन
चार्जिंग स्टेशन (Charging station) को ईवी चार्जर (EV charger) या इलेक्ट्रिक व्हीकल सप्लाई इक्विपमेंट (EVSE) भी कहा जाता है. यह एक उपकरण होता है जो प्लग-इन इलेक्ट्रिक वाहनों (हाइब्रिड, नेबरहुड इलेक्ट्रिक व्हीकल, ट्रक, बस) को चार्ज करने के लिए विद्युत शक्ति की आपूर्ति करता है.
बैटरियों को केवल डीसी पावर (DC Power) से चार्ज किया जा सकता है, लिहाजा ज्यादातर इलेक्ट्रिक वाहनों में एक ऑनबोर्ड एसी-टू-डीसी कनवर्टर (AC to DC Converter) होता है जो उन्हें घरेलू एसी इलेक्ट्रिकल पावर का उपयोग करने की क्षमता देता है. सस्ते कम-शक्ति वाले सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन भी एसी इलेक्ट्रिसिटी देते हैं, जिसे एसी चार्जिंग स्टेशन के रूप में जाना जाता है (AC Charging Station). उच्च शक्ति चार्जिंग की सुविधा के लिए बहुत बड़े एसी-टू-डीसी कन्वर्टर्स की आवश्यकता होती है, कनवर्टर को वाहन के बजाय चार्जिंग स्टेशन में बनाया जाता है. यह वाहन के ऑनबोर्ड कनवर्टर को दरकिनार करते हुए वाहन को सीधे डीसी पावर की आपूर्ति करता है. इन्हें डीसी चार्जिंग स्टेशन के रूप में जाना जाता है (DC Charging Station). ज्यादातर पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कार मॉडल एसी और डीसी, दोनों पावर का उपयोग कर सकते हैं.
चार्जिंग स्टेशन अलग-अलग मानकों के मुताबिक कनेक्टर मुहैया करते हैं. डीसी चार्जिंग स्टेशन आमतौर पर कई तरह के वाहनों की आपूर्ति करने में सक्षम होने के लिए कई कनेक्टर से लैस होते हैं. सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन आमतौर पर सड़क के किनारे या खुदरा शॉपिंग सेंटर, सरकारी सुविधाओं और अन्य पार्किंग क्षेत्रों में पाए जाते हैं (Charging Station Location).
बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार एक तरफ जहां इलेक्ट्रॉनिक्स विकास को बढ़ावा देने में जुटी है तो वही दिल्ली से सटे नोएडा में ई चार्जिंग स्टेशन धूल फांक रहे हैं, जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. देखें नोएडा से सुशांत मेहरा की ये ग्राउंड रिपोर्ट.