scorecardresearch
 
Advertisement

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह

चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) भारत के 5वें प्रधान मंत्री थे. वह इस पद पर 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 तक रहे. वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे. इतिहासकार और उन्हें जानने वाले अक्सर उन्हें भारत के किसानों के चैंपियन के रूप में संदर्भित करते हैं. हार्ट स्ट्रोक के कारण उनका 29 मई 1987 को निधन हो गया. 

सरकार में रहते हुए उन्होंने साल 1939 में कर्जमाफी विधेयक पास करवाया था. वह पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने ब्रिटिश हुकूमत से कर्जमाफी करवाई थी. फरवरी 2024 में केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है. पीएम मोदी ने खुद एक्स पर पोस्ट करते हुए इसकी जानकारी दी. 

चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1903 को नूरपुर गांव, आगरा में एक ग्रामीण किसान परिवार में हुआ था. चरण सिंह ने महात्मा गांधी से प्रेरित भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बने और राजनीतिक सफर की शरूआत की. वह 1931 से गाजियाबाद जिला आर्य समाज के साथ-साथ मेरठ जिला भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक सक्रिय नेता थें. उन्हें अंग्रेजों ने दो बार जेल में भी बंद किया था.

चरण सिंह पहली बार संयुक्त विधायक दल गठबंधन की मदद से 3 अप्रैल 1967 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. कांग्रेस के कुछ शर्तों पर उनकी सरकार को बाहर से समर्थन मिला और वह साल 1970 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने.

21 अक्टूबर 1984 को चरण सिंह ने लोकदल, हेमवती नंदन बहुगुणा की डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी, रतुभाई अडानी की राष्ट्रीय कांग्रेस और देवीलाल जैसे जनता पार्टी के कुछ नेताओं का विलय करके एक नई पार्टी दलित मजदूर किसान पार्टी की स्थापना की. बाद में इसका नाम वापस बदलकर लोकदल कर दिया था.

चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी (1905-2002) से उनके छह बच्चे थे. गायत्री देवी भी विधायक थी. उनके बेटे अजीत सिंह लोक दल के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री हैं. अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी मथुरा से 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 2014 के चुनाव में वह हेमा मालिनी से हार गए थे.

और पढ़ें

चौधरी चरण सिंह न्यूज़

Advertisement
Advertisement