शतरंज एक बोर्ड गेम है जिसे दो खिलाड़ी खेलते हैं. शतरंज एक रणनीति खेल है जिसमें कोई छिपी हुई जानकारी और कोई मौका का तत्व शामिल नहीं होता है. यह 8×8 ग्रिड में अरेंज 64 वर्गों वाली शतरंज की बिसात पर खेला जाता है. खिलाड़ियों, जिन्हें सामान्य रूप से "सफेद" और "काला" कहा जाता है, प्रत्येक सोलह मोहरों को कंट्रोल करते हैं. इन मोहरों में एक राजा, एक रानी, दो हाथी, दो बिशप, दो घोड़े और आठ मोहरे, जिन्हें सैनिक भी कहा जाता है. सफ़ेद पहले चलता है, उसके बाद काला. फिर बारी-बारी से चलता है. खेल का उद्देश्य दुश्मन राजा को चेकमेट (कब्जे की धमकी) करना है. ऐसे कई तरीके भी हैं जिनसे खेल ड्रॉ में समाप्त हो सकता है.
शतरंज का दर्ज इतिहास कम से कम सातवीं शताब्दी की है, जो भारत में एक समान खेल, चतुरंग के उद्भव तक जाता है. फारस में इसकी शुरुआत के बाद, यह अरब दुनिया और फिर यूरोप में फैल गया. शतरंज के नियम, जैसा कि आज ज्ञात है, 15वीं शताब्दी के अंत में यूरोप में उभरे. आज, शतरंज दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेलों में से एक है, जिसके दुनिया भर में लाखों खिलाड़ी हैं.
आज शतरंज प्रतियोगिता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर FIDE (फेडरेशन इंटरनेशनेल डेस एचेक्स; अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ) द्वारा नियंत्रित किया जाता है. पहले सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त विश्व शतरंज चैंपियन, विल्हेम स्टीनिट्ज ने 1886 में अपना खिताब जीता. अब डी गुकेश (D Gukesh) विश्व चैंपियन हैं.
ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने रविवार 2 फरवरी को नीदरलैंड के विज्क आन ज़ी में विश्व चैंपियन डी गुकेश को रोमांचक टाईब्रेक में हराकर टाटा स्टील मास्टर्स 2025 जीत लिया.
उज्बेकिस्तान के ग्रैंडमास्टर नोदिरबेक याकुबोएव ने भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. वैशाली से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया. शतरंज खिलाड़ी मुकाबले से पहले हाथ मिलाते हैं या नमस्ते करते हैं, 2019 में ग्रैंडमास्टर बनने वाले याकुबोएव ये बाजी हार गए.
भारत सरकार ने शूटर मनु भाकर, चेस मास्टर डी गुकेश, हॉकी खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह और पैरा एथलीट प्लेयर प्रवीण कुमार को खेल रत्न पुरस्कार देने का फैसला किया है.
साल के आखिर में भी जाते-जाते भारतीय ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी ने अच्छी खबर दी है. भारत की नंबर एक महिला चेस प्लेयर हम्पी अब चीन की जू वेनजुन (Ju Wenjun) के बाद एक से ज्यादा बार यह खिताब जीतने वाली दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं. वह ऐसा करने वाली भारत की पहली महिला शतरंज खिलाड़ी हैं.
18 साल के गुकेश के साथ इस वीडियो में माइंड रीडर सुहानी शाह और विश्वनाथन आनंद के अलावा कुछ भारतीय शतरंज प्लेयर भी नजर आ रहे हैं.
शतरंज के लिहाज से भारत के लिए साल 2024 शाानदार रहा, वर्ल्ड चैम्पियन बने डी गुकेश की दोनों बाजू खोलकर मुस्कुराते हुए तस्वीर एक अरब से अधिक भारतवासियों की यादों में हमेशा के लिये चस्पा हो गई...आइए आपको शतरंज से जुड़ी साल 2024 की और खबरों से रूबरू करवाते हैं.
Gukesh Dommaraju-Paddy Upton: डोम्माराजू गुकेश शतरंज के नए वर्ल्ड चैम्पियन बन गए हैं. उन्होंने चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन को मात दी. लेकिन गुकेश की इस जीत में साउथ अफ्रीका के पैडी अप्टन का बड़ा हाथ है. क्योंकि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जब भारतीय टीम 2011 में ODI चैम्पियन बनी, वहीं भारतीय हॉकी टीम ने 2024 पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता. तब टीम के मेंटल एंड कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन ही थे.
18 साल की उम्र में भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने शतरंज के वर्ल्ड चैंपियन का खिताब जीतकर नया इतिहास रच दिया. उन्होंने मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को रोमांचक मुकाबले में हराया. यह खिताब जीतने वाले वह विश्वनाथन आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बने.
World Chess Championships: वर्ल्ड चेस चैम्पियन 2024 का फाइनल मुकाबला गुरुवार को सिंगापुर में खेला गया. इस मुकाबले में भारत के डी गुकेश की टक्कर डिफेंडिंग चैम्पियन चीनी चेस मास्टर डिंग लिरेन से थी. काले मोहरों से खेलते हुए डी गुकेश ने 14वीं बाजी में डिंग लिरेन को करारी शिकस्त दी और खिताब पर कब्जा जमाया.
ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट जीतकर इतिहास रच दिया. वह विश्व चैम्पियनशिप खिताब के सबसे युवा चैलेंजर बन गए. उन्होंने 40 साल पुराना गैरी कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा.