चित्रा रामकृष्ण, पूर्व सीईओ, एनएसई
चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं (Fromer CEO NSE). एनएसई की स्थापना 1990 के दशक की शुरुआत में हुई थी. यह भारत के पूंजी बाजार में सुधार के लिए स्थापित एक संस्था है और अब नकद बाजार व्यापार में दुनिया के सबसे बड़े एक्सचेंज के रूप में रैंकिंग करती है. चित्रा NSE की पहली महिला प्रबंध निदेशक थीं (First Woman MD NSE).
वर्ष 1963 में मुंबई (Mumbai) में जन्मी चित्रा (Chitra Ramkrishna Age) ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, आर ए पोदार कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से डिग्री हासिल की है (Chitra Ramkrishna Education).
चार्टर्ड एकाउंटेंट के रूप में उन्होंने अपना काम शुरू करने के बाद, 1985 में वह भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) के परियोजना वित्त विभाग में शामिल हुईं. रामकृष्ण ने तब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) में काम किया और दो साल बाद आईडीबीआई में लौट आईं (Chitra Ramkrishna IDBI).
चित्रा रामकृष्ण एनएसई की स्थापना से पहले से ही बाजार विनियमन और नीति निर्माण से संबंधित मामलों से जुड़ी रही हैं. 1980 के दशक के अंत में SEBI के विधायी ढांचे के निर्माण में शामिल थीं. वह सेबी की कई समितियों का हिस्सा रह चुकी हैं (Chitra Ramkrishna Career).
फरवरी 2022 में, SEBI ने उनपर, पिछले 20 वर्षों से, एक अज्ञात हिमालयी योगी को दिन-प्रतिदिन के कार्यों से संबंधित प्रमुख व्यावसायिक रहस्यों को लीक करने का आरोप लगाया (Chitra Ramkrishna Controversy).
सुप्रीम कोर्ट ने चित्रा की वैधानिक जमानत बरकरार रखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत देने के आदेश में दखल देने से इनकार किया है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी CEO चित्रा रामकृष्ण की कोर्ट से मिली राहत बरकरार रहेगी. रामकृष्ण की जमानत पर रिहाई के आदेश को सीबीआई ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.
चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थी. उन पर अपने कार्यकाल के दौरान कथित हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है.
चित्रा रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 तक एनएसई की एमडी और सीईओ थीं. उन पर अपने कार्यकाल के दौरान कथित हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने और NSE कर्मचारियों के फोन टैपिंग का आरोप है.
अदालत ने ईडी को रामकृष्णन से चार दिन की हिरासत में पूछताछ की अनुमति दी है. सीबीआई को ऐसे सबूत मिले हैं जिनमें संजय पांडे की ओर से अवैध जासूसी का सुझाव दिया गया है.