क्रूज मिसाइल
एक क्रूज मिसाइल (Cruise Missiles) एक निर्देशित मिसाइल (Guided Missile) है जिसका उपयोग स्थलीय लक्ष्यों के खिलाफ किया जाता है. यह मिसाइल वायुमंडल में रहता है और अपने उड़ान के बड़े हिस्से को लगभग स्थिर गति से उड़ाता है.
क्रूज मिसाइलों को उच्च परिशुद्धता (High Precision) के साथ लंबी दूरी पर एक बड़ा वारहेड पहुंचाने के लिए डिजाइन किया गया है. आधुनिक क्रूज मिसाइलें उच्च सबसोनिक, सुपरसोनिक या हाइपरसोनिक गति से उड़ान भरने में सक्षम हैं (Speed of a Cruise Missiles). इसमें सेल्फ-नेविगेटिंग है. नॉन-बैलिस्टिक, बेहद कम ऊंचाई वाले trajectory पर उड़ान भरने में भी सक्षम है.
भारत के पास ब्रह्मोस, ब्रह्मोस-ए और निर्भय जैसे क्रूज मिसाइल हैं (Indian Cruise Missiles).
Russia ने हाल ही में भूमध्यसागर में अपनी तीन मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है. इसमें हाइपरसोनिक मिसाइल जिरकॉन, सुपरसोनिक एंटी-शिप क्रूज मिसाइल ओनिक्स और क्रूज मिसाइल कैलिबर शामिल है. इन मिसाइलों की बदौलत रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है. जानिए इनकी ताकत...
अमेरिकी सरकार ने यूक्रेन को JASSM बैलिस्टिक मिसाइल दी है. ताकि वह लंबी दूरी तक रूस के अंदर मार कर सके. इस मिसाइल के जरिए यूक्रेन रूस की राजधानी मॉस्को तक हमला कर सकता है. इस मिसाइल की रेंज 900 किलोमीटर है. इस मिसाइल से हमला करने का मतलब होगा कि रूस करारा जवाब देगा.
Russia ने यूक्रेन के द्निप्रो पर जो हमला किया वो एक नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण था. इसमें ICBM मिसाइलों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इस नई मिसाइल के बारे में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 नवंबर 2024 को खुलासा किया. जिसकी पुष्टि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने भी की है.
रूस ने यूक्रेन के द्निप्रो शहर पर ICBM मिसाइलों से हमला कर दिया है. संभवतः ये RS-26 Rubezh मिसाइलें हैं. ये हमला 21 नवंबर 2024 की सुबह 5 से 7 बजे के बीच हुआ. कई महत्वपूर्ण इमारतों और ढांचों को इन मिसाइलों ने बर्बाद कर दिया है. ये मिसाइलें रूस के अस्त्राखान इलाके से दागी गई थीं.
DRDO अगले कुछ दिनों के अंदर बंगाल की खाड़ी में फिर से मिसाइल परीक्षण करने जा रहा है. 27 से 30 नवंबर के बीच ये टेस्टिंग हो सकती है. इसके लिए 1730 km का NOTAM जारी किया गया है. यानी इन चार दिनों के बीच समंदर में बताई गई जगह पर कोई जहाज नहीं जाएगा. ऊपर से कोई प्लेन नहीं उड़ेगा.
यूक्रेन पर हमले के लिए रूस ने अपने 72 साल पुराने बॉम्बर Tu-95 के नए वैरिएंट का इस्तेमाल किया है. ये है Tu-95MSM. इस प्लेन को स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन के लिए बनाया गया है. यह बमबारी के अलावा मिसाइलों को भी लॉन्च कर सकता है. इसलिए रूस ने इसी के जरिए यूक्रेन पर Kh-101 क्रूज मिसाइलों से हमला किया. आइए जानते हैं इस विमान और मिसाइल की खासियत...
क्या अमेरिका से यूक्रेन को मिले ATACMS मिसाइल से रूस डरा हुआ है. ऐसी क्या खास बात है इस मिसाइल में, जिसने यूक्रेन-रूस का रुख बदल दिया है. यूक्रेन ने इसके साथ-साथ Storm Shadow मिसाइल का भी इस्तेमाल किया है. जिसकी वजह से अब रूस खतरनाक हमले की तैयारी कर रहा है.
यूक्रेन ने रूस के हमले के डर से कुर्स्क इलाके में 12 स्टॉर्म शैडो मिसाइलों से हमला किया है. वहीं, अब खबरें ये आ रही हैं कि रूस अपनी RS-26 Rubezh न्यूक्लियर ICBM मिसाइल से कीव पर हमला कर सकता है. इस बीच अमेरिका ने यूक्रेन को एंटी-पर्सनल लैंड माइंस का इस्तेमाल करने की अनुमति यूक्रेन को दे दी है.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने देश के न्यूक्लियर नियम-कायदों में बदलाव किया है. जिसमें कहा गया है कि अगर गैर-परमाणु देश किसी न्यूक्लियर पावर वाले देश के सपोर्ट से हमला करता है तो इसे रूस के खिलाफ जंग माना जाएगा. रूस के खिलाफ बैलिस्टिक मिसाइल का जवाब परमाणु हमले से मिलेगा.
इधर भारत ने नई मिसाइल का परीक्षण किया. उधर चीन ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल DF-100 की रेंज बढ़ा ली. अब यह मिसाइल 3 से 4 हजार किलोमीटर की रेंज तक हमला कर सकती है. वह भी 4700 km/hr की स्पीड से. चीन ने यह मिसाइल सटीक स्ट्रैटेजिक हमले के लिए बनाई है.
LRAShM के सफल परीक्षण के बाद इतना पक्का है कि अगला स्टेप लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का होगा. DRDO इस नए हथियार के परीक्षण के साथ ही एक सीक्रेट प्रोजेक्ट को सामने लाएगा. भारत अगले इस साल अंत तक या फिर अगले साल अपने नए घातक हथियार का परीक्षण कर सकता है.
चीन जब चाहे चुटकियों में पूरे ताइवान को कब्रिस्तान में बदल सकता है. उसके पास दुनिया की सबसे बड़ी लैंड-बेस्ड मिसाइल फौर्स है. यानी ऐसी जिसमें बैलिस्टिक, क्रूज और हाइपरसोनिक मिसाइलें शामिल हैं. बड़ी मिसाइलों की तो जरूरत ही नहीं पड़ेगी. कम रेंज की मिसाइलों से ही ताइवान का काम तमाम हो जाएगा.
चीन में ऐसी ऑटमैटिक फैक्ट्री है, जो एक दिन में 1000 से ज्यादा क्रूज मिसाइलें बना सकती है. वहां की सरकारी मीडिया CCTV इसका एक वीडियो भी जारी किया है. यानी अगले कुछ सालों में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी मिसाइल फोर्स होगी. इतनी तेजी से तो कोई देश मिसाइलें नहीं बना सकता.
इजरायल पर ईरान ने 181 बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया. कुछ को इजरायल रोक पाया. ज्यादातर को नहीं. दुनिया का सबसे शानदार हवाई सुरक्षा कवच होने के बाद भी ईरान की मिसाइलों ने इजरायल के शहरों को छलनी किया. आइए जानते हैं कि इन दोनों की मिसाइल फोर्स में कितना पावर है...
इजरायल पर हमला करने के लिए हिज्बुल्लाह ने सोवियत काल के हथियार को बदल दिया है. सोवियत संघ के समय का Tu-143 ड्रोन अब नई क्रूज मिसाइल है. इसे लेबनान में DR-3 क्रूज मिसाइल कहते हैं. पहले इसका इस्तेमाल निगरानी और जासूसी के लिए किया जाता था. लेकिन अब हमला हो रहा है. जानिए इस बदले हुए हथियार की ताकत...
चीन ने अपनी क्रूज मिसाइल से समंदर में एक जहाज को डुबा दिया. इस एंटी-शिप क्रूज मिसाइल का नाम है वाईजे-12बी (YJ-12B). इस मिसाइल की रेंज करीब 500 km है. यह इस दूरी को 3580 km/hr की गति से पूरा किया.
China ने हाल ही में अपने एंटी-शिप क्रूज मिसाइल YJ-12B से समंदर में टारगेट्स हिट किए. ये टारगेट्स पुराने जंगी जहाज थे. जिन्हें मिसाइल ने सफलतापूर्वक हिट किया. मिसाइल हमले से जहाज पानी में डूब गया. आइए जानते हैं चीन की इस मिसाइल की ताकत, रेंज और स्पीड...
अमेरिकी फाइटर जेट F/A-18E/F Super Hornet के मिसाइल सिस्टम की नई तस्वीर सामने आई है. इसमें सारी खतरनाक मिसाइलें लगी हैं. सबसे घातक है हवा से हवा में मार करने वाली AIM-174B मिसाइल. इसकी रेंज करीब 250 किलोमीटर है. कहा जाता है कि ये दुनिया की सबसे ज्यादा दूरी वाली हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है. आइए जानते हैं इन दोनों की ताकत...
अमेरिकी नौसेना सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद से सबसे बड़ी लड़ाई लड़ रहा है. दुश्मन हैं हूती विद्रोही. जो लगातार अमेरिकी युद्धपोतों और व्यासायिक जहाजों पर मिसाइलों से हमला कर रहे हैं. अमेरिका इस जंग का नाम ऑपरेशन प्रॉसपैरिटी गार्जियन रखा है. दिसंबर 2023 से अब तक हूती विद्रोहियों ने अपने मिसाइल हमलें से काफी तबाही मचाई है... आइए जानते हैं इनके बारे में.
चीन की सेना ने अपने नए एयर डिफेंस सिस्टम से पर्दा हटा दिया है. यह एक लंबी दूरी का हवाई सुरक्षा कवच है. इसका नाम है HQ-9B. यह ज्यादा अपग्रेडेड, ज्यादा ताकतवर, सटीक और रेंज वाला हथियार बताया जा रहा है. पहले में चार मिसाइलें होती थीं, अब नए लॉन्चर में ये दोगुनी हो चुकी हैं.
Ukraine के पास पांच ऐसे हथियार हैं, जिनकी वजह से रूस काफी दिक्कत में है. ये हथियार पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को दिए. लेकिन इनकी मारक क्षमता, सटीकता का कोई तोड़ नहीं है. इन मिसाइलों, आर्टिलरी की बदौलत यूक्रेन ने रूस की नाक में दम कर रखा है. आइए जानते हैं इनकी ताकत के बारे में...