दाहोद
दाहोद (Dahod) भारत के राज्य गुजरात (Gujarat) का एक जिला है. इस जिले की स्था पना 2 अक्टूबर, 1997 को पंचमहल जिले को विभाजित करके की गई थी. इसका प्रशासनिक मुख्यालय भी यहीं है. इस जिले का क्षेत्रफल 3,642 वर्ग किलोमीटर है (Geographical Area).
दाहोद जिले में 1 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha Constituency) और 6 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं (Assembly Constituency) .
2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक दाहोद जिले की जनसंख्या (Population) 21 लाख से ज्यादा है. इस जिले का लिंग अनुपात (Sex Ratio) प्रति 1000 पुरुष 990 महिला है. इस जिले की 58.82 फीसदी जनसंख्या साक्षर है, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 70.01 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 47.65 फीसदी है (Dahod Literacy).
इस जिले की सीमा उत्तर में साबरकांठा जिले राजस्थान के वानसवाड़ा जिले से मिलती है, पश्चिम में गोधरा जिले और पूर्व और दक्षिण में मध्य प्रदेश का झाबुआ जिले की सीमाएं दाहोद से जुड़ती है. (Geographical Location of Dahod)
इसके मुख्य पर्यटक स्थलों में जिला मुख्यालय में स्थित छब झील प्रसिद्ध है. दाहोद जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन बावका शिव मंदिर भी महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में शामिल है. दाहोद में स्थित रतनमहल भालू अभ्यारण्य भी खासा मशहूर है. वही, दाहोद शहर के केंद्र में स्थित गाडी का ऐतिहासिक किला भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है (Tourist Places of Dahod).
प्रयागराज महाकुंभ में स्नान कर गुजरात के दाहोद लौट रही यात्रियों की एक वैन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. जिससे 4 लोगों की मौत हो गई. जबकि 8 घायल हो गए. घायलों को एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
एक शादीशुदा महिला के अन्य शादीशुदा व्यक्ति से प्रेम संबंध थे. इसको लेकर ससुरालवालों ने महिला को बुरी तरह प्रताड़ित किया. यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया है.
गुजरात के दाहोद में पुलिस ने हाईटेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर मंदिर और घरों में चोरी करने वाले एक आरोपी को ड्रोन से ट्रैक कर 1 किलोमीटर तक खेतों में पीछा करने के बाद पकड़ा. आरोपी ने राजस्थान और गुजरात के कई मंदिरों में चोरी की थी. पुलिस ने चोरी के आभूषण खरीदने वाले एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है.
गुजरात में नकली अधिकारियों द्वारा छापेमारी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है. दाहोद जिले के सुखसर गांव में फर्जी आयकर अधिकारियों द्वारा छापेमारी की घटना सामने आई है. यहां छह नकली आयकर अधिकारियों ने एक लाइसेंसी साहूकार की दुकान पर छापा मारकर 25 लाख रुपये की मांग की. हैरानी की बात यह है कि इस छापेमारी में असली जीएसटी अधिकारी भी शामिल थे.
गुजरात के दाहोद में पिछले महीने एक स्कूल प्रिंसिपल पर रेप का प्रयास और हत्या के प्रयास का आरोप लगा. इस मामले में पुलिस ने 12 दिनों में 1700 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी. गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने इसकी जानकारी दी. फोरेंसिक और वैज्ञानिक साक्ष्यों की मदद से आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं.
दाहोद जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) राजदीप सिंह जाला ने बताया कि IFS अधिकारी आर.एम. परमार (56) ने सुबह करीब 5 बजे अपने घर पर अपनी रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली. उनके घर से कोई सुसाइड नोट या खत नहीं मिला है.
दाहोद के संतराम पुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 220 परथमपुर में मतदान में गड़बड़ी देखी गई थी. नई घोषित तारीख के मुताबिक, यहां मतदान 11 मई, 2024 शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे के बीच निर्धारित किया गया है.
लोकसभा चुनाव के तीसरे फेज की वोटिंग के दौरान गुजरात के दाहोद में बूथ कैप्चिरंग का मामला सामने आया. दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें बीजेपी नेता रमेश भाभोर का बेटा विजय भाभोर EVM कैप्चर कर वोट डालता हुआ नजर आ रहा है. देखें ये वीडियो.
लोकसभा चुनाव 2024 बेहद नज़दीक हैं. नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है. वहीं, विपक्षी दल भी उलटफेर करने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. चुनाव से पहले गुजरात की दाहोद सीट पर क्या हैं सियासी समीकरण, वीडियो में जानिए.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुजरात सरकार को अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए फटकार लगाई थी और सभी 11 दोषियों को दी गई छूट को रद्द कर दिया था. देश की सबसे बड़ी अदालत ने उन सभी दोषियों को दो सप्ताह के भीतर वापस जेल भेजने का आदेश दिया है.
गुजरात का दाहोद जिला...जहां एक महिला ने डेढ़ करोड़ रुपये की लॉटरी के लालच में करीब 17 लाख रुपये गंवा दिए...अब महिला ने पुलिस में इस मामले की शिकायत की है...
गुजरात के दाहोद जिले में एक महिला ने डेढ़ करोड़ रुपये की लॉटरी के लालच में करीब 17 लाख रुपये गंवा दिए. दरअसल, महिला के मोबाइल पर ठगों में मैसेज भेजकर लॉटरी में करीब डेढ़ करोड़ रुपये जीतने की बात कही थी. इसके बाद महिला लालच में आ गई और रुपये गंवा दिए. महिला ने इस मामले की शिकायत पुलिस से की है.
गुजरात के दाहोद में ब्राह्मण समाज की एक लड़की ने दूसरी जाति के लड़के से लव मैरिज कर ली. पिता को जब इस बात का पता चला तो पहले उन्होंने उसे मनाने की कोशिश की कि वह घर वापस आ जाए. जब लड़की नहीं मानी तो पिता ने उससे सारे-रिश्ते नाते तोड़कर उसका जीते-जी अंतिम संस्कार कर दिया.
गुजरात में आदिवासी बहुल दाहोद जिले में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. एक शादीशुदा महिला और युवक को गांव के लोगों ने तालिबानी सजा दी है. दरअसल, दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए थे. इसके बाद दोनों अपने परिचितों और नाते-रिश्तेदार से बगैर बताए गांव से फरार हो गए थे.
Gujarat Vidhansabha Chunav: झलोद विधानसभा सीट पर कई प्रयासों के बाद साल 2002 में बीजेपी ने जीत का स्वाद चखने में सफलता पाई थी. उससे पहले 1985, 1990, 1995, 1998 में कांग्रेस को ही जीत मिली थी. इस सीट पर 1 लाख 71 हजार 371 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 35 हजार 961 पुरुष, 1 लाख 35 हजार 405 महिला मतदाता और 5 अन्य मतदाता हैं.
Gujarat Election 2022: गुजरात की बारिया विधानसभा सीट पर साल 2017 में कांग्रेस के वाखला भरतसिंह प्रतापभाई और बीजेपी के बचुभाई मगनभाई खाबड़ के बीच मुकाबला था. इसमें बीजेपी के मगनभाई खाबड़ की जीत हुई थी. वहीं, बीजेपी के बचुभाई मगनभाई ने 2012 के चुनाव में 1 लाख 13 हजार वोट पाकर एनसीपी के भुपेंद्र सिंह चौहान के खिलाफ जीत दर्ज की थी.
Gujarat Election 2022: गरबाडा सीट पर पिछले 10 साल से कांग्रेस का शासन है. इस सीट पर आदिवासी समुदाय का अधिक दबदबा है. साल 2012 में गरबाडा को विधानसभा सीट का दर्जा मिला था. वर्तमान में कांग्रेस चंद्रिकाबेन बारीया यहां के विधायक हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 105 गांव हैं. जिसमें 90 प्रतिशत आदिवासी समाज की आबादी है.
गुजरात की फतेपुरा विधानसभा सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई थी. बीते चुनाव में जिले की फतेपुरा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखने को मिला था. इस सीट पर अब तक सिर्फ दो विधानसभा चुनाव हुए हैं. दोनों ही बार बीजेपी को जीत मिली है. रमेश कटारा जिले की फतेपुरा सीट से दूसरी बार चुने गए युवा विधायक हैं.
Gujarat Vidhansabha Election 2022: दाहोद विधानसभा सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. साल 1968 में हुए चुनावों के बाद से अब तक केवल तीन बार यहां BJP को जीत मिली है. आदिवासी इलाका होने की वजह से भारतीय ट्रायबल पार्टी भी काफी जोर लगा रही है. चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों ने आदिवासी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.