इंटरनेट पर दुनिया भर के गैर कानूनी काम भी धड़ल्ले से होते हैं. इसे डार्क वेब कहा जाता है (Dark Web). डार्क वेब इंटरनेट का एक छिपा हुआ हिस्सा है जिसे नियमित सर्च इंजनों द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है और जिसे 'टोर' जैसे विशेष ब्राउजर्स के माध्यम से एक्सेस किया जाता है. यह कानूनी और अवैध दोनों तरह की गतिविधियों को होस्ट करता है, जिससे स्कैम और अवैध कंटेंट का खतरा बना रहता है.
कई हैकर इस तरह के काम व्यक्तिगत रूप से या किसी और के लिए करते हैं. ऐसे ग्रुप में एक्सडेडिक, हैकफोरम, ट्रोजनफोर्ज, मजाफाका, डार्कडे और द रियलडील डार्कनेट बाजार शामिल हैं. कुछ को तो स्पष्ट रूप से पीडोफाइल को ट्रैक करने और जबरन वसूली करने के लिए जाना जाता है. वित्तीय संस्थानों और बैंकों के लिए साइबर क्राइम और हैकिंग सर्विसेज भी डार्क वेब के अंतर्गत आते हैं.
भारत में कुछ यूट्यूब चैनल फैमिली ब्लॉग्स के नाम पर यौन संकेतों वाली सामग्री बना रहे हैं, जो टेलीग्राम पर पोर्न बेचने तक जा रही है. यह नाबालिगों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहा है और डिजिटल कंटेंट क्रिएशन इंडस्ट्री के पीछे छिपे काले सच को उजागर करता है.
Telegram News: टेलीग्राम CEO Pavel Durov की गिरफ्तार के बाद एक बार फिर ये प्लेटफॉर्म चर्चा में है. चर्चा इसके इस्तेमाल को लेकर हो रही है. दरअसल, फ्रांस में टेलीग्राम CEO को प्लेटफॉर्म पर जरूरी मॉडरेशन प्रक्रिया फॉलो नहीं करने की वजह से गिरफ्तार किया गया है. देखें वीडियो.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को प्रेसवार्ता में बताया था कि यूजीसी नेट के कुछ सवाल डार्क वेब के जरिये लीक हो गए थे. इसकी जानकारी मिलने के बाद ये यूजीसी नेट को कैंसिल किया गया. उन्होंने कहा कि डार्क वेब पर ही नेट एग्जाम का पेपर लीक किया गया है. ऐसेे में आइए जानते हैं कि डार्क वेब होता क्या है.
Delhi School Bomb Threat: दिल्ली-NCR के 150 स्कूलों को बम से उड़ाने की मिली धमकी की जांच मुश्किल हो गई है. दरअसल, इन ईमेल के IP ऐड्रेस को जब ट्रेस किया गया, तो उसकी लोकेशन रूस की मिली. हालांकि, प्रॉक्सी सर्वर के इस्तेमाल की पुलिस को आशंका है. पुलिस का कहना है कि इन ईमेल के तार डार्क वेब से जुड़े हो सकते हैं. इन्हें भेजने में विदेशी सर्वर और डार्क वेब का इस्तेमाल हुआ होगा. इस कारण इन्हें ट्रैक करना आसान नहीं.
दिल्ली-NCR के 150 स्कूलों में बुधवार को हड़कंप मचा रहा. स्कूलों में अफरा-तफरी की वजह उन्हें बम से उड़ाने की धमकी वाला ईमेल था. दरअसल, दिल्ली-NCR के कई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी. ये धमकी ईमेल के जरिए दी गई थी. पुलिस ने जब इसकी जांच की तो भेजे गए ईमेल का IP ऐड्रेस रूस का निकला.
देश की राजधानी दिल्ली के 150 से ज्यादा स्कूलों को बम धमाकों से उड़ाने की धमकी किसने दी, ये सवाल 24 घंटे बाद भी हवा में तैर रहा है. हालांकि, एजेंसियों ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे भी किए हैं. आज इस मामले को विस्तार से समझते हैं. साथ ही ये भी जानेंगे कि Dark Web, IP Address से हैकर्स कैसे गुमराह करते हैं.
दिल्ली-NCR के 150 स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. दरअसल, इन ईमेल के IP ऐड्रेस को जब ट्रेस किया गया, तो उसकी लोकेशन रूस की मिली. हालांकि, प्रॉक्सी सर्वर के इस्तेमाल की पुलिस को आशंका है. पुलिस का कहना है कि इन ईमेल के तार डार्क वेब से जुड़े हो सकते हैं. देखें वीडियो.
दिल्ली और नोएडा के कई स्कूलों में बॉम्ब थ्रेट के ईमेल किए गए हैं. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. लेकिन अब तक ये साफ नहीं है कि ईमेल किसने किया है. सोर्स बता रहे हैं कि ईमेल आईडी में Russia की IP है. हालांकि ये ईमेल भारत से भी किया गया हो सकता है, क्योंकि IP एड्रेस बदल कर किसी दूसरे देश की IP यूज करके कोई भी ईमेल कर सकता है.