दीपक कोचर (Deepak Kochhar), NuPower Renewables Pvt. लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ हैं. मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के आरोपों के कारण उनकी पत्नी चंदा कोचर (Chanda Kochhar) ने 2018 में आईसीआईसीआई के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया था. दरअसल उनपर दीपक के फर्म वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज को 2009 के दौरान उच्च मूल्य के ऋण देने का आरोप है (Deepak Kochhar, Videocon Fraud Case). कथित ऋण धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़े एक मामले में उन्हें दिसंबर 2022 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (ED) ने गिरफ्तार किया था. बाद में, चंदा कोचर और दीपक कोचर को इस मामले में 23 दिसंबर 2022 को केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया (Deepak Kochhar and Chanda Kochhar Arrested).
दीपक की NuPower Renewables की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी की स्थापना दिसंबर 2008 में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र बिजली उत्पादक के रूप में की गई थी. तब से कंपनी के पास तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में स्थित परियोजनाओं में लगभग 700 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा परिसंपत्तियां चल रही हैं. NuPower कार्यालय बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में ICICI बैंक के कॉर्पोरेट मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित है.
दीपक कोचर ने जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (जेबीआईएमएस), बॉम्बे विश्वविद्यालय से वित्त में मास्टर डिग्री प्राप्त की है, जहां चंदा कोचर उनकी बैचमेट थीं (Deepak Kochhar Education).
दीपक कोचर ने चंदा कोचर से शादी की और उनके दो बच्चे हैं (Deepak Kochhar wife and children).
आरोप है कि जब चंदा कोचर आईसीआईसीआई बैंक की कमान संभाल रही थीं, तब उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को लोन दिया था. बदले में चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी नू रिन्यूएबल को वीडियोकॉन से निवेश मिला था. लोन मामले में 2019 से जांच चल रही थी. 2012 में वीडियोकॉन ग्रुप को ICICI बैंक द्वारा लोन दिया गया था.
वीडियोकॉन लोन मामले में आरोपी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि चंदा और दीपक कोचर की गिरफ्तारी कानून के अनुसार नहीं हुई थी. ऐसे में जानना जरूरी है कि सीबीआई से कहां गलती हो गई और किसी को गिरफ्तार करने के नियम क्या होते हैं?