डिफेंस
डिफेंस (Defence), सामूहिक रूप से सशस्त्र बल होता है. इसमें एक या एक से अधिक सैन्य शाखाएं शामिल होती हैं जैसे कि सेना, नौसेना, वायु सेना, अंतरिक्ष बल, मरीन या तट रक्षक. सेना का मुख्य कार्य आमतौर पर बाहरी सशस्त्र खतरों के खिलाफ देश और उसके हितों की रक्षा करना है.
यह एक भारी सशस्त्र, उच्च संगठित बल है जो मुख्य रूप से युद्ध के लिए अभिप्रेत है. यह आम तौर पर एक संप्रभु राज्य द्वारा अधिकृत होता है. इसके सदस्यों को उनकी विशिष्ट सैन्य वर्दी द्वारा पहचाना जा सकता है (Military).
एक राष्ट्र की सेना एक अलग सामाजिक उपसंस्कृति के रूप में कार्य करती है. युद्ध से परे, सेना को राज्य के भीतर अतिरिक्त स्वीकृत और गैर-स्वीकृत कार्यों में नियोजित किया जा सकता है, जिसमें आंतरिक सुरक्षा खतरे, जनसंख्या नियंत्रण, एक राजनीतिक एजेंडा का प्रचार, आपातकालीन सेवाएं और पुनर्निर्माण, कॉर्पोरेट आर्थिक हितों की रक्षा, सामाजिक समारोह और राष्ट्रीय सम्मान गार्ड शामिल हैं (Defence of a Nation).
सैनिक का पेशा इतिहास में दर्ज समय से भी पुराना है. शास्त्रीय पुरातनता की कुछ सबसे स्थायी छवियां इसके सैन्य नेताओं की शक्ति और पराक्रम को दर्शाती हैं. 1274 ईसा पूर्व में फिरौन रामसेस द्वितीय के शासनकाल में कादेश की लड़ाई उनके स्मारकों में दर्शाया गया है. एक हजार साल बाद, चीन के पहले सम्राट, किन शि हुआंग, अपनी सैन्य शक्ति से देवताओं को प्रभावित करने के लिए इतने दृढ़ थे कि उन्होंने खुद को टेराकोटा सैनिकों की एक सेना के साथ दफन कर दिया था. रोमनों ने सैन्य मामलों पर काफी ध्यान दिया, इस विषय पर कई ग्रंथों और लेखों के साथ-साथ कई भव्य नक्काशीदार विजयी मेहराब और विजय स्तंभ भी स्तीत्व में है (Defence History).
भारतीय सेना को अडानी डिफेंस द्वारा असेंबल किए गए इग्ला-एस सिस्टम प्राप्त होंगे, जो रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ एक डील का हिस्सा हैं. अनुबंध में 48 लॉन्चर, 100 मिसाइलें, नाइट-विजन डिवाइस और एक परीक्षण स्टेशन शामिल हैं, जिसकी कीमत ₹260 करोड़ है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इज़रायल को 2,000 पाउंड बमों की आपूर्ति शुरू कर दी है. इस पर पहले रोक लगी थी. तेल अवीव ने रविवार को घोषणा की कि अमेरिका से भारी बम उनके तटों पर पहुंच गए हैं. पिछले एक साल में इजरायल ने लेबनान और गाजा मिलाकर 14 हजार से ज्यादा MK-84 बम गिराए है.
अमेरिका ने F-35 फाइटर प्लेन भारत को देने का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, इसपर अभी बातचीत आगे होनी है. F-35 अमेरिका के बेहतरीन फाइटर प्लेन्स में गिना जाता है. हालांकि, ट्रंप के सहयोगी और दुनिया के टॉप कारोबारी एलन मस्क इस फाइटर प्लेन को लेकर सवाल भी उठा चुके हैं. मस्क ने एक बार इस फाइटर प्लेन को महंगा कबाड़ तक कह दिया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को उन्नत एफ-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स की पेशकश की घोषणा की है. यह घोषणा व्हाइट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान हुई, जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण बदलाव को चिह्नित करती है. जानते हैं इस जेट की खासियत...
अमेरिका-भारत रिश्तों के समर्थक और पाकिस्तान के आलोचक पॉल कपूर ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान दक्षिण एशिया पर अमेरिकी विदेश विभाग की नीति नियोजन टीम का हिस्सा थे.
Aero India 2025 में रूस का Su-57 और अमेरिकी F-35 दोनों आए हैं. दोनों अपनी ताकत और फीचर्स दिखा रहे हैं. भारतीय सैन्य अधिकारियों और सरकार को इसके जरिए इंप्रेस करने की कोशिश कर रहे है.लेकिन भारत के लिए ये जानना जरूरी है कि दोनों में से कौन उसके लिए बेहतर है?
भारत आत्मनिर्भरता की शक्ति और आत्मविश्वास के साथ भविष्य की चुनौती और लड़ाइयों के लिए तैयार हो रहा है. अडानी डिफेंस इन ड्रोन्स को कामीकाजी ड्रोन सिस्टम कहा जाता है. जिन्हें आपने रूस और अमेरिका जैसे बड़े देशों के युद्धों में देखा है. किसने भी बड़े युद्ध हो इन ड्रोन्स के जरिए दुश्मन का सफाया किया जा सकता है.
एयरो इंडिया 2025 में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि HAL पर उनका भरोसा कम हो रहा है. यह टिप्पणी लड़ाकू विमानों की डिलीवरी और अपग्रेड में देरी के कारण की गई. वायुसेना प्रमुख ने एचएएल से चिंताएं दूर करने और आश्वस्त करने को कहा. VIDEO
डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने आज तक से विशेष बातचीत में कहा कि अगले 3-5 साल में भारत का रक्षा निर्यात 1000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा. उन्होंने बताया कि 2035 तक यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का लक्ष्य है. डॉ. कामत ने एलसीए तेजस, ब्रह्मोस, पिनाका मिसाइल सहित कई स्वदेशी हथियार प्रणालियों के निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की. उन्होंने यह भी बताया कि भारत का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान 2028-29 तक अपनी पहली उड़ान भरेगा.
एयरो इंडिया शो में पहली बार तीनों सेना प्रमुखों ने स्वदेशी विमान तेजस में उड़ान भरी. सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने आजतक से विशेष बातचीत में कहा कि यह उड़ान बहुत रोमांचक थी और इससे सेनाओं के बीच विश्वास मजबूत हुआ है. उन्होंने भारत में निर्मित उपकरणों की गुणवत्ता पर जोर दिया और कहा कि आने वाले समय में ये और भी बेहतर होंगे. सेना प्रमुख ने आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कहा कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए स्वदेशी हथियार जरूरी हैं.
बीएसएफ ने अडानी डिफेंस के साथ मिलकर एक अत्याधुनिक ड्रोन रोधी सिस्टम विकसित किया है. यह सिस्टम 15 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के ड्रोन का पता लगा सकता है और 10 किलोमीटर की दूरी पर उसे नष्ट कर सकता है. इस तकनीक की मदद से पंजाब सीमा पर पाकिस्तान से आने वाले कई ड्रोन मार गिराए गए हैं, जो हथियार और नशीले पदार्थ ला रहे थे. यह सिस्टम जल्द ही भारतीय सेना में भी शामिल किया जाएगा, जो देश की सीमा सुरक्षा को और मजबूत करेगा.
जानकारी के मुताबिक मंगलवार दोपहर करीब 3:30 बजे जम्मू जिले के खौर थाने के अंतर्गत केरी बट्टल क्षेत्र में LoC के पास आईईडी ब्लास्ट हुआ. इसमें 3 जवान घायल हो गए, जिन्हें सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इनमें से 2 की इलाज के दौरान मौत हो गई, वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है.
एरो इंडिया शो में स्वीडन का ग्रिपेन फाइटर जेट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यह अत्याधुनिक एविओनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताओं से लैस है. साब कंपनी भारत को टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और मेक इन इंडिया का प्रस्ताव दे रही है. ग्रिपेन की विशेषताओं में नेटवर्क-केंद्रित युद्ध क्षमता, लगातार अपग्रेड की सुविधा, और नए हथियारों को आसानी से एकीकृत करने की क्षमता शामिल है. साब भारत में डिजाइन और विकास केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव दे रही है. देखें आज तक संवाददाता शिवानी शर्मा की ये खास रिपोर्ट.
एयर इंडिया 2025 के पंद्रहवें संस्करण में दुनिया भर के फाइटर और ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हैं. येलहंका एयरफोर्स स्टेशन में स्टैटिक डिस्प्ले में रूस का सु-57ई और अमेरिका का एफ-35 पहली बार एक साथ प्रदर्शित किए जा रहे हैं. भारतीय वायुसेना के सभी एसेट्स, जैसे एलसीए तेजस और नौसेना के कामोव हेलीकॉप्टर भी प्रदर्शनी में शामिल हैं. अगले तीन दिनों में लगभग 7 लाख लोगों के आने की उम्मीद है. 900 से अधिक प्रदर्शक इस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. देखें आज तक संवाददाता शिवानी शर्मा की ये खास रिपोर्ट.
बेंगलुरु में 10 फरवरी, सोमवार से एशिया के सबसे बड़े एयरो इंडिया शो के 15वें संस्करण की शुरुआत हो चुकी है, जिसमें नए भारत की सैन्य ताकत और आत्मनिर्भरता की झलक दिखेगी. इस बार यह शो दो साल के अंतराल के बाद आयोजित हो रहा है. देखें.
एयरो इंडिया 2025 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एलसीए MK 1ए ने येलहांका एयर फोर्स स्टेशन के आसमान में अपनी शक्ति और सटीकता का प्रदर्शन किया. चार जेट्स ने एक अद्भुत 'फिंगर फोर' फॉर्मेशन में उड़ान भरी, जिसे योद्धा फॉर्मेशन नाम दिया गया.
डीआरडीओ ने भारत की सुरक्षा के लिए एक नया अत्याधुनिक रडार सिस्टम विकसित किया है. यह क्यूआर-एफ रडार सिस्टम स्टील्थ विमानों को 400 किलोमीटर की दूरी तक पकड़ सकता है. यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है और पांचवीं पीढ़ी के विमानों का पता लगाने में सक्षम है. यह मोबाइल रडार है जो किसी भी मौसम में काम कर सकता है और समुद्र तल से 4000 मीटर की ऊंचाई तक तैनात किया जा सकता है. डीआरडीओ और बीईएल के सहयोग से बना यह रडार भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. देखें आज तक संवाददाता शिवानी शर्मा की ये खास रिपोर्ट.
एरो इंडिया में ज़ेन टेक्नोलॉजीज के प्रतिनिधि अशोक अतुलरी ने बताया कि उनकी कंपनी ने 2021 से 2024 तक भारतीय सेना और वायुसेना को एंटी ड्रोन सिस्टम सप्लाई किया है. उन्होंने व्योम कवच के बारे में बताया कि यह 20 किलोमीटर तक प्रोटेक्शन देता है और 400 किलोमीटर तक नेटवर्क कर सकता है. इसके अलावा, उन्होंने किलर ड्रोन और शूट एज गन के बारे में भी जानकारी दी, जो भारतीय सेना के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. देखें आज तक संवाददाता शिवानी शर्मा की ये खास रिपोर्ट.
एयरो इंडिया 2025 में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) वॉरियर का प्रोटोटाइप दिखाया, जो भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. जिस समय ये ड्रोन्स सेना में शामिल होंगे, दुश्मन की हालत पस्त कर देंगे.
बेंगलुरु के येलहंका एयरफोर्स स्टेशन में एरो इंडिया 2025 का आयोजन शुरू हो गया है. इस प्रदर्शनी में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जा रहा है. स्वदेशी निर्मित लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) ने हवा में अपने करतब दिखाए. देखिए VIDEO
भारत का Zorawar टैंक बहुत ऊंचाई वाले इलाकों में भी आसानी से चल सकता है. इसके ट्रायल्स सफल रहे हैं. इसकी तुलना चीन के Type-15 टैंक से की जा रही है. चीन के Type 15 लाइट टैंक के मुकाबले कितना दमदार है भारत का Zorawar टैंक?