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दिल्ली मेट्रो

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दिल्ली मेट्रो

दिल्ली मेट्रो भारत की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में यात्रा का सबसे तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक साधन बन चुका है. यह देश की पहली आधुनिक मेट्रो सेवा है, जिसे 24 दिसंबर 2002 को शुरू किया गया था. वर्तमान में, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क लाखों यात्रियों को हर दिन उनके गंतव्य तक पहुंचाने का काम करता है.

दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) द्वारा संचालित इस प्रणाली की योजना 1995 में बनी थी और 1998 में निर्माण कार्य शुरू हुआ. आज यह मेट्रो प्रणाली दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और बहादुरगढ़ जैसे शहरों तक विस्तारित हो चुकी है.

वर्तमान में, दिल्ली मेट्रो के 10 से अधिक रंग-कोडेड कॉरिडोर हैं, जिनमें प्रमुख रूप से रेड लाइन, ब्लू लाइन, येलो लाइन, ग्रीन लाइन, वायलेट लाइन, पिंक लाइन, मजेंटा लाइन, ग्रे लाइन और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन शामिल हैं. 

दक्षिण कोरिया की ROTEM कंपनी ने दिल्ली मेट्रो की कुछ ट्रेनों का निर्माण किया है. भारतीय कंपनी BEML लिमिटेड ने भी दिल्ली मेट्रो ट्रेनों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. BEML ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को 1,250 से अधिक मेट्रो कारों की आपूर्ति की है, जिनमें से कई स्वदेशी रूप से निर्मित हैं.

दिल्ली मेट्रो का निर्माण 1998 में शुरू हुआ और रेड लाइन पर पहला एलिवेटेड ट्रेन शाहदरा से तीस हजारी के बीच 25 दिसंबर 2002 को चलाया गया (First Delhi Metro). येलो लाइन पर पहला अंडरग्रउंड ट्रेन विश्व विद्यालय से कश्मीरी गेट तक 20 दिसंबर 2004 को चलाया गया. मेट्रो नेटवर्क के विकास को चरणों में विभाजित किया गया था. 3 लाइनों वाला पहला चरण 2006 तक पूरा हो गया था और दूसरा चरण 2011 में पूरा हो गया. तीसरा चरण 2022 के अंत तक पूरा हो गया. चौथे चरण के तहत निर्माण औपचारिक रूप से 30 दिसंबर 2019 को शुरू किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2025 को दिल्ली मेट्रो के फेज-4 के पहले सेक्शन का उद्घाटन किया था.

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