महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र गंगाधरराव फडणवीस (Devendra Gangadharrao Fadnavis) महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से छठी बार चुनाव लड़ा और जीते. देवेंद्र फडणवीस ने 5 दिसंबर 2024 को एक भव्य समारोह में महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. वह तीसरी बार महाराष्ट्र के CM बनें. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे. एनसीपी नेता अजित पवार और शिवसेना के एकनाथ शिंदे भी उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली (Maharashtra CM).
यह तीसरी बार है जब नागपुर से विधायक फडणवीस (54) महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ लेंगे.
वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य (BJP Leader) हैं. उन्होंने 2014 से 2019 तक महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री (18th Chief Minister of Maharashtra) के रूप में कार्य किया.
44 वर्ष की आयु में राज्य के दूसरे सबसे कम उम्र (second-youngest CM) के मुख्यमंत्री बने. उन्हें 2019 में महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया.
इनका जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर, महाराष्ट्र (Born in Nagpur, Maharashtra) में गंगाधरराव और सरिता फडणवीस के घर हुआ था (Parents). कानून में स्नातक करने के बाद वह 1998 में जर्मनी (Germany) चले गए और डहलेम स्कूल ऑफ एजुकेशन (Dahlem School of Education) से बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट-ग्रेजुएशन और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया. उन्होंने 2006 में अमृता फडणवीस (Amruta Fadnavis) से शादी की और इनके एक बेटी है.
देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के साथ अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और 1990 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गए. उन्होंने नागपुर के राम नगर वार्ड से अपना पहला नगरपालिका चुनाव जीता और 1992 में, 22 साल की उम्र में, सबसे कम उम्र के पार्षद के रूप में चुने गए. वर्ष 1997 में, वे नागपुर नगर निगम के सबसे कम उम्र के मेयर (Youngest Mayor of Nagpur) और भारत के दूसरे सबसे कम उम्र के मेयर (Second Youngest Mayor in India) बने. साल 1999 से 2004 तक उन्होंने लगातार तीन बार महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य के रूप में कार्य किया.
फडणवीस को 2001 में भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने 2010 में भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के महासचिव के रूप में कार्य किया और 2013 में राज्य इकाई के अध्यक्ष बने. 2019 में नागपुर दक्षिण पश्चिम विधानसभा सीट से उन्हें देबारा अध्यक्ष चुना गया. एनसीपी नेता अजीत पवार के साथ गठबंधन करने के बावजूद विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रहने के कारण शपथ लेने के तीन दिन बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.
उनका ऑफिशियल ट्विटर हैंडल @Dev_Fadnavis है और उनके फेसबुक पेज का नाम Devendra Fadnavis है. वह इंस्टाग्राम devendra_fadnavis नाम से एक्टिव हैं.
नीतीश कुमार के लिए कोई मजबूरी नहीं थी कि वो सात नए मंत्री केवल बीजेपी के ही बनायें. हो सकता है कि सरकार बनते समय दोनों ही पार्टियों के बीच कुछ समझौता हुआ हो कि विधायक की संख्या के हिसाब मंत्री बनाए जाएंगे. पर अब तक यदि नीतीश कुमार बीजेपी विधायकों को मंत्री नहीं बना रहे थे अचानक कैसे तैयार हो गए? जाहिर है कि सवाल तो उठेंगे ही.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंत्रियों के कुछ निजी सचिवों और ओएसडी की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है. उन्होंने 125 में से 109 नामों को ही मंजूरी दी. फडणवीस ने कहा कि वो दागी नियुक्तियों को मंजूरी नहीं देंगे. उनके इस फैसले के बाद राजनीतिक बवाल मच गया है. देखें मुंबई मेट्रो.
विधानसभा अध्यक्ष ने शिवसेना और एनसीपी दोनों को समितियों के लिए अपने नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी समितियों का दावा नहीं किया है और भाजपा के ऐलान के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इस निर्णय से महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आने की संभावना है, क्योंकि इससे सत्ता का संतुलन भी प्रभावित हो सकता है.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में तनातनी और बढ़ चुकी है। तीन महीने पहले प्रचंड बहुमत हासिल करके सत्ता पर काबिज हुई महायुति गठगंधन सरकार के दोनों डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार भाजपा के हालिया कदम से नाराज हो गए हैं। इतना ही नहीं महायुति सरकार का प्रतिनिधित्व कर रही भारतीय जनता पार्टी के पक्षपात भरे रवैये और मनमानियों पर शिंदे शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी ने नाराजगी भी जाहिर की है।
महाराष्ट्र NCP (SP) अध्यक्ष जयंत पाटिल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बीच बैठक हुई है. हालांकि, पाटिल ने सफाई में कहा कि मुंबई में बैठक के दौरान राजनीति पर चर्चा नहीं हुई. इधर, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने 'फिक्सर' को मंत्रियों का ओएसडी या पीएस नहीं बनने देने के लिए सीएम फडणवीस की तारीफ की है.
महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ तब आया, जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच मतभेद बढ़ने लगे. फडणवीस ने शिंदे के मुख्यमंत्री काल की योजनाओं पर रोक लगाने का फैसला किया है. इससे राजनीतिक तनाव बढ़ा है. शिंदे ने इशारों में साफ कर दिया है कि उन्हें हल्के में न लिया जाए. देखें.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार नोडल एजेंसियों की नियुक्ति, रणनीति निर्माण और खरीद एजेंसियों के चयन को लेकर नई नीति तैयार करने की योजना बना रही है. साथ ही, उन एजेंसियों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी, जो तय मानकों को पूरा नहीं करती हैं.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर में जोरदार बयान देते हुए कहा कि उन्हें हल्के में न लिया जाए. उन्होंने इंगित किया कि 2022 में भी जब उन्हें हल्के में लिया गया था, तब उन्होंने सरकार को पलट कर दिखा दिया था. इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा. इसके संकेत उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हालिया बयानों से मिलते हैं. सूत्रों की मानें तो शिंदे और मुख्यमंत्री फडणवीस के बीच कोल्ड वॉर की स्थिति है. इस बीच शुक्रवार को एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर दो दिन पहले दिया अपना 'टांगा पलटने' वाला बयान दोहराया.
महाराष्ट्र की महायुति सरकार में अनबन की खबरों के बीच उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया बड़ा बयान. शिंदे ने कहा, 'जिन्होंने मुझे हल्के में लिया, उनकी सरकार बदल दी'. प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद शिंदे का यह बयान चर्चा में. महायुति में तनाव की अटकलों के बीच शिंदे ने कहा, 'मुझे हल्के में मत लेना, मेरा इशारा जिसे समझना है वो समझ ले'. क्या महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से उथल-पुथल की आहट?
देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे अपनी-अपनी ताकत दिखाने के मौके ढूंढते नजर आ रहे हैं. लेकिन जिस तरीके से मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी तरफ से एकनाथ शिंदे और उनके मंत्रियों की नाकाबंदी की है, वह देखते हुए इनके संबंधों मे सुधार आने की गुंजाइश कम होती नजर आ रही है.
बीजेपी की ओर से अलग-अलग जातीय समूहों को मुख्यमंत्री पद देने से यह साफ होता है कि पार्टी ने जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति तैयार की है. खासकर ओबीसी, एसटी और ब्राह्मण समुदायों को प्रतिनिधित्व देकर पार्टी ने विभिन्न सामाजिक समूहों को साधने का प्रयास किया है.
दिल्ली में रामलीला मैदान में रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री के शपथग्रहण के मौके पर पीएम मोदी एनडीए के सभी नेताओं से मिले. लेकिन जब मंच पर पीएम मोदी महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से मिले तो पीएम ने उनका हाथ दबाकर मजाक में शिंदे से कुछ ऐसा कहा जिसके बाद फडणवीस और शिंदे समेत सभी नेता ठहाके लगाने लगे. देखें मुंबई मेट्रो.
रेखा गुप्ता दिल्ली में लेडीज-फर्स्ट वाले फॉर्मूले से मुख्यमंत्री पद के सारे दावेदारों पर भारी पड़ी हैं, और इसीलिए प्रवेश वर्मा जैसे मजबूत नेताओं को कैबिनेट में ऐडजस्ट करना पड़ा है, जैसे महाराष्ट्र में पिछली बार देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बना दिया गया था.
शिंदे की शिवसेना और सीएम फडणवीस के बीच एक नया विवाद सामने आ गया. सूत्रों से खबर है कि, शिंदे के 20 विधायकों की वाई प्लस सुरक्षा हटा दी गईं हैं. अब विपक्ष तंज कस रहा है कि, वैलेंटाइन वीक में महायुति में क्या हो रहा है.
विकिपीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री का मुद्दा मराठा शासक छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित विक्की कौशल अभिनीत बॉलीवुड फिल्म 'छावा' की रिलीज के कुछ दिनों बाद सामने आया है. केआरके के नाम से मशहूर निर्माता कमाल राशि खान ने विकिपीडिया की इस जानकारी पर भरोसा किया और 17 फरवरी को X पर एक पोस्ट में छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में गलत और आपत्तिजनक बातें लिखीं. केआरके का यह विवादित पोस्ट जल्द ही वायरल हो गया.
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे का एक बयान राजनीतिक चर्चाओं में हैं. उन्होंने कहा था कि "मुझे हल्के में मत लो" जिसे उनका कहना है कि गलत संदर्भ में लिया गया. फडणवीस के साथ उनके संबंधों में तनाव की खबरें हैं. शिंदे की बैठकों से गैर-मौजूदगी और उनके बयान ने इन अटकलों को बढ़ावा दिया.
जब इस मुद्दे पर फडणवीस से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इसे सामान्य बताया और कहा कि इस व्यवस्था में कुछ गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि जब वह राज्य के डिप्टी सीएम थे तब उनका कार्यालय भी मुख्यमंत्री के कार्यालय के पास था. फडणवीस ने यह भी कहा कि सरकार सुचारू रूप से चल रही है.
कांग्रेस नेता हुसैन दलवई कहते हैं, "लव जिहाद जैसा कुछ होता ही नहीं है. लोकतंत्र में कोई भी धर्म फॉलो कर सकते हैं. हमारा देश सेक्लुयर है, ये लोग देश के फैब्रिक और कल्चर को बिगाड़ना चाहते हैं."
महाराष्ट्र सरकार ने लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए डीजीपी की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पैनल का गठन किया गया है. इस पैनल में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, महिला और बाल विकास विभाग, अल्पसंख्यक विकास विभाग, विधि और न्याय विभाग तथा सामाजिक न्याय विभाग के सचिव शामिल हैं.
महाकुंभ में पहुंचने के बाद महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ की. अमृता ने कहा कि सारी व्यवस्थाएं अच्छी हैं. 50 करोड़ लोगों ने कुंभ में डुबकी लगाई है. मैं योगी आदित्यनाथ का इतनी अच्छी व्यवस्था के लिए धन्यवाद करना चाहती हूं.