डीएचएफएल
दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (DHFL), जो अब पिरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के ना म से जाना जाता है. यह एक गैर-जमा लेने वाली हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है, जिसका मुख्यालय मुंबई में है. इसकी शाखाएं पूरे भारत के प्रमुख शहरों में स्थित है. डीएचएफएल की स्थापना, किफायती आवास वित्त को सक्षम करने के लिए की गई थी. डीएचएफएल देश में स्थापित होने वाली दूसरी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है. यह भारत की 50 सबसे बड़ी वित्तीय कंपनियों में से एक है. DHFL को ICRA लिमिटेड ने ICRA D का दर्जा दिया है.
DHFL की स्थापना 11 अप्रैल 1984 को राजेश कुमार वधावन ने की थी. कंपनी का नाम बदलकर दीवान हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस लिमिटेड और बाद में दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्पोरेशन कर दिया गया (Foundation of DHFL).
2010 में DHFL ने 1,079 करोड़ में ड्यूश पोस्टबैंक होम फाइनेंस यूनिट का अधिग्रहण किया था. 18 दिसंबर 2013 को इस कंपनी ने डीएचएफएल प्रामेरिका लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की 74% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया (DHFL Acquired Deutsche Postbank Home Finance).
ईडी (ED) ने यस बैंक को विभिन्न धोखाधड़ी और डीएचएफएल में डिबेंचर के रूप में 3700 करोड़ रुपये के लेनदेन के लिए तलब किया. दीवान हाउसिंग फाइनेंस (DHFL) में केंद्रीय बैंक द्वारा नियुक्त प्रशासक ने यस बैंक पर नियामक कार्रवाई की. जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप सामने आए, जिसके बाद गैर-बैंक ऋणदाता पर लेनदेन ऑडिट का आदेश दिया है (Regulatory Action on Yes Bank).
24 मार्च 2021 को सीबीआई ने डीएचएफएल और उसके प्रमोटरों, कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) के खिलाफ एक नया मुकदमा दायर किया (CBI filed a suit against DHFL). बाद में उसी योजना के तहत 260,000 फर्जी होम लोन खाते (Fake Home Loan Accounts, DHFL) बनाकर प्रधान मंत्री आवास योजना के कल्याण सब्सिडी कोष को बंद करने का आरोप लगाया गया था (Pradhan Mantri Awas Yojana).
DHFL के पूर्व निदेशक धीरज वधावन को सोमवार की रात मुंबई से गिरफ्तार किया गया और उसे एक विशेष अदालत में पेश किया गया. जहां से उसे मंगलवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इससे पहले उनके भाई कपिल को इस मामले में 19 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार किया गया था.
विशेष अदालत मुंबई ने यस बैंक में कथित घोटाले से संबंधित एक मामले में आरोपी कपिल वधावन को नासिक जिले की जेल में ट्रांसफर करने की अनुमति दे दी है. इंडिया टुडे ने दिखाया था कि इलाज के नाम पर कैसे जेल से बाहर आकर वधावन बंधु मौज कर रहे हैं.
आजतक ने मंगलवार को खुलासा किया था कि देश की 17 बैंकों को 34,614 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले वधावन बंधुओं को मेडिकल जांच के नाम पर हफ्ते में कई बार अस्पताल लेकर जाया जाता है, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इस दौरान वधावन परिवार के सदस्य भी मौजूद रहते हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते हैं.
34,614 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में मुंबई जेल में बंद डीएचएफएल के पूर्व प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन के मामले में नया खुलासा हुआ है. आजतक के स्पेशल ऑपरेशन में सामने आया है कि जेल प्रशासन की मेहरबानी से जेल में ऐश काट रहे हैं. दोनों मेडिकल जांच के नाम पर अस्पताल जाते हैं, जहां पार्किंग में उनकी मीटिंग अरेंज कराई जाती हैं. इतना ही नहीं इस दौरान दोनों मोबाइल-लैपटॉप का इस्तेमाल करते नजर आते हैं. इस दौरान कपिल और धीरज वधावन के घर के लोग और अन्य सहयोगी भी मौजूद रहते हैं.
सीबीआई ने 34,000 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले की जांच के दौरान एक हेलिकॉप्टर जब्त किया है. ये हेलिकॉप्टर पुणे के बिजनेसमैन अविनाश भोंसले का है. भोंसले का ये हेलिकॉप्टर अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी का है.