डायबिटिज या मधुमेह (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो इंसान के रक्त में ग्लूकोज के तय सीमा से अधिक हो जाने पर होती है (Blood Sugar). रक्त में मौजूद ग्लूकोज ऊर्जा का मुख्य स्रोत है और जो भोजन से आता है.
इंसुलिन, अग्न्याशय द्वारा बनाया गया एक हार्मोन है, जो भोजन से ग्लूकोज को अलग कर कोशिकाओं में ऊर्जा के लिए उपयोग करने में मदद करता है. कभी-कभी शरीर पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता है या इंसुलिन का अच्छी तरह से उपयोग नहीं कर पाता है. तब ग्लूकोज रक्त में ही रह जाता है और कोशिकाओं तक नहीं पहुंचता और रक्त में ग्लूकोज बढ़ जाता है (Role of Insulin).
2015 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में 30.3 मिलियन और दुनिया भर में 9.4 प्रतिशत आबादी को मधुमेह था. उनमें से 4 में से 1 को पता नहीं होता कि उन्हें यह बीमारी है. मधुमेह 65 वर्ष से अधिक आयु के 4 में से 1 व्यक्ति को प्रभावित करता है. वयस्कों में लगभग 90-95 प्रतिशत मामले टाइप 2 मधुमेह के होते हैं (Diabetes in Human).
हाई डायबिटिज के कारण कई अलग तरह की बीमारियां भी हो जाती है जैस-दिल की बीमारी, आघात, गुर्दा रोग, आंखों की समस्या (Diabetes related Disease).
डायबिटीज के लक्षण अचानक हो सकते हैं. टाइप 2 मधुमेह में, लक्षण हल्के हो सकते हैं.
मधुमेह के लक्षणों में शामिल हैं-
बहुत प्यास लगना
सामान्य से ज़्यादा बार पेशाब करने की जरूरत पड़ना
धुंधली दृष्टि
थकान महसूस होना
अनजाने में वजन कम होना
मधुमेह के दो टाइप होते हैं
टाइप 1 मधुमेह
टाइप 1 मधुमेह इंसुलिन के अपर्याप्त उत्पादन से होती है और इसके लिए प्रतिदिन इंसुलिन के सेवन की आवश्यकता होती है. न तो इसका कारण और न ही इसे रोकने के उपाय पता हैं.
टाइप 2 मधुमेह
टाइप 2 मधुमेह आपके शरीर द्वारा ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग करने के तरीके को प्रभावित करता है. यह शरीर को इंसुलिन का ठीक से उपयोग करने से रोकता है, जिससे उपचार न किए जाने पर ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है. समय के साथ, टाइप 2 मधुमेह शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर नसों और रक्त वाहिकाओं को. टाइप 2 मधुमेह को रोका जा सकता है.
बॉम्बे हॉस्पिटल (मुंबई) के एंडोक्राइन एक्सपर्ट और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. राहुल बक्षी (Dr Rahul Baxi) ने बताया है कि पेशाब में चीनी होने का मतलब डायबिटीज होता है.
वर्ल्ड डायबिटीज डे के मौके पर जारी रिपोर्ट में फास्टिंग ग्लूकोज लेवल और HbA1c को पैरामीटर के रूप में इस्तेमाल किया गया. इस रिपोर्ट में भारत में डायबिटीज की स्थिति को लेकर हैरान करने वाले आंकड़े सामने आए हैं.
डायबिटीज होने पर खानपान में की गई छोटी सी लापरवाही भी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है. अगर डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों का पता चल जाता है तो सही खान-पान और सावधानी रखकर डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जा सकता है.
चीनी वैज्ञानिकों ने मूल कोशिका (स्टेम सेल) प्रत्यारोपण के माध्यम से ‘टाइप-1’ मधुमेह के एक पुराने रोगी को ठीक करने का दावा किया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस प्रकिया में रोगी से पहले ही कोशिकाएं लेकर उसमें रासायनिक रूप से कुछ बदलाव किए जाते हैं. फिर इसे मरीज की बॉडी में वापस प्रत्यारोपित किया जाता है.
CDSCO यानी ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कण्ट्रोल ऑर्गनाइजेशन की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है. दरअसल ड्रग रेगुलेटर द्वारा कई दवाओं का क्वालिटी टेस्ट कराया गया था, जिसमें 50 से अधिक दवाएं फेल हो गई हैं. इन दवाओं में हाई BP और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों की दवाईयां भी शामिल हैं. देखें ये वीडियो.
इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने 20 देशों में 31 स्टडीज से 19.7 लाख लोगों के डेटा का विश्लेषण किया जिसमें पाया है कि प्रोसेस्ड और रेड मीट खाने वालों में टाइप टू डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है.
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बिहार के गया में मौजूद ब्रह्मयोनी पहाड़ी पर ऐसे मेडिसिनल प्लांट्स मिले हैं, जो डायबिटीज के इलाज में कारगर हैं. इन पौधों की खोज और उनकी स्टडी मगध विश्वविद्यालय के रिसचर्स ने की है. यहां मिले गुड़मार पौधे में ऐसे एसिड हैं, जो खून में शुगर लेवल को घटा देते हैं.
Does Eating Too Much Sugar Cause Diabetes?: क्या अधिक चीनी या मीठा खाने से डायबिटीज होती है, इस बारे में जानेंगे.
नई रिसर्च में कहा गया है कि महिलाएं अगर एक खास फल खाती हैं तो उनमें डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है. वह कौन सा फल है और यह स्टडी कहां हुई है, इस बारे में जानेंगे.
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एक फॉर्मासिस्ट ने बताया है कि दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में डायबिटीज के लक्षणों को पहचानना काफी जरूरी है. तो आइए उन लक्षणों को जान लेते हैं.
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