डीके शिवकुमा (DK Shivkumar) एक राजनीतिज्ञ हैं. वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के अध्यक्ष हैं. वह कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. वह एचडी कुमारस्वामी के मंत्रिमंडल में सिंचाई मंत्री रह चुके हैं. पहले उन्होंने सिद्धारमैया सरकार के तहत कर्नाटक सरकार में ऊर्जा मंत्री के रूप में कार्य किया था. उन्होंने 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सिद्धारमैया के साथ चुनाव प्रचार में शामिल थें. चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 135 सीट पर जीत हासिल की (Karnataka Assembly Election 2023). डीके शिवकुमार 20 मई को कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे (DK Shivkumar Deputy CM Karnataka 2023)
15 मई 1962 को कर्नाटक में जन्में (DK Shivkumar Born) शिवकुमार ने 1980 के दशक की शुरुआत में एक छात्र नेता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और धीरे-धीरे कांग्रेस पार्टी के रैंकों के माध्यम से आगे बढ़ते रहें. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1989 में जीता और मैसूरु जिले के सथानूर निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए (DK Shivkumar Debut in Politics).
शिवकुमार वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उनका एक छोटा भाई डीके सुरेश है. वो भी एक राजनेता है (DK Shivkumar Brother).
शिवकुमार ने 1993 में उषा से शादी की (DK Shivkumar Wife) और उनके तीन बच्चे हैं. दो बेटियां, ऐश्वर्या और आभरण और एक बेटा आकाश है. उनकी सबसे बड़ी बेटी की शादी कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ के बेटे अमर्त्य से हुई है (DK Shivkumar Children).
हाल में कांग्रेस ने भाजपा नेता किरेन रिजिजू के खिलाफ विशेषाधिकार हनन यानी ब्रीच ऑफ प्रिविलेज नोटिस जारी किया. पार्टी का आरोप है कि रिजिजू ने कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को लेकर झूठे दावे कर सदन को गुमराह करना चाहा. तमिलनाडु से सांसद मणिकम टैगोर ने लोकसभा अध्यक्ष से इस पर कार्रवाई की मांग की है. आरोप साबित हो जाएं तो कई बार कड़ी कार्रवाई भी होती है.
कर्नाटक सरकार द्वारा धर्म के आधार पर आरक्षण देने के फैसले पर विवाद छिड़ गया है. इस पर UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान बताया. उन्होंने कहा कि संविधान सभा में धर्म आधारित आरक्षण का विरोध किया गया था. देखिए.
डीके शिवकुमार ने कहा, "बीजेपी इंटरव्यू में बताई गई सच्चाई और मेरे राजनीतिक रुख को पचा नहीं पा रही है. मैंने कहां कहा है कि मैं संविधान बदलने जा रहा हूं? अगर मैंने ऐसा कहा होता तो मैं इसे स्वीकार कर लेता. हम ही संविधान लेकर आए हैं.'
कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण पर सियासी बवाल मचा हुआ है. बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के इस कदम को संविधान विरोधी बताया. वहीं विपक्ष इसके समर्थन में उतर आया है. उधर, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के 'संविधान बदलने' वाले बयान ने मामले को और तूल दे दिया. क्या बीजेपी को मिल गया कांग्रेस को घेरने का बड़ा मुद्दा? देखें हल्ला बोल.
परिसीमन के खिलाफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन विपक्षी नेताओं के साथ केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरने में जुटे हैं, लेकिन ममता बनर्जी साथ नहीं दे रही हैं - कहीं इसलिए तो नहीं, क्योंकि वो कांग्रेस नेतृत्व के करीब और कट्टर समर्थक हैं. या इसलिए कि ममता की राजनीतिक हैसियत डीएमके के स्टालिन से कहीं बड़ी है. ऐसे में वे इस मुद्दे पर स्टालिन का नेतृत्व क्यों बर्दाश्त करतीं?
डीके शिवकुमार ने हाल ही में कर्नाटक में मुस्लिमों को आरक्षण देने के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर जरूरत हुई तो संविधान में बदलाव भी किया जाएगा. इसको लेकर बीजेपी हमलावर है. बीजेपी ने ये मुद्दा संसद में उठाया. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुस्लिम आरक्षण के लिए बाबा साहब के बनाए संविधान को क्यों बदलना चाहती है.
यह पूछे जाने पर कि क्या हनीट्रैप मुद्दे को विधानसभा में उठाना कांग्रेस और सरकार के लिए शर्मनाक है? इस पर डीके शिवकुमार ने कहा, "इस बारे में मुख्यमंत्री से पूछिए." इससे पहले सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने दावा किया कि कम से कम 48 विधायकों को हनीट्रैप में फंसाया गया है.
कर्नाटक में 100 फीसदी सैलरी बढ़ोतरी का सरकार का ये कदम तब सामने आया है जब राज्य सरकार विकास कार्यों के लिए लगातार फंड की कमी का हवाला देती रही है. इसके अलावा एक गैर सरकारी संस्था के अध्ययन में कहा गया है कि कर्नाटक के विधायक देश में सबसे ज्यादा धनी हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने कहा है कि कर्नाटक के 100 विधायकों की संपत्ति 100-100 करोड़ रुपये से ज्यादा है.
कुछ मंत्रियों ने दो महीने पहले केपीसीसी अध्यक्ष को बदलने की बात खुलकर कही थी और पार्टी हाईकमान के समक्ष यह मांग भी उठाई थी. उस दौरान शिवकुमार ने वरिष्ठ नेताओं को भरोसा दिलाया था कि वे टीपी और जेडपी चुनाव तक केपीसीसी अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे.
भाजपा के आरोपों पर जवाब देते हुए शिवकुमार ने कहा कि यह आरक्षण सिर्फ 2 करोड़ रुपये तक के सरकारी प्रोजेक्ट्स पर लागू होगा. बड़े प्रोजेक्ट्स इस कोटे के तहत नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि हम किसी के अधिकार नहीं छीन रहे, बल्कि दूसरों के लिए भी आजीविका सुनिश्चित कर रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, अगर शिवकुमार और सिद्धारमैया साथ हैं तो हमारा काम हो जाएगा. अगर वे अलग हैं तो मुश्किल होगी. हम चाहते हैं कि वे एक साथ एक ही दिशा में आगे बढ़ें.
कहा जा रहा है कि राजन्ना, जो कथित तौर पर पूरे दिन स्वस्थ थे, उन्होंने बैठक में शामिल न होने और डीके शिवकुमार से मिलने से बचने के लिए खराब सेहत का बहाना बनाया. राजन्ना के जानबूझकर बैठक से बचने के सवाल पर डीके शिवकुमार ने कहा, 'कोई कन्फ्यूजन नहीं है. वे हमारे नेता हैं. हम सभी चाहते हैं कि Apex बैंक को बचाया जाए. उनके मार्गदर्शन में, हम अपने पार्टी नेताओं को बैंक के बोर्ड में नामित करना चाहते हैं.
कर्नाटक की विधानसभा ने दो मसाज कुर्सियां किराए पर ली हैं, जिनमें से प्रत्येक की कीमत लगभग 10,000 रुपये प्रति दिन है, साथ ही 15 रिक्लाइनर भी रेंट पर लिए गए हैं. एक रिक्लाइनर का रेंट 1500 रुपये प्रति दिन है. स्पीकर खादर ने विधानसभा में विधायक बेहतर कार्य कर सकें, इसके लिए इस कदम को आवश्यक बताया और दृढ़तापूर्वक अपने फैसले का बचाव किया.
कर्नाटक कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी देखने को मिल रही है. एक तरफ डीके शिवकुमार के समर्थक विधायक उन्हें सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं तो वहीं सिद्धारमैया को समर्थन देने वाले उनके 5 साल का कार्यकाल पूरा करने का दावा कर रहे हैं.
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई हैं. कांग्रेस विधायक बसवराजू वी शिवगंगा ने रविवार को दावा किया कि आने वाले दिसंबर में राज्य को नया सीएम मिल जाएगा. वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने भी यह बात दोहराई.
समारोह में प्रतिष्ठित फिल्मी हस्तियों की कम मौजूदगी पर नाराज शिवकुमार ने फिल्म चैंबर और अकादमी के सदस्यों को कड़ा संदेश दिया. उन्होंने कहा, 'आगे से इसे या तो चेतावनी समझिए या निवेदन. यह मेरा कार्यक्रम नहीं, आपका कार्यक्रम है. हमारे मुख्य स्पॉन्सर, भीमा ज्वैलरी, वहीं बैठे हैं. क्या सिर्फ 20 लोगों के लिए यह सिनेमा जरूरी है?'
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ईशा योग सेंटर में महाशिवरात्रि समारोह में शामिल हुए थे, जिसे लेकर कांग्रेस दो धड़ों में बंट गई है. कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने सवाल उठाया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करने वालों के साथ शिवकुमार मंच कैसे साझा कर सकते हैं?
अपने दौरे का बचाव करते हुए शिवकुमार ने अपनी आस्था को लेकर स्पष्ट कहा, 'मैं हिंदू के रूप में जन्मा था और हिंदू के रूप में मरूंगा.' डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा, 'सद्गुरु कर्नाटक से हैं. वह कावेरी जल के लिए लड़ रहे हैं. उन्होंने आकर मुझे व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया. वह कुछ महान काम कर रहे हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायक और नेता वहां थे इसलिए, मैं वहां गया. यह मेरी व्यक्तिगत आस्था है.'
कर्नाटक बीजेपी ने कांग्रेस की स्टेट यूनिट में विभाजन की अटकलों को हवा देते हुए कहा, 'पार्टी में ऐसे कई लोग हैं जो एकनाथ शिंदे जैसे हो सकते हैं.' पार्टी ने आरोप लगाया कि डीके शिवकुमार उनमें से एक हो सकते हैं.
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कई अफवाहों और कयासों पर खरा-खरा बयान दिया. उनकी सीएम पद की महात्वाकांक्षा पर जब उनसे सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'पार्टी ने सिद्धारमैया को सीएम चुना है. मैं डिप्टी सीएम और केपीसीसी अध्यक्ष हूं. मैं पार्टी के फैसले का सम्मान करता हूं. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि मेरे पास अनुभव है और इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए.अपने धार्मिक विश्वास पर उन्होंने साफ-साफ कहा कि मैं हिंदू के रूप में पैदा हुआ था और हिंदू के रूप में ही मरूंगा.
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "हमें तालुका स्तर पर काम करने वाले लोगों की जरूरत है और हमें ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है, जो बेंगलुरु में सीनियर नेताओं के इर्द-गिर्द घूमते हों."